उद्धव और कंगना में फिर छिड़ी जुबानी जंग, ट्रेंडिंग में कंगना रनौत

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कंगना Vs उद्धव ठाकरे
कंगना Vs उद्धव ठाकरे

Politalks.News/SocialMedia. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अभिनेत्री कंगना रनौत के बीच जुबानी जंग काफी समय से चल रही है. थोड़े समय थमने के बाद दोनों के बीच एक बार फिर ये तीखी बहस छ‍िड़ गई है. इस बार ये लड़ाई ड्रग्स की खेती को लेकर है जिसे कंगना ने पवित्र भूमि को बदनाम करने और अपने स्वाभिमान की लड़ाई कहा है. दरअसल, सीएम ठाकरे ने रव‍िवार को दशहरा रैली में कंगना के पीओके वाले बयान के संदर्भ में कहा था क‍ि कुछ लोग मुंबई को ड्रग्स का हब कहकर बदनाम करने की कोश‍िश कर रहे हैं लेकिन लोगों को ये नहीं पता क‍ि गांजा की खेती आख‍िर कहां होती है. उनका इशारा कंगना के होमटाउन हिमाचल प्रदेश की ओर था. सीएम ठाकरे के इस बयान के बाद अब कंगना ने उन्हें जवाब दिया है.

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कंगना ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, ‘उद्धव ठाकरे..आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए मुख्यमंत्री जी. पब्ल‍िक सर्वेंट होकर आप इस तरह के तुच्छ झगड़ों में शामिल हो रहे हैं, अपनी ताकत को खुद की बेइज्जती, नुकसान और लोगों को नीचा दिखाकर जो आपसे सहमत नहीं हैं. आपको वो कुर्सी शोभा नहीं देती जिसपर बैठकर आप गंदी राजनीति कर रहे हैं. आप उस कुर्सी के लायक नहीं हैं जिसे आपने गंदी राजनीति खेलकर हासिल की है.’ वीडियो में कंगना ने पहले संजय राउत का हरामखोर और उसके बाद उद्धव ठाकरे की ओर से नमक हराम करने पर नाराजगी जाहिर की.

ट्वीट करते हुए कंगना ने लिखा कि आपके जैसे नेता जिन्हें इस राज्य (हिमाचल प्रदेश) के बारे में ऐसी प्रतिशोध वाली, छोटी और बीमार सोच वाली जानकारी है, जो क‍ि भगवान श‍िव और मां पार्वती का निवास स्थान है, जहां मार्कंड्य, मनु ऋष‍ि और पांडव जैसे महान ऋष‍ियों ने निर्वासन का काफी समय बिताया.

कंगना ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी आप बहुत छोटे विचार वाले व्यक्त‍ि हैं, हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यहां मंद‍िरों की संख्या सबसे अध‍िक है साथ ही जीरो क्राइम रेट्स, और हां, यहां की जमीन बहुत उपजाऊ है जहां सेब, किवी, अनार, स्ट्रॉबेरी उपजाए जाते हैं.

कंगना के इन ट्वीट का सिलसिला यहां नहीं रुका. उन्होंने आगे भी अपनी बात जारी रखते हुए लिखा- ‘कार्यसेवा में मौजूद मुख्यमंत्री को देख‍िए जो देश को विभाजित करने की कोश‍िश कर रहे हैं और खुद को महाराष्ट्र का ठेकेदार बना लिया है. वे सिर्फ एक लोक सेवक हैं. उनसे पहले कोई और था और उनके बाद कोई और राज्य की सेवा में आएंगे. वे ऐसा क्यों बर्ताव कर रहे हैं जैसे कि वे महाराष्ट्र के माल‍िक हैं.’

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