Politalks.News/Rajasthan.राजाराम गुर्जर और बीवीजी के अधिकारियों की बातचीत के वीडियो के मामले में ACB की FIR में RSS प्रचारक निंबाराम का नाम आने के बाद से प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है. ACB की एफआईआऱ में RSS प्रचारक निंबाराम का नाम आने के दो दिन बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, राजस्थान की ओर से पहला बयान जारी किया गया है. राजस्थान के क्षेत्र कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ की ओर से जारी प्रेसनोट में पूरे मामले की जानकारी दी गई है और किसी भी तरह की जांच में सहयोग देने की बात कही गई है. वहीं इससे पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटसरा क्षेत्र प्रचारक निंबाराम को गिरफ्तार करने की मांग कर चुके हैं तो बीजेपी की ओर से कहा गया कि गहलोत सरकार कूट रचित मामले में संघ को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. वहीं वसुंधरा राजे ने कहा कि- ‘गहलोत सत्ता का दुरूपयोग कर रहे हैं, गहलोत का सिर्फ एक ही एजेंडा है, भाजपा और संघ को बदनाम करना’.
इधर, राजस्थान स्वयं सेवक संघ की ओर से कहा गया- ‘राजस्थान एसीबी द्वारा दर्ज प्रकरण और मीडिया में आए समाचार जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम के नाम का भी उल्लेख है. इस सम्बन्ध में हमारा निवेदन है कि बीवीजी इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि निम्बाराम के पास प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर में अपने सीएसआर फण्ड द्वारा सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर आये थे. निम्बाराम ने उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का स्वयं दौरा करें और वहां की आवश्यकताओं को समझ कर यदि उचित लगे तो इसमें सहयोग देने का तय करें. निंबाराम ने कंपनी के प्रतिनिधियों से इस केंद्र पर जाकर देखने आग्रह किया था है. कंपनी के प्रतिनिधियो ने दौरे का दिन तय किया था लेकिन वहां पर गए ही नहीं. इसके बाद सीएसआर फण्ड से किसी राशि या अन्य किसी भी रूप में सहायता का प्रश्न ही नहीं उठता. प्रताप गौरव केंद्र एक राष्ट्रीय तीर्थ है और इसका महत्व इसे देखने पर ही ध्यान में आता है कि देश का गौरव बढ़ाने के लिए कितनी बड़ी परियोजना पर समाज बंधुओं के सहयोग से काम कर रहे हैं’.
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संघ की ओर से जारी प्रेसनोट में कहा गया-’20 अप्रेल को संघ प्रचारक निम्बाराम से कंपनी के प्रतिनिधियों शिष्टाचार मुलाकात और बात हुई थी. प्रचारक निम्बाराम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों के बहुत से लोग मुलाकात करने आते हैं. निंबाराम की इस सामान्य शिष्टाचार भेंट को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उनकी भूमिका से जोड़ना निंदनीय है. अलग-अलग समय और सन्दर्भों में की गयी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, उन्हें बाद में जोड़कर राजनीतिक कारणों से उसके कुछ और ही अर्थ निकाले जा रहे हैं. ये वीडियो तथ्यो से परे हैं और सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए जारी किये गए हैं.
आगे प्रेसनोट में कहा गया है कि- ‘कानून का पालन करने वाले एक जिम्मेदार नागरिक के नाते निम्बाराम हर तरह की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. राजनीतिक निहित स्वार्थ के चलते तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है. जबकि इस मामले में किसी प्रकार की राशि का कोई आदान-प्रदान नहीं हुआ है. इसलिए इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर अनर्गल आरोप लगाना समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान है. वैचारिक द्वेष और दुर्भावना से लगाए जा रहे इन झूठे आरोपों एवं लांछनों का हम खंडन करते हैं. और कानून सम्मत कार्रवाई करने के सभी प्रकार के विकल्प हमारे सामने खुले हुए हैं’.