Politalks.News/Rajyasabha. कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन और विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में शुक्रवार को हुई छठे दिन को कार्यवाही में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष को जमकर घेरा. सबसे पहले केंद्रीय मंत्री तोमर ने विपक्ष का धन्यवाद दिया कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की. इसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर जबरदस्त निशाना साधते हुए कहा कि, “दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती.” इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन नये कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि ये तीनों कानून किसानों के जीवन में ‘क्रांतिकारी परिवर्तन‘ लाने वाले और उनकी आय बढ़ाने वाले हैं.
‘कानूनों में काला क्या है ये तो बताए कोई’
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इन कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार होने का यह कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इन कानूनों में कोई खामी है. तोमर ने कहा कि किसान संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा लगातार इन कानूनों को ‘काले कानून‘ की संज्ञा दी जा रही है किंतु अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में ‘काला‘ क्या है.
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खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है
इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्षी दलों के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि ये जो किसान आंदोलन है वो देशव्यापी है. केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि यह एक राज्य का मसला है और वहां भी किसानों को बरगलाया गया है. कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए मंत्री तोमर ने यह तक कह दिया कि ‘दुनिया जानती है पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती.’ तोमर ने कहा किसान संगठन और विपक्षी दल नए कृषि कानूनों में एक भी खामी बताने में विफल रहे हैं. आपको बता दें, यहां नरेन्द्र सिंह तोमर का इशारा साफ़ तोर पर कांग्रेस की ओर से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी पुस्तिका “खेती का खून” की ओर था.
तोमर ने विपक्ष को दिया धन्यवाद
केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को इस समय का एक ज्वलंत मुद्दा बताते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि ‘मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा, लेकिन मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है? एक (भी) मुझे बताओ तो? मैं उसको ठीक करने की कोशिश करूंगा, लेकिन मुझे वहां भी मालूम नहीं पड़ा.’
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तोमर ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी विपक्षी सदस्यों ने कानूनों को खराब बताया और इन्हें वापस लेने की मांग की लेकिन किसी ने यह बताने की कोशिश नहीं की कि इन कानूनों के कौन से प्रावधान किसानों के प्रतिकूल हैं? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है. तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लगातार कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो और किसानी का योगदान देश की जीडीपी में तीव्र गति से बढ़े.
देश में उलटी गंगा बह रही है – कांग्रेस
नरेन्द्र सिंह तोमर ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को केवल एक राज्य का मसला बताया और कहा कि नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो. बता दें, इसके बाद कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने कृषि मंत्री के इस दावे का विरोध किया और इसे लेकर तोमर के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई. उन्होंने कहा, ‘देश में उलटी गंगा बह रही है.’
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बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर पिछले दो महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई है लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है.