अटकलों पर ब्रेक! आजाद ने खुद को बताया 24 कैरेट कांग्रेसी, बोले- 18 कैरेट वाले कर रहे मुझ से सवाल

सियासी अटकलों को आजाद का विराम, नाराज आजाद की सक्रियता से सियासी अटकलें थी कि क्या कैप्टन की राह पर हैं आजाद? गुलाम नबीं बोले- पार्टी से नहीं हूं नाराज', संगठन में सुधार को बताया सतत प्रक्रिया, भाजपा को महंगाई के मुद्दे पर लिया आड़े हाथ, पाकिस्तान को चेताया- एक इंच जमीन नहीं ले सकता

सियासी अटकलों को आजाद का विराम!
सियासी अटकलों को आजाद का विराम!

Politalks.News/Jammukashmir. जम्मू कश्मीर(Jammu and Kashmir) में अभी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का अता पता नहीं है. लेकिन कांग्रेसी दिग्गज गुलाम नबी आजाद (Gulam nabi azad) की सक्रियता देखते ही बन रही है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा गुलाम नबी आज़ाद को थोड़ी तरजीह मिलना बंद हुई है तो आज़ाद को जम्मू-कश्मीर की याद आने लगी है और फिर से यह दर्शाने में जुट गए हैं कि वे ही जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े कांग्रेस (Congress) नेता हैं. इसके बाद भी चर्चा शुरू हुई कि क्या गुलाम नबी कांग्रेस से आजाद होने वाले हैं. इस चर्चा की खबर जब आजाद के कानों में पड़ी तो उन्होंने ना तो खंडन किया बल्कि सियासी पलटवार भी किया है. आजाद ने अपने बयान में खुद को 24 कैरेट कांग्रेसी बताया है. आजाद ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मैं 24 कैरेट कांग्रेसी हूं, 18 कैरेट वाले अब 24 कैरेट से सवाल कर रहे हैं’.

मैं 24 कैरेट का कांग्रेसी हूं- आजाद
कांग्रेसी दिग्गज गुलाम नबी आजाद ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तरह पार्टी छोड़ने की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, ‘हां, मैं एक कांग्रेसी हूं, जिसने भी ये कहा कि मैं कांग्रेसी नहीं हूं. हो सकता है कि वो 18 कैरेट होकर 24 कैरेट वाले से सवाल कर रहे हों, अगर 18 कैरेट 24 कैरेट को चुनौती दे रहा है तो क्या फर्क पड़ता है? आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद G-23 समूह के अगुवा रहे हैं, जिन्होंने सुधारों की मांग करने वाले कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ खुले तौर पर विद्रोह किया था.

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‘पार्टी से नहीं हूं नाराज’
पिछले साल सांगठनिक बदलाव की मांग करने वाले G-23 कांग्रेसी नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘वह पार्टी से नाराज नहीं हैं. विभाजन करने वाले दलों को केवल विभाजन दिखाई देता है. हम लोगों को जोड़ रहे हैं. हम एकता (पार्टी रैंकों में) बना रहे हैं क्योंकि हम एकीकरण के लिए जीते हैं.’

‘सुधार एक सतत प्रक्रिया है…’
पार्टी में सुधार के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘हर पार्टी, हर समाज और देश में सुधारों की जरूरत है. सुधार एक सतत प्रक्रिया है और हर पार्टी के लिए जरूरी है. विधायिका भी एक तरह का सुधार है. अतीत की कई बुराइयां आज समाज में सुधारों के कारण नहीं हैं’.

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‘जम्मू कश्मीर के लोग भाजपा से नाराज’
परिसीमन प्रक्रिया के बाद होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि, ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग ही सर्वोपरि होते हैं और किसी भी पार्टी की हार और जीत उनके हाथ में होती है. बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से “नाराज” हैं’.

‘पाकिस्तान हमारी जमीन का एक इंच भी नहीं ले सकता’
कांग्रेस दिग्गज गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘पिछले तीन दशकों में आपको पाकिस्तानी गोलाबारी और गोलीबारी के कारण बहुत कुछ सहना पड़ा है. यह आपकी तीसरी पीढ़ी है जो बंदूकों की आवाज में पैदा हुई और पली-बढ़ी. पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए खदानें बिछाए जाने के बाद आपके खेत बंजर हो गए हैं. पाकिस्तान की तरफ से होने वाली गोलीबारी में आपने कई जानें, घर और आमदनी गंवाई है. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान हमारी जमीन का एक इंच भी नहीं ले सकता.’

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