पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों से पहले ही मौत का तांडव शुरू हो गया था जो अब तक यानी चुनाव परिणामों के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की बीच हुई झड़प में 4 भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई. बाद में यही कार्यकर्ता पुलिस से भी भिड़ गए. सोमवार को बीजेपी ने बंगाल बंद का ऐलान किया. उस समय लगा कि अब शायद मामला शांत हो जाएगा लेकिन यह शायद तूफान से पहले की शांति थी. पिछले 12 घंटों में फिर तीन हत्या हो गई और कई कार्यकर्ताओं के लापता होने की भी खबर है.
यहां बीजेपी ने दावा किया है कि हावड़ा जिले में पार्टी के एक समर्थक समतुल डोलोई (43) को ‘जय श्री राम’ बोलने मात्र से टीएमसी समर्थकों ने मार डाला. उसका शव अमता थाना क्षेत्र के सरपोता गांव के एक खेत में मिला. पुलिस ने मौत की पुष्टि की है. उनका शव एक पेड़ से फंदे से लटकता मिला है. वह रविवार को एक समारोह में गया था लेकिन घर नहीं लौटा. डोलोई बीजेपी समर्थक था. डोलोई ने पिछले दिनों जय श्री राम रैलियों का आयोजन किया था. तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थी. इस घटना से एक दिन पहले रविवार को एक आरएसएस कार्यकर्ता स्वदेश मन्ना का शव भी पेड़ से लटकता मिला था.
वहीं बंगाल के नार्थ 24 परगना जिले के कांकीनारा इलाके में देसी बम से किए गए एक हमले में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई. मृतक का नाम मो.मुख्तार है. हमले में मुख्तार की पत्नी सहित कई घायल हुए हैं. इस इलाके में पहले भी हमला हो चुका है. हिंसा के आरोप में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को बंगाल पुलिस ने हिरासत में लिया है.
इनके अलावा, रविवार शाम को बशीरहाट के हथगछिया इलाके में हुई हिंसा में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं मारे गए. इसी दौरान एक टीएमसी कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हुई थी. अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो चुनाव के बाद भी पं.बंगाल में तनाव शांत नहीं हुआ है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कह चुके हैं कि बीते कुछ सालों में 300 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या टीएमसी करा चुकी है. मौजूदा हालातों को देखते हुए तो मौत का यह तांड़व फिलहाल शांत होते नहीं दिख रहा है.
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से ममता बनर्जी ने कहा है कि हालात नियंत्रण में हैं. साथ ही कहा है कि केंद्र सरकार और बीजेपी केवल सरकार गिराने के लिए यह सब करा रही है. दीदी ने यह भी कहा है कि बीजेपी उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन घायल शेर ज्यादा खतरनाक होता है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी राज्य में कोई दंगा या हिंसा होती है तो राज्य सरकार के बराबर केंद्र सरकार भी जिम्मेदार होती है. ऐसे में केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकती है.