नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल युवाओं की लड़ाई और एसआई भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर दो महीनों से अभी भी शहीद स्मारक पर डटे हुए हैं. यहां उन्होंने युवाओं को संबांधित करते हुए एक बार फिर सरकार को आड़े हाथ लिया. सांसद बेनीवाल ने कहा कि पेपर लीक, नकल गिरोह की संलिप्तता और फर्जी अभ्यर्थियों की भागीदारी जैसे गंभीर मामलों के बावजूद सरकार ने भर्ती को रद्द नहीं किया. इससे साफ है कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ समझौता कर रही है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चाहें डॉ. राकेश बिश्नोई की आत्महत्या हो या 2021 की एआई भर्ती में हुआ घोटाला..हर मामले में सरकार की भूमिका संवेदनहीन और टालमटोल वाली रही है.
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हर मोर्चे पर विफल रही राज्य सरकार
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को यह समझना होगा कि जनभावनाओं को नजरअंदाज करने की कीमत सत्ता को चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘यह सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है. न युवाओं को नौकरी मिल रही है, न किसानों को राहत और न ही छात्रों को न्याय. जब एक होनहार डॉक्टर को संस्थागत उत्पीड़न के चलते अपनी जान लेनी पड़ी, तब भी सरकार चुप बैठी रही ये तो हम सड़कों पर उतरे, तब न्याय मिला.’
RPSC से पारदर्शिता की उम्मीद नहीं
सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि RPSC जैसी संवैधानिक संस्था अब भरोसे के संकट से गुजर रही है. अब इसके पुनर्गठन के बिना किसी भी भर्ती की पारदर्शिता की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक पर आज हमें दो महीने हो चुके है. अब युवाओं और छात्रों को न्याय दिलाने की यह लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंचने की तैयारी में है.
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नागौर सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द निर्णायक कदम नहीं उठाए तो यह आंदोलन अब दिल्ली की ओर बढ़ेगा और पूरे देश को इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी.