रेमेडिसिवर की कालाबजारी के आरोपों में घिरे सिंधिया के करीबी मंत्री तुलसी सिलावट की जा सकती है कुर्सी!

मुझे रेमडेसिविर इंजेक्शन कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी का ड्राइवर देता था, उसने मुझे 14 हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर दिया था और इसे मैं 15 हजार रुपये में बेचता था, कई लोगों को मैंने मंत्री के यहां से इंजेक्शन दिलवाया है- पुनीत, पुरे मामले की हो निष्पक्ष जांच- सिलावट

सिंधिया के करीबी मंत्री तुलसी सिलावट की जा सकती है कुर्सी!
सिंधिया के करीबी मंत्री तुलसी सिलावट की जा सकती है कुर्सी!

Politalks.news/MadhyaPradesh. देश भर में कोरोना की दूसरी लहार ने हाहाकार मचाया हुआ है. कोरोना की इस दूसरी लहर ने शहर में तो कोहराम मचाया ही साथ ही साथ गांवों को भी नहीं छोड़ा. ऐसे में देश के कई क्षेत्रों से जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी की खबरें आम हो चुकी है. एक इंसान की जान बचाने के लिए मिलने रेमडेसिविर की कालाबाजारी का खेल अब आम हो चला है. बाजार में रेमडेसिविर की किल्लत से न जाने कितने ही लोगों की मौत हो चुकी लेकिन ना ही केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकारें इसे रोकने में कामयाब हो पाई है. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश में भी सामने आया जहां इंजेक्शन की कालाबाजारी की आंच मध्यप्रदेश के मंत्री के घर तक पहुंच गई है.

दरअसल मध्यप्रदेश पुलिस ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिया गाडारिया की गाड़ी के ड्राइवर को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ लिया, जिसने चौकाने वाला बयान देते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर ने उसे ये इंजेक्शन दिए थे. ड्राइवर पुनीत अग्रवाल ने ये भी बताया कि वह कई लोगों को मंत्री के यहां से इंजेक्शन दिलवा चूका है.

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पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी पुनीत अग्रवाल नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचते हुए पकड़ा गया था. पुनीत अग्रवाल ने पूछताछ के बाद खुलासा किया है कि वह इम्पैक्ट ट्रेवेल्स में ड्राइवर की जॉब करता है और उसी कंपनी में काम करने वाला एक और सख्श जिसका नाम गोविंद है वह कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी का ड्राइवर है. पुनीत अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन मंत्री की पत्नी का ड्राइवर देता था. उसने शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्री का नाम भी लिया है. पुनीत ने बताया है कि मेरा दोस्त मंत्री जी की पत्नी का ड्राइवर है. वहीं, मुझे 14 हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर देता था. इसे मैं 15 हजार रुपये में बेचता था. पुनीत जिस इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया है, वह एक पुलिसकर्मी को ही देने वाला था.

हालांकि पुलिस फ़िलहाल पुरे मामले की जांच कर रही है कि आखिर ड्राइवर को वो इंजेक्शन कहां से मिले. इस पुरे घटनाक्रम के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया और कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के इस्तीफे की मांग कर डाली. कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मांग करता हूँ कि वे कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट को मंत्री पद से तुरंत बर्खास्त करें. रेमडेसिविर की कालाबाजारी में मंत्री सिलावट के करीबियों का नाम आना मेरे आरोपों को कहीं न कहीं सही साबित करता है. बता दें इससे पहले कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने सिलावट के बेटे पर इंजेक्शन की कालाबाजारी का आरोप लगाया था जिसके बाद सिलावट के बेटे ने उनपर मानहानि का केस दर्ज करवाया है.

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वहीं इस पुरे मामले पर केंद्रीय मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि गोविंद राजपूत एक ट्रेवेरल कंपनी की तरफ से नियुक्त ड्राइवर है और अलग अलग समय में ड्राइवर आते हैं. ऐसे में इन आरोपों को बिना जांच के विश्वसनीय नहीं माना जा सकता. मैं ये चाहता हूँ कि पुलिस इस पुरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच करे और जांच में जहां भी सहयोग की जरुरत होगी हम उस सहयोग के लिए तैयार हैं.

हालांकि ये पूरा मामला आखिर क्या है इसका खुलासा तो पुलिस की जांच में होना है लेकिन किसी मंत्री के ड्राइवर का इस महामारी के समय में इस तरह जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी करना कहीं न कहीं कई सवाल जरूर खड़े करता है कि आखिर किसकी शह में ये सब हो रहा है.

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