Politalks.News/Rajasthan. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आबूरोड स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान में अमृत महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी गणमान्य नेताओं की मौजूदगी में कहा कि, ‘आज देश के अंदर हिंसा का माहौल है जो की ख़त्म होना चाहिए. हम चाहते हैं कि देश में शांति, सद्भाव, भाईचारा उत्पन्न हो.’ सीएम गहलोत का यह बयान अब सियासी चर्चाओं का केंद्र बन चूका है.
ब्रह्मकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की अध्यक्षता में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं अभियान में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी कई विशेष हस्तियां शामिल हुईं. वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘यह कार्यक्रम अपने आप में एक महत्व रखता है और जिन्होंने इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया वो इसके लिए साधुवाद के पत्र है.’ सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने की घोषणा की है तब से लगातार कई तरह के कार्यक्रम चल रहे हैं. मुझे खुशी है कि जिस प्रकार से हमें आजादी मिली है उसमें त्याग, बलिदान और कुर्बानी थी. उसको याद करने का इससे अच्छा मौका हो नहीं सकता.
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इस दौरान सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ऐसे वक्तवय पेश किया जो आज सियासी गलियारों में खूब चर्चा बटोर रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘हमारा देश वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ लगातार आगे बढ़ता रहा है. इसी कड़ी में हम चाहते हैं कि देश में शांति, सद्भाव और भाईचारा मजबूती के साथ उत्पन्न हो क्यों कि इसकी आज सबसे बड़ी आवश्यकता भी है. आज देश में कहीं न कहीं हिंसा का माहौल है जिससे छुटकारा मिले यही हमारी और आपकी सभी की इच्छा रहती है. ऐसे स्थिति में मैं ये समझता हूँ कि सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलके हम समाज को और देश को आगे बढ़ा सकते हैं जहां शांति होगी वहां विकास होगा यह हमारी धारणा हमेशा रही है इसलिए शांति, सद्भाव, भाईचारा सत्यहीन था, यह हमारे मूल मंत्र है.’
सीएम गहलोत ने अपने बचपन की यादों का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘अभी जब ओम शांति की आवाज गूंज रहित थी तब मुझे मेरा बचपन याद आ गया. जब मैं बचपन में माउंट आबू गया था तो तत्कालीन दादी मां ने मुझे कहा कि आप जब कभी कोई दुविधा में हो तो ओम शांति ओम शांति बोल ले अपने अंदर तो एक वातावरण शुद्ध हो जाता है और आपस में जो तनाव होता है वह दूर हो जाता है.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘हम सब जानते हैं कि यह हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है और इतिहास जो बनाया गया है आजादी का जिसका महोत्सव हम मना रहे हैं, तो हम आत्मा गांधी को याद करें पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करें.’
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘नेहरू के साथ साथ हम सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करें, मौलाना मुखराम आजाद को याद करें, अंबेडकर को याद करें, साथ-साथ में जितने भी बड़े गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक से लगा के कितने बड़े-बड़े महापुरुष हुए जिन्होंने हमें आजादी दिलाई उन्हें याद करते हैं. उन सभी के कारण आज देश को आजादी मिली है. प्रधानमंत्री मोदी जी जब जाते हैं दुनिया के मुल्कों में तो जब मान सम्मान मिलता है इस देश को क्योंकि देश ने जो प्रगति करी है 75 साल में विज्ञान में तकनीकी सहित हर क्षेत्र के अंदर उसको आज देश दुनिया मानती है. इसलिए बड़ी खुशी है कि यह एक अभियान जो हमारी खुद की एक पहचान है देश की दुनिया के अंदर यह कोई मामूली नहीं है.
वहीं इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है. इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं. राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है. आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है.’ अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इन कार्यक्रमों में ब्रह्मकुमारी की ओर से युवा वर्ग, महिला वर्ग, किसान और पर्यावरण संरक्षण को लेकर विशेष कार्यक्रम, सभा, सम्मेलन, संगोष्ठी और अभियानों का आयोजन किया गया.