उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव ढाई साल बाद होंगे. भाजपा ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है. हर बूथ के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करते हुए भाजपा की जीत फिर से सुनिश्चित की योजना बनने लगी है, लेकिन कांग्रेस में सन्नाटा पसरा हुआ है. कई पुराने कांग्रेसी या तो निष्क्रिय हो गए हैं या पार्टी छोड़ रहे हैं. कार्यकर्ताओं मे उत्साह और ऊर्जा भरने वाला कोई सक्षम नेता आज उत्तर प्रदेश में नहीं है. कांग्रेसी इस स्थिति से बहुत दुखी हैं. उप्र प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सिराज मेहदी ने इस सिलसिले में प्रियंका गांधी वाड्रा को एक पत्र भेजा है.

पूर्व विधायक सिराज मेहदी उप्र में कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के भी प्रमुख हैं. उन्होंने पत्र में पार्टी की दुर्दशा पर कांग्रेस महासचिव उप्र की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा है कि अगला विधानसभा चुनाव जितने के लिए भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा कार्यकर्ता 2022 के चुनाव के लिए सक्रिय दिखने लगे हैं लेकिन कांग्रेस में जमीनी स्तर पर कोई सक्रियता नहीं दिख रही है.

कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह नहीं है. पचास वर्ष की आयु पार कर चुके कई पुराने कांग्रेसियों को पार्टी ने हाशिए पर डाल दिया है, जिससे कार्यकर्ता उनके अनुभवों के लाभ से भी वंचित हैं. भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का विरोध सिर्फ ट्विटर और अखबारों तक सीमित दिखाई देता है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति कैसे बेहतर हो सकती है?

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