पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन से मचे हाहाकार के बीच सियासत भी गरमा गई है. आपदा में अब तक 28 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, कई लोग लापता हैं और सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं. इस बीच बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू पर नागराकाटा में कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले ने राजनीतिक माहौल और तनावपूर्ण बना दिया है.
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इस घटना के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस बाढ़ की स्थिति की रिपोर्ट लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा—“हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो संविधानिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.” अल्टीमेटम के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है.
क्या है मामला –
आईएमडी ने पहले ही इलाके के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन समय पर कदम न उठाने को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच बाढ़ राहत सामग्री बांटने पहुंचे बीजेपी सांसद मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर पत्थरबाजी की गई. मुर्मू के सिर और चेहरे पर गंभीर चोट आई है और वे अस्पताल में भर्ती हैं. वीडियो में वे खून से लथपथ नजर आए. वहीं घोष के वाहन को भी नुकसान पहुंचा.
सियासी पारा चढ़ा –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को “अपमानजनक” बताया है. लोकसभा अध्यक्ष ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी ने इसे ‘टीएमसी का जंगल राज’ बताते हुए एनआईए जांच की मांग की है. टीएमसी ने जवाब में इसे जनता की नाराजगी बताया है. राज्यपाल का दिल्ली पहुंचना और राष्ट्रपति से मुलाकात ममता सरकार के लिए बड़ा दबाव बना सकता है.



























