Politalks.News/Rajasthan. एक ओर जहां कांग्रेस ने कोरोनाकाल में JEE-NEET परीक्षा करवाए जाने के विरोध में देशभर में केन्द्र सरकार के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम कर धरना प्रदर्शन किए, वहीं राजस्थान में प्रदेश भाजपा ने गहलोत सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ फेसबुक के जरिए ‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की विफलताओं को आमजन के सामने रखा. बीजेपी के हल्ला बोल कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने की. इस दौरान पूनियां ने प्रदेश में बढ़ी बिजली दरों, कोरोना कु-प्रबंधन, किसान कर्जमाफी, बेराजगारी भत्ता, लम्बित भर्तियां, बढ़ते अपराध, टिड्डी हमले से फसलों को हुए नुकसान सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा.
पूनिया ने संबोधित करते हुए कहा कि हल्ला बोल शब्द आक्रामक लगता है और इसके पीछे इसी तरह की पीड़ा भी रही है. पूनिया ने कहा कि आज सीएम अशोक गहलोत प्रदेश में एक ऐसी पार्टी की सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, जो 1885 में बनी, लेकिन कालान्तर में धीरे-धीरे महात्मा गांधी के नेतृत्व के बाद अनेक वर्षों तक एक विशेष पहचान बनाते हुए, लेकिन वो एक समय के बाद अब कांग्रेस प्रासंगिकता खोती चली गई. पूनियां ने कहा कि कांग्रेस में दिल्ली में जिस तरीके का विग्रह खड़ा हुआ और उनकी पार्टी के लोगों ने गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की कोशिश की, जो कांग्रेस पार्टी खुद के भीतर लोकतंत्र की बात करती थी आज पूरी दुनिया ने उसके सच को जाना है.
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पूनिया ने कहा कि राजस्थान में टुकड़ों, गुटों में बंटी हुई कांग्रेस, टूटी हुई कांग्रेस और विग्रह की शिकार देश का, राजस्थान का कैसे भला कर पायेगी? यह आज का यक्ष प्रश्न है लेकिन रीति-नीति, विचार और व्यवहार से देश में नकार दी गई कांग्रेस पार्टी आज मात्र साढ़े तीन प्रदेशों में सत्ता पर काबिज है, इसमें राजस्थान बड़ा प्रदेश है. आपने पिछले दिनों देखा शायद विश्व का यह रिकॉर्ड होगा कि कोई पार्टी, कोई सरकार कैसे बाड़े में बंद रह सकती है. प्रदेश में 34 दिन में बाड़ेबंदी का रिकॉर्ड, शायद विश्व रिकॉर्ड जादूगर के नाम ही रहेगा, लेकिन दशा क्या थी कि 34 दिनों में राजस्थान में कोरोना का प्रकोप था.
सतीश पूनियां ने कहा कि आज 75 हजार से भी ज्यादा संख्या कोरोना संक्रमण के मामले और एक हजार से ज्यादा मौतें अब उसमें भी मंत्री जी की, सरकार की कलाकारी यह कि 300 से अधिक मौतों का तो रिकॉर्ड नहीं है. पूनिया ने जनता से अपील करते हुए कहा कि कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है, संक्रमण कम नहीं हुआ है, चुनौती कम नहीं हुई है, इसलिए सरकार उपाय करे या ना करे, लेकिन आमजन को सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और सैनेटाइजर से बार-बार हाथ धोने का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.
पूनिया ने कहा कि इस कोरोना ने सरकार के प्रबंधन की पोल खोल दी. जिस तरीके से स्क्रीनिंग में, सैम्पलिंग में, टेस्टिंग में कु-प्रबंधन हुआ और लगातार हम देख रहे हैं कि प्रदेश में वेंटिलेटर्स की और आईसीयू बेड्स की कमी होती जा रही है. अभी सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल-खेल रही है लेकिन कोरोना के मामले में मुख्यमंत्री निवास भी अछूता नहीं, स्वास्थ्य विभाग का महकमा अछूता नहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अछूते नहीं हैं. इसलिए कैसे उम्मीद की जा सकती है कि ये सरकार न्याय करेगी. न्याय की जब बात आई तो 2018 के कांग्रेस के घोषणा-पत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी की वो पंचलाइन सुन रहा था, अब होगा न्याय, लेकिन राजस्थान की जनता पूछती है 20 महीने हो गये, कब होगा न्याय? क्योंकि उन्हीं राहुल गांधी जी ने घोषणा की थी कि 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करेंगे, 10 दिन में किसानों का कर्जा तो माफ नहीं हुआ.
कर्जमाफी के नाम पर वोट बटोर चुकी सरकार कब करेगी न्याय
आज भी करीब 22 लाख किसान बैंकों के कर्जे के जाल से मुक्त नहीं हुए हैं, इस प्रदेश में आप लोगों ने लगातार देखा और सुना होगा, चाहे साहूकार के कर्जे से, चाहे बैंकों के कर्जे से, चाहे तंगी से, चाहे बेरोजगारी से, चाहे कोरोना से, आर्थिक स्थितियों से उत्पन्न व्यवस्थाओं से, परिवार के-परिवार के लोगों ने आत्महत्याएं की हैं, किसानों ने आत्महत्याएं की हैं, तो यह सरकार कब न्याय करेगी?
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पूनिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी भाषणों और बयानबाजों की पार्टी है और एक और नया तरीका निकाला है इन सारे मुद्दों से ध्यान बंटाने के लिए जनता को यह मानते हुए कि हम उनको फुसला सकते हैं क्योंकि फितरत ऐसी ही रही है. किसान के वोट केवल कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस को मिले, लेकिन ये वादा आज तक पूरा नहीं किया. इसलिए जब कोई ऐसा अवसर आता है या तो वो प्रधानमंत्री जी को तोहमत देते हैं या भाजपा को तोहमत देते हैं.
पूनियां ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि दुनिया के 44 देशों के बराबर आबादी भारत देश में जिस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना का कुशल प्रबंधन हुआ, जिस देश में पीपीई किट नहीं बनते थे, जिस देश में फेस मास्क की कमी होती थी, जिस देश में वेंटिलेटर्स की कमी थी, भारत आज ऐसी परिस्थितियों में भी, इन परिस्थितियों से लड़ते-लड़ते बड़ी आबादी, बड़ी चुनौतियां उनके बावजूद भी आज एक किस्म से कोरोना वॉरियर बनकर उभरा है और हर क्षेत्र में मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है.