भाजपा की कथनी-करनी में है बहुत अंतर, झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर है नागपुर- राजभर का BJP पर निशाना

भले ही ले लिए गए हो तीनों कृषि कानून वापस लेकिन क्या इनके रद्द किए जाने से शहीद हुए किसान नहीं आ जाएंगे वापस, 2017 से लेकर अब तक 13 परीक्षाओं के पेपर हो चुके हैं लीक, लेकिन सरकार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ नहीं कर रही कोई कार्रवाई, सपा के साथ महंगाई भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दों पर हुआ है गठबंधन- राजभर

भाजपा की कथनी-करनी में है बहुत अंतर
भाजपा की कथनी-करनी में है बहुत अंतर

Politalks.News/UttarPradesh. केंद्र सरकार ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के दोनों सदन लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajaysabha) से ‘कृषि क़ानून निरसन विधेयक, 2021’ पास करा लिया है. लेकिन दोनों सदनों में इस कानून पर चर्चा ना करने को लेकर विपक्षी दल केंद्र पर हमलावर है. इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश (UttarPradesh Assembly Election) की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने जालौन के उरई में हुई पत्रकार वार्ता में बीजेपी (BJP) को जमकर कौसा. राजभर ने पत्रकारों से कहा कि, ‘भाजपा सरकार की करनी और कथनी में बहुत अंतर है. इनके झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर नागपुर में है. इसके साथ ही राजभर ने पत्रकार वार्ता के दौरान UTET पेपर लीक मामले में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और सपा से गठबंधन को लेकर भी खुलकर अपनी बात कही.

भाजपा की कथनी और करनी में है बहुत अंतर
ओमप्रकाश राजभर ने उरई में हुई पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘भले ही सरकार ने इन तीनों कानूनों को संसद में वापस ले लिए हो लेकिन क्या इनके संसद में रद्द किए जाने से किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान वापस नहीं आ जाएंगे. केंद्र सरकार जो कृषि कानून बिल लेकर आई थी, वह सिर्फ अडानी के राजस्थान और गुजरात के गोदामों को भरने के लिए लाया गया था. साथ ही यूपी में भी गोदामों को बनवाने के लिए सरकार द्वारा जमीन को अधिग्रहण कर लिया था. लेकिन किसानों के आंदोलन के बाद बिल रद्द होने से बीजेपी के मंसूबों पर पानी फिर गया. भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अंतर है क्योंकि सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और है.’

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बीजेपी के नेताओं की नियत में है खोट- राजभर
राजभर ने अपने इस बयान पर लखीमपुर की घटना का उदहारण देते हुए कहा कि ‘लखीमपुर घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज है. साथ ही 120 बी के मुलजिम बनाए गए हैं लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया गया है, न ही उनकी गिरफ्तारी की गई. वहीं, अजय मिश्रा खुले मंच पर मोदी योगी और अमित शाह के साथ घूमते दिखाई दे रहे हैं. इससे साफ़ है कि बीजेपी के नेताओं की नियत में खोट भरी पड़ी है.’

बीजेपी नेताओं का झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर है नागपुर
वहीं यूपीटेट परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि ‘2017 से लेकर अब तक 13 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, लेकिन सरकार उन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. बल्कि झूटी बयानबाजी कर बेरोजगारों को बहला रही है.’ इस दौरान राजभर ने बीजेपी के साथ RSS पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘भाजपा के लोग नागपुर में आरएसएस के खुले ट्रेनिंग सेंटर में झूठ बोलना सीख रहे हैं. इन बीजेपी नेताओं का झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर नागपुर है.’

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उन अधिकारियों पर बुलडोजर जिन्होंने करवाए 13-13 पेपर लीक
राजभर ने आगे कहा कि ‘बीजेपी नेताओं के केवल भाषणों में बुलडोजर चलाए जाने की बात की जाती है. उन अधिकारी और कर्मचारियों के ऊपर अभी तक कोई भी बुलडोजर नहीं चलाया गया है, जिन्होंने 13-13 पेपर लीक कराए हैं. इस सरकार में सिर्फ उन लोगों को पकड़ा जाता है, जिनके पास यह पेपर मिलता है. पेपर को अधिकारी और कर्मचारियों के माध्यम से ही बाजार में भेजा जाता है पहले उनके खिलाफ सरकार द्वारा की जानी चाहिए कार्रवाई.’

ओमप्रकाश राजभर ने पत्रकारों से कहा कि, ‘सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा मिल रहा है. गोरखपुर के डीएम ने कोरोना काल में शिक्षा विभाग में रहते हुए करोड़ों का घपला किया है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को भाजपा सरकार द्वारा उच्च पदों पर बैठा दिया गया है. इटावा में भाजपा के एक कार्यकर्ता ने एसएसपी को थप्पड़ मारा तो आलाकमान के आशीर्वाद से उसे जिलाध्यक्ष बना दिया गया इसीलिए इस सरकार में किसी को भी न्याय नहीं मिल सकता.

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समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर खुलकर बोले राजभर
वहीं समाजवादी पार्टी से गठबंधन किन शर्तों पर हुआ उसे लेकर कहा कि, ‘हमारा सपा के साथ गठबंधन महंगाई भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दों पर हुआ है और इसके अलावा हमें किसी पद की लालसा नहीं है. यदि मुझे पद की लालसा होती तो मंत्री होते हुए भी भाजपा सरकार से अपना गठबंधन नहीं तोड़ता और न ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता.’ राजभर ने कहा कि ‘वे देश में दूसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने सरकार में रहते हुए भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है, इससे पहले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था. मुझे पद की कोई लालसा नहीं है न ही सीटों के बंटवारे पर अखिलेश यादव से कोई गठबंधन हुआ है.’

पत्रकार वार्ता में फिसली राजभर की जुबान
पत्रकार वार्ता के दौरान ओमप्रकाश राजभर की जुबान भी फिसल गई. राजभर ने कहा कि ‘लखीमपुर में चार चार किसानों ने एक पत्रकार की हत्या कर दी.’ उनके इस बयान पर उनके साथ बैठे नेताओं ने कुछ कहा तो राजभर ने बाद में वह सुधार करते हुए कहा कि ‘भाजपा सरकार में पत्रकार और किसानों की हत्या हुई है, लखीमपुर में गाड़ी से किसान और पत्रकारों को कुचला गया है. इसके अलावा जो भी पत्रकार सरकार को आइना दिखाना चाहता है, उन पत्रकारों पर सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है.’

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