मनीष हत्याकांड से दहली यूपी की सियासत, अखिलेश-प्रियंका ने घेरा तो CM योगी- नहीं बख्शे जाएंगे दोषी

कानपुर के व्यापारी की संदिग्ध मौत पर सियासत तेज, योगी की रैली को देखते हुए सुबह 5 बजे करवाया गया शव का अंतिम संस्कार, अखिलेश और प्रियंका के निशाने पर योगी सरकार, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल, तो योगी ने भी सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश, पूरे मामले में वायरल वीडियो ने बढा़ई योगी सरकार की मुश्किलें

मनीष हत्याकांड से दहली यूपी की सियासत
मनीष हत्याकांड से दहली यूपी की सियासत

Politalks.News/Uttarpradesh. यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई संदिग्ध मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. आरोप है कि पुलिस की मारपीट से मनीष की मौत हुई है. इस केस में दो बड़े मोड़ आए हैं. पहला ये कि कानपुर प्रशासन ने तड़के मनीष का अंतिम संस्कार करा दिया है. इस पर प्रशासन का कहना है कि ये कदम परिवार की सहमति से उठाया गया है. दूसरा एक दिन पहले ही गोरखपुर के DM और SSP का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे मनीष की पत्नी को धमकी भरे अंदाज में केस दर्ज न कराने की सलाह दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि योगी की प्रस्तावित रैली को देखते हुए पुलिस ने सुबह 5 बजे ही मनीष का अंतिम संस्कार करवा दिया. इधर इस पूरे मामले में राजनीति गर्माना शुरू हो गई है. अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाया है तो प्रियंका गांधी ने भी फोन पर पीड़ित परिवार से बात की है. पूरे मामले में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर आक्रोश बढ़ना तय माना जा रहा है. वहीं सूत्रों की माने तो डीएम और एसएसपी का वीडियो वायरल होने के बाद दोनों पर गाज गिरना तय है.

हत्याकांड में 6 पुलिसवाले सस्पेंड, केस दर्ज
गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने के पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर आरोप है कि, ‘उनकी पुलिस टीम ने मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी. मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी यही कर रही है कि उसे बुरी तरह पीटा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर, चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों में गंभीर चोट के निशान मिले हैं. इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है. इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है.

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सीएम योगी मामले को लेकर सख्त
इस पूरे मसले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर की घटना पर कड़ा रुख दिखाया है. सीएम योगी ने दोषी पाए जाने पर पुलिसवालों की बर्खास्ती के आदेश दिए हैं. वहीं, ADG लॉ एंड ऑर्डर और DG इंटेलिजेंस के नेतृत्व में 2 कमेटियां बनाने के निर्देश दिए हैं. यह कमेटियां प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के रिकॉर्ड का रिव्यू करके सीएम को अपनी रिपोर्ट देगी.

पत्नी मीनाक्षी ने की SIT जांच की मांग
इधर, सुबह जब मनीष का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो पत्नी मीनाक्षी बेसुध हो गईं. मीनाक्षी केस की जांच SIT से कराने की मांग कर रही हैं. वे मुख्यमंत्री योगी से मिलना चाहती हैं. आरोप है कि सोमवार की रात गोरखपुर के होटल में ठहरे मनीष को पुलिसकर्मियों ने पीटा था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है. इसमें मनीष की बॉडी पर चोट के निशान पाए गए हैं.

मुआवजे की मांग पर अड़ा था परिवार
आपको बता दें कि, मनीष का शव बुधवार सुबह 9 बजे गोरखपुर से कानपुर उनके घर लाया गया था. घटना से नाराज परिजन ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. उनकी मांग थी कि वे CM योगी से मिलेंगे, दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे और मुआवजा लेंगे इसके बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे.

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योगी की कानपुर में जनसभा, पीड़ित से हो सकती है मुलाकात
दोपहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानपुर में जनसभा भी है. प्रशासन ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को CM योगी से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है. इससे पहले बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मनीष की पत्नी से फोन पर बात की थी.

अखिलेश ने की 20 लाख की मदद की, हाईकोर्ट जज की निगरानी में जांच की मांग
इधर इस पूरे मामले में सियासत तो होनी ही थी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पीड़ित परिवार से मिलने गुरुवार सुबह कानपुर पहुंचे. अखिलेश यादव ने परिवार के लिए दो करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग योगी सरकार से की है. यादव ने अपनी ओर से 20 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया है. अखिलेश ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग करते हुए कहा कि, ‘पुलिस रक्षा नहीं कर पा रही है बल्कि लोगों की जान ले रही है’.

पत्नी बोलीं- DM और SSP ने केस नहीं दर्ज कराने की ‘सलाह’ दी
वहीं बुधवार को जो वीडियो सामने आया था, उसमें गोरखपुर के DM और SSP मीनाक्षी और उसके परिवार को किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की सलाह देते नजर आए थे. यह बीआरडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में बना वीडियो था. इसमें मीनाक्षी 4 साल के मासूम बेटे को गोद में लेकर DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा से पति की मौत का इंसाफ मांग रही हैं. वीडियो की पुष्टि करते हुए मीनाक्षी ने कहा ​कि मंगलवार की रात 8 से रात 12 बजे तक अधिकारियों और परिवार की दो बार मीटिंग हुई. इसमें DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा ने किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की ‘सलाह’ दी. मीनाक्षी का आरोप है कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के SSP डॉ. विपिन ताडा और DM विजय किरन आनंद हैं, जो एक विधवा औरत की
मदद करने के बजाय, हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में जुटे रहे.

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‘आपके इस केस से बर्बाद हो जाएगा 6 पुलिसकर्मियों का परिवार’
मृतक मनीष के बहनोई आशीष गुप्ता ने बताया कि मीनाक्षी के साथ वह भी मौजूद थे. मीनाक्षी भाभी ने सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कहा था कि अब उनकी और बेटे की परवरिश कौन करेगा? इस पर अधिकारी समझाते रहे कि मनीष कोई सरकारी नौकरी तो करते नहीं थे, जो आपको मिलेगी?. आशीष ने बताया कि, ‘अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें पता है कि गलती पुलिस की ही है, लेकिन आपके एक केस से 6 पुलिसकर्मियों का परिवार बर्बाद हो जाएगा. इससे हासिल कुछ भी नहीं होगा. इस पर मीनाक्षी ने अधिकारियों से पूछा कि, ‘जो मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है, उसका क्या होगा? तो अधिकारी बात को घुमाने लगे’.

DM ने कहा था- सालों लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर
वहीं, इस वीडियो में DM कहते नजर आ रहे हैं कि, ‘मैं आपके भाई की तरह हूं एक बार मुकदमा दर्ज हो जाने से आपको अंदाजा नहीं है कि सालों कोर्ट में चक्कर काटना पड़ेगा. इससे किसी को कुछ हासिल नहीं होता. सालों बीत जाएंगे चक्कर लगाते. जबकि SSP कहते नजर आ रहे हैं कि पुलिस वालों की मनीष से कोई दुश्मनी तो थी नहीं, जो वो ऐसा करेंगे. आपके कहने पर मैंने उन्हें सस्पेंड कर दिया. वे तब तक बहाल नहीं होंगे, जब तक उन्हें क्लीनचिट नहीं मिलेगी. इसके बाद CM योगी आदित्यनाथ का फोन आने के बाद इस मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

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