Politalks.News/Bihar. बिहार के राजनीतिक गलियारों में सबकुछ ठीक चलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी और जदयू गठबंधन सरकार के बीच खटास बढ़ती ही जा रही है. जहां एक ओर तेजस्वी यादव किसी न किसी तरह सत्ता हथियाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं तो वहीं जदयू एवं बीजेपी नेता अपनी ही सरकार की कार्यशेली पर सवाल उठा रहे हैं. नितीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे की घोषणा के बाद बीजेपी विधायक ज्ञानेन्दु ज्ञानू ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर सवाल उठाया है. बिहार में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर ज्ञानू ने कहा कि इसमें ज्यादातर बीजेपी के मंत्री शामिल हैं. ज्ञानू के बयान बाद सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है. एक और जहां तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह बताया तो वहीं मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशासन चाहे जितना ढोल पीटे लेकिन पोल खुल गई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की सरकार के गठन के बाद से कोई न कोई विवाद नितीश को परेशान किये हुए है. नितीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले मदन सहनी के इस्तीफे की घोषणा के बाद अब बीजेपी विधायक ज्ञानेन्दु ज्ञानू ने अपनी सरकार की कार्यशेली पर सवाल उठाये हैं. ज्ञानू ने कहा कि अफसरों के ट्रांसफर में जदयू के ज्यादातर मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डर से पैसा नहीं लिया है, लेकिन भाजपा के मंत्रियों ने तबादलों के लिए जमकर पैसा लिया है. भाजपा के 80 फीसदी मंत्रियों ने घूस लिया है और अफसरों को बुला-बुला कर उनसे पैसों की मांग की है.
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ज्ञानू ने आगे कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग के इस खेल में ज्यादातर बीजेपी के मंत्री शामिल हैं और उन्होंने इसमें खुलकर पैसा लिया है और एक-एक एक अफसर को 5-5 बार फोन किया गया कि आप आइए, पैसा दीजिए तब ही आपका ट्रांसफर होगा. हालांकि ज्ञानू ने अपने पुरे बयान में सिर्फ बीजेपी के ही ज्यादातर नेताओं को ही घूसखोर बताया है और जदयू के कई नेताओं को क्लीन चिट दी है. लेकिन ज्ञानू ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सरकार में जदयू से आनेवाले एक मंत्री जो निर्माण विभाग से जुड़े हैं, उन्होंने भी जमकर ट्रांसफर के लिए पैसे लिए हैं.
ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने आगे इस पुरे मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की बात भी कही. ज्ञानू ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत खराब होने की वजह से अभी में मेरी उनसे मुलाकात नहीं हो सकी है. लेकिन जैसे ही वे ठीक होंगे मैं उनसे मिलकर ये सारी बातें बताऊंगा. इस पुरे षड्यंत्र में JDU के सिर्फ एक-आध नेता है ही शामिल हैं पर बीजेपी के नेता ज्यादा हैं. नीतीश कुमार के कारण जेडीयू में इन सभी चीजों पर नियंत्रण है और जो एक दो मंत्री हैं जो कि बाहर से आए हैं वो अभी नीतीश को जान नहीं पाए हैं.
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वहीं जब ज्ञानू से भ्रष्ट मंत्रियों के नाम बताने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि, ‘मंत्रियों के नाम का खुलासा समय आने पर करेंगे, अभी इतना काफी है. मेरे पास ऐसे बहुत लोग आए थे जिनसे पैरवी के लिए उनसे पैसा लिया गया. पुराने एमएलए होने के कारण बहुत सारे अधिकारी भी हमारे संपर्क में हैं और उन्होंने भी यही बात बताई. वहीं इस पुरे मामले के सामने आने के बाद सरकार गिरने के सवाल पर ज्ञानू ने कहा कि एनडीए सरकार को इससे कोई खतरा नहीं, वो तो आगे के लिए और स्वच्छ और सतर्क हो जाएगी, भले विपक्ष कुछ भी बोलता रहे पर सरकार पांच साल चलेगी.
इधर, बीजेपी विधायक के इन आरोपों के बाद अब विपक्ष नीतीश सरकार हमलावर हो गया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशासन चाहे जितना ढोल पीटे लेकिन पोल खुल गई है. बीजेपी के विधायक ने भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है. नेता प्रतिपक्ष जो लगातार आरोप लगा रहे थे कि चारों ओर भ्रष्टाचार है. ये अब सत्ताधारी दल के नेता और बीजेपी के विधायक भी कह रहे हैं, 80 फीसद भ्रष्टाचारी लोग सरकार में हैं. इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए. जिस तरह बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया है ये गंभीर सवाल है और बिहार की जनता के गाढ़ी कमाई को लूटने वालो को इतनी छूट नहीं दी जाएगी.
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आपको बता दें एक दिन पूर्व ही नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले जदयू नेता एवं सरकार में मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की घोषणा की थी. मदन सहनी ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगते हउए कहा था कि घर और गाड़ी लेकर क्या करूंगा जब जनता की सेवा ही नहीं कर पा रहा हूं. जब अधिकारी मेरी सुनेंगे नहीं तो जनता की सेवा कैसे करूंगा. अगर जनता का काम नहीं कर सकता तो मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है.
मदन सहनी के इस्तीफे की घोषणा के बाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की तुलना भ्रष्टाचार के हैं भीष्म पितामह से कर दी. तेजस्वी यादव ने कहा कि इस गिरी हुई सरकार का गिरना तय है, मुख्यमंत्री नितीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं. तेजस्वी ने आगे कहा कि सरकार में मंत्री मदन साहनी ने तो ये तक कहा कि मुख्यमंत्री के आसपास जो लोग रहते हैं उनकी संपत्तियों की जांच कराई जानी चाहिए, अब आप ही बताइये इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है? मेरा तो यही मानना है कि अब तो नीतीश कुमार को अपनी अंतरआत्मा को जगाना चाहिए.