विवादों में रही ज्योति खंडेलवाल को पार्टी से निष्कासित करने की उठी मांग, सोनिया को पत्र लिखकर उठाए थे सवाल

ज्योति खंडेलवाल को 'लेटरबाजी' पड़ेगी भारी! महारैली रद्द करने का पत्र लिख अपनों से घिरीं पूर्व मेयर, मित्रोदय गांधी ने माकन को पत्र लिख कार्रवाई की उठाई मांग, पहले भी अपनी ही पार्टी और सरकार को कई बार मुश्किल में डाल चुकी हैं खंडेलवाल, मेयर रहते हुए भी कई IAS अफसरों पर गिरवा चुकी हैं गाज, लोकसभा चुनाव के दौरान स्टिंग भी आया था सामने

ज्योति को भारी पड़ेगी 'लेटरबाजी'!
ज्योति को भारी पड़ेगी 'लेटरबाजी'!

Politalks.News/Rajasthan. 12 दिसंबर को जयपुर में होने वाली कांग्रेस (Congress) की महंगाई हटाओ रैली (Menhai Hatao MahaRaily) को स्थगित करने की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखना भारी पड़ सकता है पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल (Jyoti khandelwal) को. ज्योति के इस कदम पर कई कांग्रेस नेताओं ने घोर आपत्ति दर्ज करवाई है. कांग्रेस नेता मित्रोदय गांधी ने जहां प्रभारी अजय माकन (ajay makan) को पत्र लिखकर ज्योति खंडेलवाल के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई करते हुए इस्तीफा लेने या पार्टी से निष्काषित करने की मांग की है. तो वहीं कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने ज्योति खंडेलवाल द्वारा पूर्व में किए पार्टी विरोधी कृत्यों को आलाकमान तक पहुंचा दिया है. सवाल यह भी उठ रहा है कि ज्योति ने आलाकमान को पत्र लिखकर सुझाव दे भी दिया था तो उस पत्र को मीडिया में देकर आखिर वो विपक्ष को क्या दिखाना चाहती हैं.

तत्काल रूप से लें खंडेलवाल का इस्तीफा, वरना कर देना चाहिए निलंबित- मित्रोदय गांधी
अजय माकन को लिखे अपने पत्र में मित्रोदय गांधी ने लिखा है कि, ‘पूरा देश कोरोना के बाद में और नोटबंदी के बाद में महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहा है, उसी के तहत 12 दिसंबर को केंद्र सरकार के विरोध में महंगाई के विरोध में बेरोजगारी के विरोध में रैली का आयोजन किया जा रहा है. जितने लोगों की कोरोना से मौतें हो रही हैं, उससे ज्यादा बेरोजगारी और महंगाई से तरस लोग आत्महत्या कर रहे हैं और जान दे रहे हैं, मगर हमारी पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल विरोधियों की भाषा बोल रही है.‘ गांधी ने आगे लिखा कि, ‘हो सकता है ज्योति रैली में लोग लाने में असमर्थ हो कोई बात नहीं मगर इस तरह की महत्वपूर्ण रैली को स्थगित करने का सुझाव देना कांग्रेस विरोधी है. ऐसे में तत्काल रूप से उनका इस्तीफा ले लेना चाहिए वरना निलंबित कर देना चाहिए.’

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पहले भी कई बार पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं खंडेलवाल!

आपको बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल विवादों में रहीं हो या पार्टी विरोधी काम किया हो, 2013 के चुनावी वर्ष में भी ज्योति ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ही पार्टी आलाकमान पत्र लिखकर विरोधियों को पार्टी को घेरने का बड़ा मौका दे दिया था. यही नहीं, जयपुर की मेयर रहने के दौरान लगभग हर रोज किसी न किसी विवाद के चलते खुद की ही कांग्रेस सरकार और पार्टी के लिए कई बार मुसीबत खड़ी कर चुकी हैं. ज्योति खंडेलवाल पर 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के ख़िलाफ़ काम करने के आरोप भी लग चुके हैं. यहां तक कि अनुशासन हीनता के चलते पार्टी ज्योति खंडेलवाल को 2 बार नोटिस भी जारी कर चुकी है. इन सबके ऊपर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने ज्योति खंडेलवाल को टिकिट भी दिया, लेकिन एक स्टिंग ऑपरेशन में फंस कर इस दौरान भी पार्टी के लिए मुसीबत ही खड़ी कर दी गई.

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भाजपा को बैठे-बैठाए दिया बड़ा मुद्दा
ऐसे में जहां एक ओर कांग्रेस की इस महारैली को विफल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार किसी न किसी बहाने से कांग्रेस को घेर रही है वहीं ऐसे में जयपुर की पूर्व मेयर और लोकसभा प्रत्याशी रह चुकी ज्योति खंडेलवाल ने सोनिया गांधी को पत्र लिख ‘महंगाई हटाओ रैली’ पर सवाल उठाकर विपक्ष को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा कांग्रेस के खिलाफ दे दिया है.

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