यूपी व बिहार सरकार ने मजदूरों और छात्रों को सीमाओं पर रोक कर उठाया गैर कानूनी कदम- प्रताप सिंह खाचरियावास

पूरे देश में केंद्र सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण कई प्रवासी मजदूर पैदल अपने गांव की ओर कूच कर गए हैं, यह इन मजदूरों का कानूनी मूल अधिकार है, लेकिन कई राज्य सरकारें मजदूरों का रास्ता रोककर खड़ी हो गई है, यह भारतीय संविधान का अपमान है- खाचरियावास

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के संकट के इस समय में मजदूरों का एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर पैदल ही पलायन जारी है. ऐसे में कई राज्य अपनी सीमा में अनाधिकृत रूप से आ रहे लोगों को प्रवेश नहीं दे रहे है. भरतपुर – यूपी बोर्डर पर भी शनिवार को लागों के आवागमन को लेकर राजस्थान और यूपी पुलिस आमने सामने हो गई. राजस्थान से यूपी में प्रवेश कर रहे लोगों को यूपी पुलिस ने यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया. इसको लेकर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार को मजदूरों की मदद के लिए आगे आना होगा और जो राज्य मजदूरों का रास्ता रोक रहे हैं उन राज्यों के विरुद्ध केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.

राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने घरों की ओर जा रहे लोगों को राज्यों की सीमाओं पर रोके जाने को लेकर कहा कि कोई भी राज्य प्रवासी मजदूरों को अपने घर और गांव जाने से नहीं रोक सकता है. खाचरियावास ने कहा कि पिछले कई दिनों से प्रवासी मजदूर पूरे देश में केंद्र सरकार की लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण पैदल अपने गांव की ओर कूच कर गए हैं, यह इन मजदूरों का कानूनी मूल अधिकार है. ऐसे में कई राज्य सरकारें मजदूरों का रास्ता रोककर खड़ी हो गई है, यह भारतीय संविधान का अपमान है.

खाचरियावास ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मजदूर अपने घरों पर जा सकते हैं ऐसे में मजदूर बसों, ट्रेन, साइकिल, रिक्शे द्वारा पैदल तपती धूप में दर्द और भूख को सहन करते हुए अपने घरों की ओर जा रहे हैं तब यूपी सरकार ने बिहार और उत्तराखंड जा रहे मजदूरों को राजस्थान की सीमा पर भरतपुर से आगे जाने से रोका. इसी तरह बिहार में वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों और मजदूरों को लेने को तैयार नहीं हुए. मजदूर और छात्रों को उनके घर जाने के लिए संविधान के अनुसार रोकने का कोई प्रावधान नहीं है.

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मंत्री खाचरियावास ने आगे कहा कि आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी बड़ी तादाद में करोड़ों मजदूरों का पलायन हुआ है लेकिन इन मजदूरों में कोरोना से प्रभावित मजदूर ना के बराबर रहे हैं. यह आंकड़ा पूरे देश में लगभग ना के बराबर है क्योंकि जो मजदूर पसीना बहा रहा है उसकी हयूमिनिटी पावर इतनी जबरदस्त है कि करोना उससे दूर भाग रहा है. इस वक्त देश के सभी राज्यों मे केंद्र सरकार को मजदूरों की मदद के लिए आगे आना होगा और जो राज्य मजदूरों का रास्ता रोक रहे हैं उन राज्यों के विरुद्ध केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.

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