पॉलिटॉक्स न्यूज/दुनिया. सुनने में आ रहा है कि इन दिनों पाकिस्तान के वजीरे आजम जनाब इमरान खान साहब की नीदें उड़ी हुई है. वैसे तो जब से अमित शाह देश के गृह मंत्री बने हैं, पाक पीएम के चेहरे की हवाईयां उड़ी हुई हैं. कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान और वजीरे आजम का रवैया इसकी कहानी पहले ही कह चुके हैं लेकिन इस दिनों सुना है कि जनाब इमरान खान साहब को नींद भी नहीं आ रही. वजह साफ है पाकिस्तान के हाथों से गिलगिट एवं बाल्टिस्तान फिसलने का डर. जब से भारत ने पाकिस्तान को पीओके सहित गिलगिट और बाल्टिस्तान के मौसम का हाल सुनाया, इमरान खान और हुकम-ए-पाकिस्तान के सिर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि हिंदुस्तान ने हाल ही में पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) स्थित गिलगिट और बाल्टिस्तान के मौसम का हाल बताया. जब पाकिस्तान ने इसका विरोध जताया तो भारत ने साफ तौर पर कहा कि पीओके हमारा ही तो है. ऐसे में वहां का मौसम भी हमारा है. भारत का पाक को दो टूक और पाकिस्तान की बौखलाहट से अब लगने लगा है कि पीओके की घर वापसी की ओर दूसरा कदम बढ़ गया है. पहला कदम कश्मीर में बदलाव करके बढ़ाया जा चुका है. अब भारत की ओर से पीओके इलाके में की गई मौसम की भविष्यवाणी से पाकिस्तान में खौफ बढ़ गया है.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुलकर पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप लगा रहे हैं. हाल में गुट निरपेक्ष (NAM) देशों के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का जिक्र किया था और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग आतंक का जानलेवा वायरस, फर्जी खबरें और फर्जी वीडियो फैलाने में लगे हैं. पीएम मोदी का ये अंदाज सीधे पाकिस्तान के सीने पर शब्दभेदी बाण चलाने जैसा रहा.
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पाकिस्तान दुनियाभर में इस बात में भी बैकफुट पर आ रहा है कि जहांं एक ओर भारत में कोरोना संकट काल में 54 दिन का लगातार लॉकडाउन लगाया गया है, वहीं पाकिस्तान के वजीरे आला अल्लाह से दुआ मांग कर रहे हैं कि वे उन्हें और उनकी आवाम को बरकत और रहमत बरसे. वहां आज भी कोरोना से बचने के लिए मस्जिदों में दुआ मांगी जा रही है. वहीं इस विपत्ति की घड़ी में जहां पूरी दुनिया कोरोना माहमारी से जूझ रही है, पाकिस्तान की ओर से भारतीय जवानों पर हमला किया जा रहा है. कोरोना संक्रमित लोगों के चोरी छुपे भारतीय सीमा में भेजने की भी खबरें हैं.
अब जब भारत ने पीओके के मौसम का हाल सुना ही दिया है, ऐसे में पाकिस्तान सरकार को सकते में है ही, साथ ही इमरान खान दोहरे चक्रव्यूह में फंस गए हैं. बात ये भी है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गिलगिट और बाल्टिस्तान में चुनाव कराने और सरकार बनाने को मंजूरी दे दी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत पाक सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए आंखें तरेरते हुए कहा कि पीओके हिंदूस्तान का अभिन्न अंग है. साथ ही पाकिस्तान को पीओके जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, खाली करने के लिए कहा है. अब पाकिस्तान को भी लगने लगा है कि कश्मीर के सपने देखते-देखते वह पीओके के साथ-साथ अब गिलगिट-बाल्टिस्तान पर भी मुंह की खाएगा.
कश्मीर पर पिटाई भी इमरान खान की सीने पर चुभ रही है. अब बात पीओके पर भी आ गई है. हंदवाड़ा मुठभेड़ को अंजाम देकर पाक ने वैसे ही सोये सांप के पूंछ पर पैर रख दिया है. पाक को भी पता है कि कोरोना संकट के चलते कोई भी देश इस मुद्दे में उनकी मदद करने की हालत में नहीं है. अगर भारत के गुस्से का सैलाब आ गया तो उसमें पाकिस्तान का तिनके की तरह बह जाना तय है. हिंदुस्तान ने पाकिस्तान की हरकतों के बाद उस पर अमल करना शुरू कर दिया है.
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यही वजह है कि पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने फिर दुनिया की दौड़ लगाई है कि कोई तो बचाओ. उन्होंने हाल ही में कहा कि मैं पाकिस्तान को निशाना बनाने वाले भारत के लगातार प्रयासों के बारे में दुनिया को आगाह कर रहा हूं. एलओसी के पार भारत के घुसपैठ के नए आधारहीन आरोप इस खतरनाक एजेंडे की निरंतरता हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने से पहले कार्य करना चाहिए.
ये सब संकेत है भारत के उस संकल्प का जिसके चलते भारत ने पीओके से अपना दावा कभी नहीं छोड़ा. गृह मंत्री लोकसभा में पहले ही कह चुके हैं कि भारत अपने खोये हुए क्षेत्र कभी नहीं छोड़ेगा, फिर वो सियाचीन हो या फिर पीओके. अब तो सेना ने भी कदम आगे बढ़ा दिए हैं. अब तो हिंदुस्तान के पीएम के सीने की कसक का सवाल जो आ खड़ा हुआ है.