उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने रूरल लिटिगेशन एंटाइटलमेंट केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को अवैध बताया है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि बाजार मूल्य के हिसाब से पूर्व मुख्यमंत्रियों से वसूली की जाए. आदेश के तहत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 6 महीने के भीतर बाजार मूल्य के हिसाब से पूरा बकाया जमा करना है. बकाया राशि जमा नहीं करवाने की सूरत में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 56 पन्नों के फैसले में साफ लिखा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई बिजली, पानी, गाड़ी, पेट्रोल, मोबाइल आदि सुविधाओं का सरकार मुल्यांकन कर रिपोर्ट बनाएं और फिर इनसे बाजार मूल्य के हिसाब से पूरे किराये के पैसे वसूल किए जाएं. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते बंगला अपने नाम करवा लिया था जिस पर हाईकोर्ट ने चिंता भी जाहिर की. वहीं पूर्व सीएम एनडी तिवारी के निधन के बाद कोर्ट ने कहा है कि उनके वारिस व उनकी संपत्ति से बकाया पैसे वसूले जाएं.
बता दें कि सरकार द्वारा कोर्ट में पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रूपये के बकाया होने की रिपोर्ट सौंपी गई है जिसमें पूर्व सीएम निशंक पर 40 लाख 95 हजार, भुवन चंद्र खण्डूड़ी पर 46 लाख 95 हजार, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार, स्व. एनडी तिवारी पर 1 करोड़ 13 लाख का बकाया शामिल है. कोर्ट के आदेश के अनुसार इन सुविधाओं का बाजार मूल्य के हिसाब से आंकलन करें तो इन पूर्व मुख्यमंत्रियों पर करीब 16 करोड़ रुपया बकाया निकलता है.