ग्रेटर नगर निगम मेयर प्रत्याशी सोम्या गुर्जर को लेकर बीजेपी के दो दिग्गज नेता खुलकर हुए आमने-सामने

वसुंधरा राजे से राजवी की मुलाकात के बाद मचा घमासान, पार्टी ने राजवी को भी चित्तौड़गढ़ से लाकर जयपुर में चुनाव लड़ाया था, कई बार पार्टी के फैसले सर्वोपरि होते हैं- कटारिया, कटारिया का बीजेपी में क्या याेगदान है? ये भी बता दें, बल्कि हमेशा संगठन के खिलाफ किया है काम- राजवी

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Politalks.News/Rajasthan/BJPLeaders. जयपुर ग्रेटर नगर निगम से महापौर के लिए भाजपा प्रत्याशी सोम्या गुर्जर को लेकर बीजेपी के दो दिग्गज नेता आमने-सामने हो गए हैं. पूर्व महिला आयोग की सदस्य रह चुकी सोम्या गुर्जर को बाहरी प्रत्याशी बताने के नरपत सिंह राजवी के बयान पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सौम्या गुर्जर के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं. कटारिया ने कहा कि पार्टी ने राजवी को भी चित्तौड़गढ़ से लाकर जयपुर में चुनाव लड़ाया था, कई बार पार्टी के फैसले सर्वोपरि होते हैं और उसी के अनुसार हमें चलना होता है. इस पर हुए नरपत सिंह राजवी ने कटारिया के खिलाफ माेर्चा खाेलते हुए कहा कि कटारिया का बीजेपी में क्या याेगदान है? ये भी बता दें.

बता दें कि सौम्या गुर्जर के नाम की घोषणा के बाद विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर संवादहीनता के आरोप लगाते हुए सौम्या गुर्जर को मेयर प्रत्याशी बनाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि करौली से लाकर सौम्या गुर्जर को जयपुर में पार्षद का चुनाव लड़ाया गया और फिर महापौर का प्रत्याशी घोषित किया गया जो सही नहीं है. राजवी ने जयपुर महापौर प्रत्याशी के चयन में जयपुर के सभी विधायकों की अनदेखी के पार्टी पर आरोप लगाए. यहां आपको बता दें, पिछले दिनाें हुई पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नरपत सिंह राजवी की मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.

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नरपत सिंह राजवी ने गुलाब चंद कटारिया पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि गुजरे दाैर में अरुण चतुर्वेदी के घर पर घनश्याम तिवाड़ी के साथ बैठकर वसुंधरा राजे के खिलाफ साजिश करने वाले आज संगठन का पाठ पढ़ा रहे हैं. संगठन के खिलाफ काम करने वाले लाेगाें काे पार्टी ने मंत्री – प्रदेशाध्यक्ष और कई पदाें से नवाजा है. मैंने 90 के दशक में सरकार बचाने से लेकर संगठन के लिए क्या-क्या नहीं किया.

कटारिया का बीजेपी के लिए क्या याेगदान है, यह भी बताएं – राजवी

विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि संगठन सर्वाेपरि है, लेकिन संगठन में संवादहीनता हाे रही है. कटारिया के लिए इतना ही कहना चाहूंगा कि आज तक बीजेपी के लिए उनका क्या याेगदान है, ये बताएं. बल्कि कटारिया ने हमेशा संगठन के खिलाफ काम किया है. संगठन के निर्णय के बावजूद हज हाउस के कार्यक्रम में जाने की बात हाे या अरुण चतुर्वेदी के जवाहर नगर स्थित घर पर बैठकर वसुंधरा राजे के खिलाफ साजिश रचने के मामले रहे हों.

कटारिया पर हमला जारी रखते हुए राजवी ने कहा कि संगठन ने ताे इन्हें बहुत कुछ दिया है, लेकिन इन्हाेंने संगठन काे कभी कुछ नहीं दिया. हालात ये है कि उदयपुर से आगे उन्हाेंने कभी साेचा ही नहीं. इस बार भी पार्टी की रीति-नीति संवाद कायम रखने के नियम काे ताेड़ा है. चाहे से 1992 में दिग्गविजय जनता दल की बात रही हाे या 1996 में सरकार बचाने में अहम भूमिका में काम किया था. लेकिन उस दाैर में भी कटारिया कुछ नहीं कर पाए थे और आज भी काेई बड़ा याेगदान नहीं दे रहे हैं. 1991 में लालकृष्ण आडवाणी पार्लियामेंट्री बाेर्ड में शामिल कराना चाहते थे, लेकिन घर परिवार संभालने की वजह से शामिल नहीं हुआ था.

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पार्टी का फैसला सर्वोपरि, उसी अनुसार चलना होता है- गुलाब चंद कटारिया

इससे पहले जयपुर ग्रेटर नगर निगम से भाजपा प्रत्याशी सौम्या गुर्जर को बाहरी प्रत्याशी बताने के राजवी के बयान पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सौम्या गुर्जर का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी ने राजवी को भी चित्तौड़गढ़ से लाकर जयपुर में चुनाव लड़ाया था. कई बार पार्टी के फैसले सर्वोपरि होते हैं और उसी के अनुसार हमें चलना होता है. कटारिया ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं उदयपुर का रहने वाला था, लेकिन मुझे पार्टी ने बड़ी सादड़ी से भी चुनाव लड़ाया था. कटारिया ने कहा कि मैं बड़ी सादड़ी से दो बार विधायक रहा हूं.

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