बेटे की करतूत पर बोले विश्वेन्द्र सिंह- 14 पीढ़ियों के संस्कार हैं, कभी पिता के सामने आंख तक नहीं उठाई…

सबसे सुंदर पक्षी मोर अपने पैरों को देखकर रोता है, कुछ ऐसा ही हाल है भरतपुर के महाराजा और वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह का, जो किसी और के हाथों नहीं बल्कि अपने बेटे की करतूतों से दुखी हैं, महीनों से चली आ रही बाप-बेटे की लड़ाई अब पुलिस थाने तक पहुंच गई

बेटे की करतूत पर बोले विश्वेन्द्र सिंह
बेटे की करतूत पर बोले विश्वेन्द्र सिंह

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की आन, बान और शान रहे भरतपुर राजघराने की आंतरिक लड़ाई अब खुलकर सड़क पर आ गई है. कहते हैं, ‘सबसे सुंदर पक्षी मोर अपने पैरों को देखकर रोता है’, कुछ ऐसा ही हाल है भरतपुर के महाराजा और वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह का, जो किसी और के हाथों नहीं बल्कि अपने बेटे के कारनामों से दुखी हैं. महीनों से चली आ रही बाप-बेटे की लड़ाई अब पुलिस थाने तक पहुंच गई है. पूर्व मंत्री एवं डीग कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र के बेटे अनिरुद्ध ने पिता पर ही जान से मारने की धमकी सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इधर इस मामले से दुखी विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मेरी मेरे पिता के सामने गर्दन या आंख उठाकर बात करने की हिम्मत नहीं हाेती थी.

दरअसल, गुरुवार को विश्वेन्द्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने एक शिकायती पत्र आईजी रेंज प्रसन्न कुमार खमेसरा, डीजी जेल मालिनी अग्रवाल, एसपी देवेंद्र सिंह विश्नोई और मथुरा गेट थाना प्रभारी को दिया है. जिसमें अनिरुद्ध ने लिखा है कि, ‘मैं ये जानकारी देना चाहता हूं कि मेरे पिता डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह की कोर कमेटी मुझे जान से मारने की धमकियां दे रही है. मैं व मेरे साथ रहने वाली टीम के लिए खतरा हो सकता है. कृपया इस पर संज्ञान लें. अगर मुझे कोई भी शारीरिक क्षति होती है तो उसके जिम्मेदार ये लोग होंगे.’ अनिरुद्ध ने ये भी कहा कि पिता पैतृक संपत्ति बेच रहे हैं, जिसका उन्हें अधिकार नहीं है. पैतृक संपत्ति की कस्टोडियन मेरी मां को होना चाहिए. उन्हें अकेले संपत्ति बेचने का हक नहीं है.

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14 पीढ़ियों के संस्कार हैं, कभी पिता के सामने नजरें तक नहीं उठाई- विश्वेंद्र सिंह
भरतपुर युवराज अनिरुद्ध सिंह की ओर से पिता विश्वेंद्र के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने के मामले में पूर्व मंत्री और डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि, ‘मेरी मेरे पिता के सामने गर्दन या आंख उठाकर बात करने की हिम्मत नहीं हाेती थी. गिरिराजजी महाराज के आशीर्वाद से मैं भरतपुर राज खानदान की 14 पीढ़ियों के संस्कार लेकर बैठा हूं. मैं अपने परिवार के खिलाफ कुछ नहीं बाेलना चाहता हूं. आगे भी कुछ नहीं कहूंगा.’

आपको बता दें, दोनों पिता-पुत्र मके बीच बीते 6-8 माह से विवाद चल रहा है. इसकी शुरुआत तब हुई जब सियासी संकट के समय अनिरुद्ध सिंह खुलकर सचिन पायलट के पक्ष में खड़े हो गए थे. जबकि विश्वेंद्र सिंह ने बीच का रास्ता अपनाया, यानी मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट दोनों के प्रति समर्थन जताया. बताया जा रहा है कि पिछले साल आए सियासी संकट के समय भी विश्वेन्द्र सिंह सचिन पायलट के साथ मानेसर नहीं जाना चाहते थे, लेकिन बेटे की जिद्द की वजह से उन्हें जाना पड़ा. इसके बाद विश्वेन्द्र सिंह के मोबाइल से सीएम गहलोत के खिलाफ और पायलट के पक्ष में किए गए ट्वीट्स को लेकर ददोनों के बीच में जबरदस्त झगड़ा भी हुआ, क्योंकि वो ट्वीट्स विश्वेन्द्र सिंह के ट्वीट एकाउंट से अनिरुद्ध ने करवाए थे.

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इस बात पर नाराज विश्वेन्द्र सिंह ने जब अपने बेटे को डांटा तो दोनों बाप-बेटे के बीच हाथपाई तक कि नौबत आ गई, जिसमें अनिरुद्ध की मां ने भी बेटे का ही साथ दिया. इसके बाद अनिरुद्ध ने ट्वीट करके पिता विश्वेंद्र सिंह पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. अनिरुद्ध ने साेशल मीडिया पर कहा था कि वे मेरी मां के प्रति हिंसक हो गए हैं, कर्ज ले लिया, शराबी हो गए हैं, और जो दोस्त मेरी मदद करते हैं, उनके बिजनेस बर्बाद कर दिए हैं. यह केवल राजनीतिक विचारधाराओं का अंतर नहीं है. यही नहीं ट्वीटर पर एक यूजर को जवाब देते हुए अनिरुद्ध ने लिखा था कि मैंने और मेरी मां ने 30 साल मध्यमवर्गीय परिवार के मूल्यों का पालन किया. 30 साल बहुत होते हैं.

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