Wednesday, January 15, 2025
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मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी को लिफाफे में भेजी दो राखी, भड़के मौलाना

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भाई-बहन का पवित्र त्यौंहार आगामी 15 अगस्त को देश भर में धूम धाम से मनाने की तैयारी इन दिनों देश भर में चल रहीं हैं. इसी कड़ी में वाराणसी में इस बार राखी का त्यौंहार मुस्लिम महिलाओं के लिए डबल खुशी वाला रहेगा. पिछले लगभग 6 साल से अपने सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी भेज रहीं मुस्लिम महिलाओं ने इस बार अपने भाई मोदी के लिए विशेष राखी तैयार की है. मुस्लिम महिलाओं द्वारा वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिफाफे में दो राखी भेजी जा रहीं हैं, एक तीन तलाक मुक्त और दूसरी 370 मुक्त. हालांकि मुस्लिम महिलाओं द्वारा राखी भेजे जाने से उत्तरप्रदेश के कई मौलाना नाराज हो गए हैं. कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने इस नेक काम को खूब सराहा है तो कुछ ने इसे ‘सस्ते प्रचार का तरीका’ बताया है.

तीन तलाक जैसी सामाजिक कुप्रथा और देश को तोडऩे वाली अनुच्छेद 370 खत्म होने से पूरा देश की अधिकांश मुस्लिम महिलाएं बहुत खुश हैं, इनकी इसी खुशी का प्रभाव रक्षाबंधन त्योहार पर भी पड़ा है. वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं पिछले छः साल से अपने सांसद भाई को राखी भेज रहीं है लेकिन इस बार तीन तलाक और 370 से मुक्ति दिलाकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इन मुस्लिम बहनों के दिल में एक अलग जगह बना ली है. चूंकि इस बार आजादी के दिन ही रक्षाबंधन उत्सव है, इसलिए तीन तलाक और 370 से आजादी वाली राखी का निर्माण किया गया ताकि सामाजिक कुप्रथा और राष्ट्रीय कलंक से आजादी का अहसास राखी बांधने वाले कर सकें.

राखी बनाने वाली मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि “जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म करवाया है, यह नेक काम एक अच्छा भाई ही कर सकता है. अपने भाई के लिए हम बहनें अपने हाथों से राखी बनाकर भेज रही हैं।” अपने हाथों से बनाई राखीयों पर महिलाओं ने मोदी की फोटो भी लगाई है. प्रधानमंत्री मोदी के लिए राखी भेजने वाली इन महिलाओं का कहना है कि, “मोदीजी ने हमारी दयनीय हालत को खत्म किया है. इससे महिलाएं तीन तलाक जैसी कुप्रथा से बच सकती हैं. इसी कारण हम लोगों ने भाई बहन के इस पवित्र त्यौहार पर मोदी जी को राखी भेजी हैं.” राखी बनाने वाली समाजसेवी महिला हुमा का कहना है, “मोदी ने तीन तलाक जैसी कुरीति को खत्म करवाया है, नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद होने के साथ साथ देश की सभी मुस्लिम महिलाओं के बड़े भाई हैं. अपने भाई के लिए हम बहनों ने राखी तैयार की है.”

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महिलाओं ने मोदी पर यकीन जताते हुए कहा कि जैसा अभी तक देश मे अच्छा काम हुआ है, आगे भी ऐसे ही होता रहेगा. तीन तलाक को लेकर खौफ के सवाल पर मुस्लिम महिलाओं ने कहा, “हमारे मन से तीन तलाक का खौफ अब खत्म हो गया है. आने वाले समय में सारा डर भी खत्म हो जाएगा. बुरे वक्त में मोदी जी ने हमारा साथ दिया है, इससे बड़ा काम हम मुस्लिम महिलाओं के लिए और क्या हो सकता है।”

राखी बनाने वाली समाजसेवी हुमा बानो ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर वहां भी बहुत सारे बंधनों से लोगों को मुक्त कराया है. मैं देशभर के लोगो को यह संदेश देना चाहती हूं कि राखी एक पवित्र रिश्ता है. इस बंधन को निभाना है, चाहे वह कश्मीर की बेटी हो या कहीं और की. प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी रक्षा के लिए इतना कुछ किया है, हम मुस्लिम बहनें भी उनकी और देश की रक्षा के लिए जो हो सकेगा, करेंगी।”

तीन तलाक बिल हो या 370, समाज में जब भी चर्चा हुई, कोई न कोई विवाद जरूर सामने आया. एक पक्ष हमेशा ही इसका समर्थन करता रहा तो दूसरा पक्ष इसे लेकर अपना विरोध दर्ज कराता रहा है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मतीन खान ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा मोदी को राखी भेजने पर कहा कि, “आरएसएस का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच इस तरह की हरकतें करवा रहा है. वे नकाब और टोपी पहनकर इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे मुस्लिमों में आपस में बगावत हो. इसमें किराये पर लाए गए मुस्लिम भी होते हैं. ये बिकाऊ माल सत्ताधारी लोगों के दबाव में ऐसा काम कर रहे हैं.”

खान ने आगे कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री को खत भेजेंगे, फिर उसका प्रचार करेंगे. इस तरह की हरकत ये सिर्फ सत्ता के प्रचार के लिए करते हैं. उनमें से राखी भिजवाना भी एक कड़ी है.” दूसरी तरफ ऑल इंडिया महिला मुस्लिम लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा, “राखी भेजने से किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. तीन तलाक जैसी कुप्रथा के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “सबका अपना-अपना नजारिया है, देश में सबको अपनी-अपनी आजादी जाहिर करने का हक है.”

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शाइस्ता अंबर ने आगे कहा कि “हमारे मुल्क में ये सब चीजें होनी जरूरी हैं, इससे हिंदू मुस्लिम एकता और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. यह हमारी अभिन्न संस्कृति का एक हिस्सा है, यह एक अच्छा कदम है।” वहीं, शैखू आलम साबरिया चिश्चितिया मदरसा के मौलाना इस्तिफाक कादरी ने कहा कि हिंदुस्तान बहुत बड़ा देश है, तीन तलाक नहीं होना चाहिए. इसका लोग गलत इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन मोदी को राखी भेजने का तरीखा सिर्फ दिखावा है. यह राजनीती का एक हिस्सा है, ऐसा लोग सिर्फ अपने प्रचार के लिए करवाते हैं. मुस्लिम महिलाओं के सामने और भी बहुत सारे मसले हैं, हुकूमत को उन पर भी ध्यान देना चाहिए.

मुस्लिम महिलाओं द्वारा वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिफाफे में दो राखी भेजी जा रहीं हैं, एक तीन तलाक से मुक्ति के लिए और दूसरी 370 से मुक्ति के लिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इंद्रेश कुमार को तीन तलाक मुक्त राखी भेजी गई वहीं गृहमंत्री अमित शाह को 370 मुक्त और 35ए मुक्त राखी भेजकर अपना भाई होने पर गर्व किया. इसके अलावा कश्मीरियों के लिए मोदी राखी, लद्दाखियों के लिए इंद्रेश राखी, भारतीय सेना के जवानों के लिए सुभाष राखी और रामभक्तों के लिए श्रीराम राखी बनाई गई. प्रधानमंत्री मोदी के लिए अनुच्छेद 370 मुक्त और तीन तलाक मुक्त राखी मुस्लिम बहनों ने बड़े मनोयोग से बनाकर यह संदेश दिया कि हर तीज, त्यौहार, धर्म और रिश्ते से ऊपर है देश से रिश्ता है.

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