पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. सदन में आरोप प्रत्यारोप के बीच हंसी मजाक और तानाकशी चलती रहती है लेकिन इस बार ऐसा कुछ हुआ कि सदन में बैठे सभी सदस्यों को गुदगुदा गया. सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी इस पर दिल खोलकर हंसने से अपने आपको नहीं रोक पाया. इस सभी के बीच राजस्थान में नई पर्यटन नीति को भी मंजूरी मिल गई. दरअसल हुआ कुछ यूं कि जब सदन में मांग संख्या 36 सहकारिता और मांग संख्या 47 पर्यटन पर चर्चा चल रही थी, उस समय सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह सदन में अनुपस्थित थे. इसी दौरान चर्चा के बीच में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि सहकारिता मंत्री और पर्यटन मंत्री दोनों गायब है. यहां राजनीतिक सरगर्मियां चल रही हैं. कहीं ये दोनों नेता मध्य प्रदेश की तरह दूर तक तो नहीं चले गए. उनका इशारा मप्र में चल रहे सियासी संकट की ओर था.
राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस की लॉबी की ओर इशारा किया और मजे लेते हुए कहा कि दोनों मंत्रियों के साथ खुद उप मुख्यमंत्री और अन्य कई मान्य सदस्य भी सदन में नहीं है. इससे ये सदन चिंतित हो रहा है. सदन वास्तविकता जानना चाहता है कि पर्यटन मंत्री और सहकारिता मंत्री क्या किसी कैंप की प्रस्थान कर चुके है या नहीं. कम से कम ये तो बताया जाए. राठौड़ ने ये तक कहा कि ये सदन जानना चाहता है सरकार के कितने लोगों ने सरकार का दामन छोड़ दिया है. बता दें, इन दिनों मप्र के सियासी संकट के चलते कांग्रेस विधायकों ने जयपुर में पड़ाव डाला हुआ है और विपक्ष इसी बात पर मजाक बना रहा था.
यह भी पढ़ें: जानिए राजस्थान से राज्यसभा के तीनों उम्मीदवार गहलोत, डांगी और वेणुगोपाल को
उप नेता प्रतिपक्ष की बात का जवाब देते हुए कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इसी अंदाज में कहा कि आपके मन में क्यों इतना भय हो रहा है. मध्यप्रदेश को लेकर भी आप भयग्रस्त है. इसके बाद बात आई गई सी हो गई लेकिन थोड़ी देर बाद कुछ ऐसा हुआ कि सब चौंक गए. जब जोशी सदन कार्य सलाहकार समिति के 16वे प्रतिवेदन का प्रस्थापन कर रहे थे, उसी दौरान चुपके से पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह सदन में आए और राजेंद्र राठौड़ के बगल में आकर बैठ गए और गुफ्तगू फरमाने लगे.
जैसे ही राठौड़ उनसे कुछ कहने लगे तभी जोशी की नजर उनपर पड़ी. जोशी ने राठौड़ को टोकते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने की नसीयत दी. इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा कि ये ह्रदय परिवर्तन का नजारा देख रहे हैं आप. देख रहे हैं ये जुगलबंदी और प्यार मोहब्बत. आज मंत्री महोदय इस सीट से बोल रहे है. ये पहली बार हो रहा है. अब ये बात कहां से कहां तक चलेगी.
अब बारी पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की थी. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हम टूरिज्म में एक नयी चीज ऐड कर रहे है जिसका नाम है पॉलिटिकल टूरिज्म. पर्यटन मंत्री ने उपनेता प्रतिपक्ष की चुटकी लेते हुए कहा कि आप सुबह से मुझे उधर बुला रहे थे. लेकिन मैं आप सबको इधर (कांग्रेस की तरफ) बुलाने के लिए आया हूं. आप सभी इस तरफ आ जाये. विश्वेंद्र सिंह की इस बात पर सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष की भी हंसी छूट गई.
इसी बीच महेश जोशी ने विश्वेंद्र सिंह की ओर इशारा करते हुए फिर विपक्ष की चुटकी लेते हुए कहा ‘माननीय मंत्री महोदय, हमने पहले ही कहा है कि आप पर्यटन मंत्री है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आपको कुछ भी करना पड़े, आप कर सकते हैं. आपको पूरी आजादी है. आप पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है. इसके लिए आपका धन्यवाद‘. इस पर मुस्कुराते हुए विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इससे राजनीति के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
इसी हंसी मजाक के बीच राजस्थान में नई पर्यटन नीति को भी मंजूरी मिल गई. प्रदेश में पर्यटन के प्रचार प्रसार के लिए ये नई योजना लाई गई है. नई नीति में एडवेंचर पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, पुरातात्विक पर्यटन एवं मिश्रित पर्यटन जैसे नए सर्किट जोड़े गए हैं. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा राजस्थान को दिए गए 213.05 करोड़ रुपये में से 178.24 करोड़ रुपया पर्यटन विकास पर खर्च किया गया है.