YOGI AADITYANATH
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लोकसभा चुनाव से पहले सपा, बसपा ने बड़ी उम्मीदों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया था, लेकिन नतीजे दोनों पार्टियों के अनुमान के अनुसार नहीं आए. लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव को जिम्मेदार बताते हुए गठबंधन तोड़ने का एलान कर दिया है. अब लोकसभा चुनाव में यूपी विधानसभा के 11 विधायक सांसद चुने गए हैं.

सांसद पद पर निर्वाचित होने के बाद ये सभी सांसद विधायक पद से इस्तीफा देंगे और आने वाले छ महीनों में इन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे. बसपा और सपा के लिए ये उपचुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद दोनों पार्टियां उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व अपनी स्थिती मजबूत करना चाहेगी. बसपा इन चुनावों में दलित समुदाय के साथ मुस्लिम वोट अपने पाले में लाने का प्रयास करेगी, ताकि वो मुस्लिम-दलित समीकरण के साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने चुनौती पेश कर सके.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस चुनाव में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने का प्रयास करेंगे, ताकि जनता में यह संदेश जाए कि बीजेपी का मुकाबला उत्तर प्रदेश में सपा ही कर सकती है. उपचुनाव के नतीजे सपा और बसपा का भविष्य को तय करेंगे. हम आपको यूपी की उन विधानसभा सीटों के बारे में बताएंगे जहां उपचुनाव होने हैं.

गोविंदनगर विधानसभा सीटः
2017 विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ने जीत हासिल की थी. अब सत्यदेव पचौरी कानपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बन गए हैं. अब इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होना है. सपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन के साझेदार कांग्रेस के लिए छोड़ी थी. कांग्रेस के प्रत्याशी यहां दुसरे नंबर पर रहे थे. बसपा तीसरे नंबर पर थी. वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए उपचुनाव में बीजेपी का पक्ष काफी मजबूत नजर आता है.

लखनऊ कैंट विधानसभा सीटः
2017 विधानसभा चुनाव में यहां दो राजनीतिक परिवारों के बीच मुकाबला था. सपा की तरफ से मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधु अपर्णा यादव मैदान में थी तो बीजेपी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा मैदान में थी, लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो रीता बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब हुई. अब कैंट विधायक रीता बहुगुणा इलाहाबाद से सांसद चुनी जा चुकी हैं.शहरी सीट होने के कारण उपचुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. सपा की तरफ से उपचुनाव में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा चुनाव लड़ सकते है.बसपा का इलाके में कोई मजबूत जनाधार नहीं है.

गंगोह विधानसभा सीटः
यह विधानसभा क्षेत्र सहारनपुर जिले के अंतर्गत आता है. मुस्लिम और दलित बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र से साल 2017 में बीजेपी के प्रदीप चौधरी विधायक चुने गए थे. अब प्रदीप चौधरी कैराना लोकसभा सीट से सांसद बन गए है. चौधरी गुर्जर बिरादारी से आते है तो बीजेपी आने वाले उपचुनाव में किसी गुर्जर चेहरे पर दांव खेल सकती है. यूपी के सहारनपुर जिले में कांग्रेस का अच्छा प्रभाव है. इमरान मसूद इलाके के बड़े नेता है. लोकसभा चुनाव में इमरान सहारनपुर से चुनाव लड़ थे, लेकिन उनको कामयाबी नहीं मिल पायी थी. लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब इमरान विधानसभा में अपनी मौजदूगी चाहते है.वो गंगोह विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते है. गंगोह में अगर इमरान चुनाव लड़ते है तो वो बीजेपी के सामने अच्छी चुनौती पेश करेंगे.

रामपुर विधानसभा सीटः
यूपी के रामपुर विधानसभा सीट देश में सपा नेता आजम खान के कारण जानी जाती है.आजम रामपुर से 9 बार विधायक चुने गए है. पिछले विधानसभा चुनाव में आजम खान ने बीजेपी के शिव बहादुर सक्सैना को लगभग 47 हजार मतों से मात दी थी.अब आजम रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने बीजेपी की जया प्रदा को मात दी है. आजम के सांसद चुने जाने कारण यहां उपचुनाव होंगे. उपचुनाव में आजम अपने पुत्र को चुनाव लड़वाना चाहते है. वैसे आजम के बड़े बेटे अब्दुल्ला आजम वर्तमान में स्वार टांडा सीट से विधायक है. लेकिन वो अपने दुसरे पुत्र को भी राजनीति में लाना चाहते हैं. रामपुर में आजम की काफी मजबूत पकड़ है, यहां से सपा उम्मीदवार का जीतना बिल्कुल तय है.

प्रतापगढ़ः
यूपी की प्रतापगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक संगमलाल गुप्ता प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं. अब इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होना है. 2017 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो संगमलाल गुप्ता को 80 हजार 828 वोट मिले थे. एसपी कैंडिडेट नगेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे. नगेंद्र सिंह को 46 हजार 274 वोट मिले थे.

अम्बेडकरनगरः
अम्बेडकर नगर विधानसभा सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के रितेश पांडे चुनाव जीते थे. अब रितेश अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं. अब इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होना है. यह इलाका बसपा का मजबूत क्षेत्र माना जाता है.

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