बेरोजगार युवाओं ने भरी हुंकार- निशाने पर मोदी सरकार #SpeakUpForSSCRailwayStudents

करोडो युवाओं से फीस तो ले ली, एक्जाम नहीं कराए जा रहे, वहीं कई एक्जाम हो चुके हैं तो उनके परिणाम जारी नहीं किए जा रहे, बदहाल हो चुकी अर्थव्यव्यस्था के बीच कहीं युवाओं का गुस्सा ना फूट पड़े, संभलो मोदी सरकार #SpeakUpForSSCRailwayStudents

#SpeakUpForSSCRailwayStudents
#SpeakUpForSSCRailwayStudents

Politalks.News/Bharat. याद कीजिए 2014 और फिर 2019 के उस युवा का उत्साह जो मोदी सरकार को चुनने और नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आतुर था. लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाने के लिए लगी लंबी लाइनों में लगा यह युवा ही था, जिसने एलान किया था कि “अबकी बार-मोदी सरकार“. भारतीय जनता पार्टी का भी तब प्रमुख नारा था कि “बेरोजगारी पर वार-अबकी बार मोदी सरकार“. चुनाव हो गए, समय चला गया. लोकतंत्र के मंदिर संसद में घुसने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीढियों पर माथा टेका तो मोदी सरकार को बनाने वाले युवाओं का जोश पंख बनकर उन्हें सपनों के आकाश में ले गया. हर एक युवा मन यह सोच कर नाचने लगा कि अब सबकुछ बदल जाएगा. जैसा कि 2014 में भाजपा ने कहा था, मेरा देश बदल रहा है. युवा ने भी अपने देश को बदलने के लिए खुले दिल से मोदी सरकार को समर्थन दिया.

अब जब अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो गया है, मोदी सरकार के नोटबंदी, जीएसटी और लाॅकडाउन को लेकर किए गए निर्णयों के बाद पैदा हुए हालातों को लेकर उस युवा का भरोसा डगमगाना शुरू हो गया है. बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे देश के पढ़े-लिखे युवाओं की ओर से सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ खुलकर अभियान चलाया जा रहा है, जिसके लाखों नहीं करोडो लोगों का समर्थन मिल रहा है. खास बात यह है कि मोदी सरकार और भाजपा का मीडिया सेल युवाओं के इस अभियान का कोई ठोस और भरोसेमंद जवाब नहीं दे पा रहा है.

समझिए क्यों हैं युवाओं में गुस्सा

1. कोरोनाकाल में NEET-JEE परीक्षा का आयोजन

पहले बात कर लेते हैं, पढ़े-लिखे युवाओं की, मोदी सरकार की ओर से अपने चरम पर पहुंचे कोरोना काल में जेईई और नीट (NEET-JEE) परीक्षा को सितंबर महीने में आयोजित कराने का निर्णय किया गया. इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों विद्यार्थियों में से अधिकांश चाहते थे कि परीक्षा फिलहाल स्थगित की जाए. लेकिन मोदी सरकार परीक्षा कराने के निर्णय पर अडी रही. मोदी सरकार के खिलाफ पहला गुस्सा यहीं से फूटा. सोशल मीडिया पर अभियान शुरू हुआ. उधर देश के सात राज्यों ने युवाओं की मांग को देखते हुए मोदी सरकार से अनुरोध किया कि फिलहाल परीक्षा टाल दी जाए. इसके बाद यह राज्य सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि परीक्षा तय समय पर ही होगी और कहना वाजिब भी है क्योंकि आजकल सुप्रीम कोर्ट के फैसले मोदी सरकार के अनुसार ही आते हैं.

2. रेलवे की परीक्षा का फॉर्म भर चुके 2.8 करोड़ प्रतिक्षार्थीयों का फूटा गुस्सा

जेईई और नीट परीक्षा के निर्धारित समय पर कराने की मोदी सरकार की जिद के बीच दूसरा वो युवा है जो एनटीपीसी (NTPC) भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए एसएससी की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं ये परीक्षा एक साल से भी ज्यादा समय से लंबित है. भारतीय रेलवे की ओर से 2019 में एक लाख से अधिक विभिन्न पदों के लिए निकाली गई भर्ती का फार्म भर चुका है. इस परीक्षा को देने के लिए 2.8 करोड से अधिक युवाओं ने सरकार को अपनी-अपनी परीक्षा फीस भी जमा करा दी है.

SSC ग्रुप डी स्टाफ की भर्ती के लिए रेलवे एनटीपीसी परीक्षा आयोजित करता है. परीक्षा की नवीनतम पुनरावृत्ति के लिए आधिकारिक अधिसूचना 01 मार्च, 2019 को सामने आई थी. हालांकि आज तक आयोग 2.8 करोड़ आवेदकों में से चयन के लिए परीक्षाओं का आयोजन नहीं करा पाया है. अब यह सारे युवा मांग कर रहे हैं कि परीक्षा कराई जाए. इनका तर्क है कि कोरोनाकाल में सबकुछ हो सकता है सिर्फ हमारी परीक्षा नहीं हो सकती है.

उधर परीक्षा ना कराने के लिए दो तरह के कारण बताए जा रहे हैं पहला कारोना और दूसरा परीक्षा के लिए कोई एजेंसी का तय नहीं हो पाना. जो भी हैं, इन परीक्षाओं को लेकर आॅनलाइन आवेदन कर चुके ढाई करोड युवाओं ने परीक्षा की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त आंदोलन शुरू कर दिया है. युवाओं द्वारा केवल रेल मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए जल्दी से जल्दी परीक्षा कराने की मांग की है.

इतना ही नहीं पहली बार ऐसा हो रहा है कि देश का युवा मोदी सरकार के खिलाफ खुलकर रोष जाहिर करते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों के प्रति भी अपनी असहमति जता रहे हैं. परीक्षा कब होंगी यह तो बदहाल आर्थिक हालातों से जूझ रही मोदी सरकार ही जाने, लेकिन एक बात तो साफ है कि अगर इस मामले में मोदी सरकार की परीक्षा एजेंसी ने जल्दी ही परीक्षा की तारीखों का एलान नहीं किया तो सरकार को युवाओं के भारी रोष और आक्रोश का सामना करना पडेगा.

यह भी पढ़ें: आखिर क्यों हुआ प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ का शो ‘सुपर फ्लॉप’? डिस-लाइक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड

3. SSC-CGL की 2018 में परीक्षा दे चुका वो युवा जो पिछले 850 दिनों से परिणाम का कर रहा है इंतजार

अब बात करते हैं, उस युवा कि जिसने नौकरी पाने किे लिए परीक्षा तो दे दी लेकिन उनके परिणामों की घोषणा नहीं की जा रही है. जब परिणाम ही नहीं आएंगे तो नियुक्तियों की बात तो बहुत दूर की है. SSC-CGL की 2018 में परीक्षा दे चुके लाखों युवा अब पिछले 850 दिनों से परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहा है. SSC और CGL के लिए 2018 में लिए एग्जाम का रिजल्ट आयोग ने अब तक घोषित नहीं किया है.

ऐसे में परीक्षा परिणाम घोषित नहीं होने से एसएससी और सीजीएल का एग्जाम दे चुके इन छात्रों में मोदी सरकार के खिलाफ भारी रोष है. रिजल्ट का पिछले 850 दिनों से इंतजार करने के बाद बाद यह युवा भी परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अभियान की शुरूआत कर चुका है. जिसके चलते पिछले दो दिन से सोशल मीडिया ख़ासकर ट्विटर पर #SpeakUpForSSCRailwayStudents एक ट्रेंडिंग हैशटैग बन गया है.

यह भी पढ़ें: GDP पर फिर निशाने पर मोदी सरकार, कोरोना को बताया वजह तो राहुल गांधी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

देश की जीडीपी के माइनस 24 यानि की कोल्ड स्टोरेज में पहुंचने के कारण पहले ही मोदी सरकार विपक्ष, आर्थिक विशेषज्ञों के निशाने पर आ गई है. उसके साथ ही लाॅकडाउन के कारण तबाह हुए उघोग, छोटे काम धंधे और रोजगार से जुडे लोगों में भी मोदी सरकार के खिलाफ भारी रोष है. रही-सही कसर अब उन युवाओं के सपने भी तार-तार होते नजर आ रहे हैं, जिन्होंने दिल से कहा था कि हर समस्या पर मार- अबकी बार मोदी सरकार. अब वही युवा कह रहा है कि हुजूर मैं चैकीदार नहीं हूं, पढा लिखा बेरोजगार हूं.

Leave a Reply