बंगाल में दुर्गा पूजा के बहाने ममता दीदी खेल गयी बीजेपी से ‘खेला’!

राज्य की सीएम ममता बनर्जी के दो बड़े ऐलानों ने सियासी में मचाई हलचल, टीएमसी और बीजेपी हुए आमने-सामने, धर्म की राजनीति करने का जड़ा आरोप

mamata banerjee
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पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. फिलहाल सब कुछ शांत है लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी दुर्गा पूजा के बहाने ऐसा राजनीतिक खेल खेल दिया है जिससे बीजेपी चारों खाते चित होती दिख रही है. सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई दो बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है, जिसने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है. इन घोषणाओं पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उसने इसे धर्म की राजनीति और चुनावी तोहफा करार देते हुए ममता सरकार पर विकास को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.

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दरअसल, दीदी’ ने सामुदायिक दुर्गा पूजा के लिए 1.1 लाख रुपये की सरकारी अनुदान की घोषणा की है. दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है. इस योजना के बहाने ममता ने लोगों के दिलों में उतरने की कोशिश की है. वहीं ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान (हमारा मोहल्ला, हमारा समाधान) योजना शुरू की. इसके तहत प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं. ममता बनर्जी ने इस योजना को देश में अपनी तरह की पहली पहल बताया, जिसका लक्ष्य जमीनी स्तर पर जनता की शिकायतों जैसे टूटे नल, खराब सड़कें और स्ट्रीट लाइट्स की समस्याओं का समाधान करना है. इस कार्यक्रम के तहत दो अगस्त से हर तीन बूथों पर कैंप लगाए जा रहे हैं और प्रत्येक बूथ के लिए 10 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं.

आठ हजार करोड़ की है लागत

कुल 8000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना की निगरानी मुख्य सचिव मनोज पंत के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स करेगी. यह योजना स्थानीय लोगों को उनकी समस्याओं के समाधान का फैसला करने का अधिकार देती है, जिसमें सरकार केवल सुविधा प्रदाता की भूमिका निभाएगी. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बंगाल के फंड रोके जाने के बावजूद हम जनता की मुस्कान फीकी नहीं पड़ने देंगे.

बीजेपी ने बताया चुनावी तोहफा

इन दोनों घोषणाओं पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे धर्म की राजनीति एवं चुनावी तोहफा करार दिया और प्रदेश सरकार पर विकास को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. इस संबंध में बीजेपी की राज्य महासचिव और आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार सड़क निर्माण और रोजगार सृजन जैसे विकास कार्यों को छोड़कर धर्म की राजनीति में व्यस्त है.

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बीजेपी नेता ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी शिक्षा, रोजगार और सभी नागरिकों के उत्थान के लिए काम करती है, न कि धर्म आधारित नीतियों के लिए. मंदिर बनाना और पूजा के लिए अनुदान देना सरकार का उद्देश्य नहीं हो सकता. यह सरकार की प्राथमिकताओं में बदलाव दर्शाता है.

2026 में होने हैं विधानसभा चुनाव

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव संभवतः मार्चअप्रैल में आयोजित किया जाएगा, जिसमें पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों के लिए सदस्यों का चयन किया जाएगा. वर्तमान में यहां ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार है ​जो लगातार तीसरी बार से सत्तारूढ़ है. आगामी चुनावों में घमासान होना तय है. ऐसे में टीएमसी और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे पर तंज कसने का कोई अवसर नहीं खोना चाहती है. इस सबके बीच कांग्रेस नंबर तीन पर होकर भी मैदान से गायब प्राय: है. अब देखना होगा कि दुर्गा पूजा के बहाने राज्य सरकार का ये पैतरा जनता के दिलों में घर करना है या फिर नहीं.

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