यूपी में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बीच योगी सरकार के मंत्रियों के संवेदनहीनता भी सामने आ रही है. वो इन मामलों को लेकर मीडिया के सामने शर्मनाक बयान दे रहे हैं. जिसके चलते अपराधियों के हौंसले और बुलंद हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कई स्थानों से मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाओं की खबर आ रही है. लेकिन सरकार के नुमांइदें इन घटनाओं को काबू में करने की बजाय विवादित बयान देने में व्यस्त हैं.
राज्य सरकार के मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘रेप का भी अलग-अलग नेचर होता है. अब जैसे अगर कोई नाबालिग लड़की के साथ रेप जैसी घटना घटित होती है तो उसको हम रेप मानेंगे. लेकिन कई बार हमें यह भी सुनने को आता है कि 30 से 35 साल की महिला के साथ रेप हुआ है. यह रेप नहीं होता है. यह प्रेम प्रसंग के कारण होता है जिसको बाद में विवाद के कारण रेप की शक्ल दी जाती है.’ मंत्रीजी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि कई बार महिलाएं लालच के कारण भी व्यक्ति पर रेप जैसे गंभीर आरोप लगा देते है.
ऐसा ही एक बयान दो दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही की तरफ से आया था. उन्होंने अलीगढ़ में हुई जघन्य घटना को मामूली घटना करार दिया था. उन्होंने अलीगढ़ घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि इतने बड़े प्रदेश में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं. कैबिनेट मंत्री के इस बयान की चौतरफा निंदा हुई थी. लोगों ने योगी आदित्यनाथ से उनके खिलाफ कारवाई करने की मांग भी की थी. हालांकि योगी सरकार की ओर से इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया है.