महाराष्ट्र में घुमा राजनीति का पहिया, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की बनेगी सरकार

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल शिवसेना के एक मात्र मंत्री अरविंद सावंत ने दिया इस्तीफा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान, कांग्रेस भी मौके पर चौका मारने के मूड में, बीजेपी ने बताया जनादेश का अपमान

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में बीजेपी के इंकार के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है. राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को सोमवार शाम 7.30 बजे तक सरकार बनाने की इच्छा और बहुमत के आंकड़ो की जानकारी देने के लिए कहा गया है. ऐसे में अब शिवसेना के लिए उस दावे को साबित करने की घड़ी आ गई है, जिसके लिए संजय राउत शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा और शिवसेना को 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इसके लिए शिवसेना को आज शाम से पहले केन्द्र और राज्य में भाजपा से गठबंधन तोड़ने और कांग्रेस-एनसीपी से संबंध जोड़ने की घोषणा करते हुए मोदी मंत्रिमंडल में शामिल शिवसेना के एक मात्र मंत्री अरविंद सावंत को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. बता दें, एनसीपी ने साफ कहा है कि शिवसेना एक साथ दो गठबंधनों में नहीं रह सकती, उसे बीजेपी से पूरी तरह गठबंधन समाप्त करना होगा. (ShivSena-NCP-Congress)

शिवसेना ने बीजेपी से पूरी तरह से अपना गठबंधन तोडने का मन बना लिया है. सरकार बनाने की राह साफ करते हुए मोदी सरकार में इकलौती शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. आज सुबह 11 बजे मोदी सरकार में शिवसेना के कोटे के मंत्री अरविंद सावंत के दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की खबर है. जल्दी ही उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की खबर है. अब महाराष्ट्र में सरकार बनने की सूरत भी एकदम साफ हो गयी है. दरअसल बीजेपी के सरकार ना बनाने के एलान के बाद शिवसेना के नेताओं ने इशारों में कहा कि एनसीपी और कांग्रेस (ShivSena-NCP-Congress) मुख्यमंत्री के लिए शिवसेना को समर्थन का एलान करें. इसके लिए एनसीपी ने शर्त रखी कि शिवसेना को एनडीए से अपना नाता पूरी तरह तोड़ना होगा.

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महाराष्ट्र में शिवसेना अभी नहीं तो कभी नहीं कि तर्ज ओर अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए एड़ी से चोटी का पूरा जोर लगा रही है. जिसके तहत शिवेसना ने एनसीपी की सभी शर्तों को मान लिया है अब गेंद एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के पाले में है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार रात मुंबई में शरद पवार से भी मुलाकात की और सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने की खबर है. (ShivSena-NCP-Congress) उधर मुंबई में उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पर बीती रात 4 घंटे की लंबी बैठक चली जिसमें उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के अलावा शिवसेना के बड़े नेता शामिल थे.

सूत्रों की मानें तो शिवसेना को समर्थन देने के लिए एनसीपी ने तो अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं लेकिन मौके की जरुरत को देखते हुए कांग्रेस (ShivSena-NCP-Congress) अब बाहर से समर्थन नहीं देगी बल्कि सरकार में शामिल होगी. रविवार को जयपुर में हुई विधायक दल की बैठक में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर सर्वसम्मति से फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है. सोमवार को जयपुर में रुके कांग्रेस के सारे विधायक और नेता सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली जा सकते हैं.

बता दें, शिवसेना के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर दो बार भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई, दूसरी बार हुई बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इन बैठकों के बाद भाजपा नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल को बता दिया कि बहुमत सिद्ध करने लायक संख्याबल नहीं होने के चलते पार्टी सरकार नहीं बनाएगी.

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राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना पर जनादेश के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया था. चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए अग्रिम शुभकामनाएं भी दी हैं.

इस तरह महाराष्ट्र की राजनीति का चक्र घूमते हुए अब सत्ता की चाबी पूरी तरह शिवसेना दो पुराने राजनीतिक दुश्मन एनसीपी और कांग्रेस के हाथ में आ गई है. ऐसे में अब महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी से उपमुख्यमंत्री बनने की संभवानाएं प्रबल हो गई हैं.

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