26 जनवरी की घटना को राष्ट्रपति ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, बजट भाषण के दौरान सांसद बेनीवाल और बिट्टू ने की नारेबाजी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ हुई बजट सत्र की शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम सांसद रहे मौजूद, 26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा को राष्ट्रपति ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, अभिभाषण के दौरान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लगे नारे, 1 फरवरी को किया जाएगा आम बजट पेश

Budget Session Ramnath Kovind
Budget Session Ramnath Kovind

Politalks.News/BudgetSession/Delhi. महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ साल 2021-22 का बजट सत्र शुरू हो गया है. इस सत्र का पहला चरण 15 फरवरी तक चलेगा. दो हिस्सों में चलने वाले बजट सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा. इस सत्र में कुल 12 बैठकें होंगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रपट रखा. राष्ट्रपति के अभिभाषण का सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने बहिष्कार किया. अपने अभिभाषण में रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि पिछले दिनों देश के तिरंगे और गणतंत्र दिवस के जैसे पवित्र दिवस के दिन हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. तो राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस संसद रवनीत सिंह बिट्टू ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर की नारेबाजी की. राष्ट्रपति कोविंद के संसद भवन पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की और कहा कि ‘आज़ादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है’.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद भवन पहुंचने पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगुवाई की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कोरोना महामारी के दौर में हो रहे इस सत्र को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि नए दशक और नए साल का पहला सत्र है. इसी के साथ हम भारत की आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. ‘महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है. हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ. संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए. मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.’

यह भी पढ़ें: राकेश टिकैत के आंसुओं ने कर दिया खेल, सरकार की प्लानिंग हुई फेल, लौटने लगे किसान आंदोलन हुआ तेज

रामनाथ कोविंद ने कहा ‘मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है.’ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया. सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की.’

अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले दिनों हुए तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन के अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.’

यह भी पढ़ें: किसान रैली के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई सहित 8 लोगों पर FIR दर्ज

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 2013-14 में जहां 42 लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज 56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है. इसी अवधि में सब्जी और फलों का उत्पादन भी 215 मिलियन टन से बढ़कर अब 320 मिलियन टन तक पहुंच गया है. मैं इसके लिए देश के किसानों का अभिनंदन करता हूँ. आज देश में खाद्यान्न उपलब्धता रिकॉर्ड स्तर पर है. वर्ष 2008-09 में जहां देश में 234 मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी वहीं साल 2019-20 में देश की पैदावार बढ़कर 296 मिलियन टन तक पहुंच गयी है.

रामनाथ कोविंद ने कहा, समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र में हमारे जो छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास सिर्फ एक या दो हेक्टेयर जमीन होती है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए. देश के सभी किसानों में से 80 प्रतिशत से ज्यादा ये छोटे किसान ही हैं और इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं. ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है. इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम के एवज में लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की राशि, मुआवजे के तौर पर मिली है. व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं. इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था.

यह भी पढ़ें: 90 निकायों में 76.52% वोटिंग के बीच कहीं भिड़े BJP-कांग्रेस के कार्यकर्ता तो कहीं MP से हुई धक्कामुक्की

उन्होंने कहा कि, वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी. पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए. मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे. यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने, संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है. नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है. मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है. LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है. कुछ दिन पहले ही सरकार ने HAL को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है.

यह भी पढ़ें: आज खत्म होगा किसान आंदोलन, DM ने दिए गाजीपुर बॉर्डर खाली करने के आदेश, सिंघु के भी यही हाल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें गर्व है कि ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-3, गगनयान, और Small Satellite Launch Vehicle जैसे महत्वपूर्ण अभियानों पर काम कर रहे हैं. कुछ महीने पहले काकरापार में देश के पहले स्वदेशी pressurized heavy water reactor का सफल परीक्षण किया गया है. भारत GDP की Emissions Intensity को वर्ष 2005 की तुलना में 2030 तक 33 से 35 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्‍य पर काम कर रहा है. पेरिस समझौते को लागू करने में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में अपने अभिभाषण के दौरान जब कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश ने अनेक ऐसे काम कर दिखाए हैं जिनको कभी बहुत कठिन माना जाता था. अनुच्छेद-370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं. उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है. तब उपस्थित सांसदों ने काफी देर तक मेजे थपथपाकर अभिवादन किया.

यह भी पढ़ें: सुरक्षा एजेंसियों को 20 दिन पहले से थी लाल किला कांड की पूरी जानकारी, पुलिस को दे दी गई थी सूचना

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरीन्द्रनाथ टैगोर के ओजस्वी गीत के साथ अपने अभिभाषण का समापन किया. उन्होंने गीत की पंक्तियां, ‘चॉल रे चॉल शॉबे, भारोत शन्तान, मातृभूमी कॉरे आह्वान, बीर-ओ दॉरपे, पौरुष गॉरबे, शाध रे शाध शॉबे, देशेर कल्यान’ पढ़ीं.

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस संसद रवनीत सिंह बिट्टू सेंट्रल हॉल में आए और खड़े होकर तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून को लेकर के आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकारों को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी गारंटी कानून बनाना चाहिए और जय जवान जय किसान का नारा देते हुए वे सदन से बाहर चले गए. वहीं नागौर सांसद हनुमान बैनीवाल ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जमकर नारेबाजी की. सांसद बेनीवाल ने तीनों काले कानून वापस लो के लगाए नारे.

कुल 19 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. कांग्रेस और 15 विपक्षी दल एक साथ अपना विरोध दर्ज कराया. शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी अलग-अलग राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. बहुजन समाजवादी पार्टी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया.

Leave a Reply