Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सरकारी बंगला विवाद तूल पकड़ने लगा है. राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को वसुंधरा राजे के बंगले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की गई. हाईकोर्ट ने वसुंधरा राजे से बंगला खाली नहीं करवाने पर प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने जारी आदेश में कहा है कि कोर्ट के बंगला खाली कराने के आदेश के बाद भी राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे से सरकारी बंगला खाली नहीं करवाया. जो कि उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए मिला था. इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 सिंतबर को होगी.
हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को आवास व अन्य सुविधाएं देने के मामले में मुख्य सचिव को पक्षकार बनाने को कहा है. इसके साथ ही सीएस का पक्ष 10 सितंबर तक बताने को कहा है. जस्टिस सबीना व सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश सोमवार को मिलापचंद डांडिया की अवमानना याचिका पर दिया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा कि नए सीएस को केस की वस्तुस्थिति की जानकारी देकर कोर्ट को अवगत करा देंगे. प्रार्थी की ओर से बताया गया कि पूर्व सीएम राजे को बतौर विधायक बंगला देने को लेकर ना ही पॉलिसी बनाई गई और ना ही बंगला खाली कराया.
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राजस्थान हाईकोर्ट में राजे के बंगले को लेकर बहस करते हुए अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि बंगला खाली करने के मामले में आज तक वसुंधरा राजे को कोई नोटिस नहीं दिया गया है. वहीं फरवरी में राजस्थान की गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि वसुंधरा राजे एक विधायक के रूप में इस बंगले में रह रही हैं.
बता दें, हाईकोर्ट ने बीते साल 4 सितम्बर, 2019 को फैसला सुनाया था कि कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले तथा उससे जुड़ी सुविधाओं का हकदार नहीं है. हाईकोर्ट के इस फैसले को जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्य किया था. इसी फैसले को आधार बनाते हुए मिलाप चंद डांडिया ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में गहलोत सरकार के खिलाफ याचिका देकर वसुंधरा राजे से बंगला देने को चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी वसुंधरा राजे से अब तक बंगला खाली नहीं करवाया गया है इसलिए कोर्ट के आदेश के समय से जब तक कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बंगला खाली नहीं कर देती हैं तब तक नियम के मुताबिक हर दिन 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए. गौरतलब है कि वसुंधरा राजे जयपुर के सिविल लाइंस में बंगला नंबर-13 में रह रही हैं. कोर्ट में कानूनी लड़ाई ये चल रही है कि क्या सीएम पद गंवा चुकी वसुंधरा राजे को इस भव्य बंगले में रहने का अधिकार है या उनसे ये बंगला खाली करवा लिया जाना चाहिए
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में वसुंधरा राजे सरकार द्वारा 2017 में राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम में किए गए उस संशोधन को निरस्त कर दिया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री को एक बंगला, कार, टैलीफोन, 9 सदस्यों का स्टाफ रखने का अधिकार प्रदान किया गया था. अदालती आदेश का पालन नहीं होने पर प्रार्थी ने हाईकोर्ट में आदेश की पालना करवाने के लिए अवमानना याचिका दायर की थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया ने सुविधाएं लौटाकर बंगला खाली कर दिया था. लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने केवल सुविधाएं ही लौटाई थीं. पूर्व सीएम राजे के बंगले को खाली नहीं कराने को लेकर पिछले दिनों रालोपा मुखिया व नागौर सांसद ने सीएम गहलोत व वसुंधरा राजे के बीच गठजोड होने के आरोप भी लगाए थे.