पाकिस्तानी राष्ट्रपति को ट्विटर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नोटिस भेजा है. इसमें अल्वी पर कश्मीर के बारे में गलत बयानी करने का आरोप है. नोटिस में कहा गया है- हमने जांच की है, जिससे ज्ञात हुआ है कि जैसा आपने बताया है, वैसा कश्मीर में किसी प्रकार कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि आरिफ अल्वी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया था कि कश्मीर के लोग भारत के खिलाफ हैं और यह बात दुनिया की जानकारी में आनी चाहिए. 24 अगस्त को उन्होंने 1.30 मिनट का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, कश्मीर के ये हालात हैं, इसलिए इस ट्वीट को ज्यादा से ज्यादा रिट्वीट करना चाहिए. राष्ट्रपति को ट्विटर से नोटिस मिलने के बाद पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मंजरी ने ट्विटर के नोटिस का स्क्रीन शॉट पोस्ट करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि यह नोटिस सही नहीं है और ट्विटर मोदी सरकार के मुखपत्र की तरह काम कर रहा है.

पाकिस्तान के संचार मंत्री मुराद सईद ने भी रविवार को कहा कि उन्हें माइक्रोब्लॉगिंग साइट से नोटिस मिला है, जिसमें कहा गया है कि उनके एक ट्वीट से भारतीय कानूनों का उल्लंघन हुआ है. ससे पहले पाकिस्तान के इंटरसर्विसेस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आरोप लगाया था कि कश्मीर के समर्थन में पोस्ट डालने पर पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट बंद किया जा रहा है. उन्होंने ट्विटर और फेसबुक को मेल भेजकर इस पर एतराज जताया है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और राज्य को दो भागों में विभाजित करने के फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत के फैसले के खिलाफ तरह-तरह से प्रचार कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में कश्मीर के बारे में लाखों पाकिस्तानियों ने पोस्ट और ट्वीट किए हैं. कई लोगों ने पोस्ट और ट्वीट ब्लॉक होने की शिकायत ट्विटर के पास भेजी है.

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