Politalks.News/Bharat. देश भर में कोरोना ने कोहराम मचाया हुआ है, लेकिन इस महामारी के विकराल रूप के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर बदस्तूर जारी है. चाहे राजधानी दिल्ली हो या बंगाल महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश सभी जगह कोरोना के तांडव ने पुरे देश को हिलाकर रख दिया है. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस जहां केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर महामारी के दौरान लगातार हमलावर है तो वहीं बीजेपी भी कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगा रही है. कोरोना को लेकर देश में हो रही मौतों पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने हाल ही में हुई सीडब्ल्यूसी की मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन मौतों पर प्रायश्चित करने की बात कही, तो इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर राजनीति ना करने की सलाह दे डाली. इसके बाद सियासत और गरमा गई और कांग्रेस की तरफ से अजय माकन और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पलटकर नड्डा को आईना दिखाया है.
कोरोना महासंकट के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि मौजूदा संकट काल में कांग्रेस के आचरण से दुखी हूं लेकिन आश्चर्य नहीं हूं. नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप ही की पार्टी के कुछ लोग ग्राउंड पर लोगों की मदद करने में सराहनीय काम कर रहे हैं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की वजह से फैली नकारात्मकता से उनके कार्य पर ग्रहण लग जाता है. जेपी नड्डा ने कहा कि एक तरफ जहां भारत कोविड-19 की खतरनाक लहर से जूझ रहा है, क्या इस समय कांग्रेस के शीर्ष नेता लोगों को गलता सूचना देने, बेकार में घबराहट पैदा करने पर रोक लगाएंगे.
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टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. नड्डा ने कहा कि भारत के हालिया इतिहास में टीकाकरण को लेकर कोई संदेह नहीं रहा है, लेकिन कांग्रेस ने सदी में एक बार आई वैश्विक महामारी के दौरान इसे पैदा करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विज्ञान में अटूट विश्वास, नवोन्मेष को समर्थन, सहकारी संघवाद के साथ वैश्विक महामारी से निपटा जा रहा है.
नड्डा ने आगे कहा कि आज के समय में जब भारत COVID19 के खिलाफ अत्यंत साहस के साथ लड़ रहा है, हर कोई चाहेगा कि कांग्रेस के शीर्ष व्यक्ति लोगों को गुमराह करना, झूठी दहशत पैदा करना और यहां तक कि अपने विचारों का सिर्फ राजनीतिक विचारों के आधार पर विरोधाभास करना बंद कर देंगे.
नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि फरवरी, मार्च के आंकड़े बताएंगे कि कौन से राज्य कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर निगरानी रखने में नाकाम रहे और पंजाब जैसे राज्यों में मृत्युदर अधिक क्यों हैं? कोविड-19 महामारी के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं का आचरण दोहरेपन और तुच्छता के लिए याद किया जाएगा.
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वहीं जेपी नड्डा के बयान पर पलटवार करते कांग्रेस महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया. माकन ने कहा कि पीएम मोदी और जेपी नड्डा जवाब दें कि पवित्र गंगा में हम सब ने जो लाशों को तैरते हुए देखा, क्या ये आंकड़े छुप नहीं रहे, क्या ये आपका अहंकार नहीं है. माकन ने जेपी नड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको रत्ती भर भी इसका अफसोस है कि आप लोगों ने पिछले एक-डेढ़ वर्ष में देश का क्या हाल किया है.
अजय माकन ने आगे कहा कि कांग्रेस सशक्त और सजग विपक्ष की भूमिका निभा रही है. भाजपा अध्यक्ष ने सोनिया गांधी को जिस तरह चिट्ठी लिखकर अहंकार पूर्वक जवाब दिया, हम सबका सिर शर्म से झुक जाना चाहिए. हम उम्मीद कर रहे थे कि शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने चिट्ठियां लिख कर सुझाव दे रहा था, उस पर सरकार अमल करेगी. लेकिन उल्टा पलटवार कर अपने आपको बचाना और अहंकार पूर्ण बातें करना आपको शोभा नहीं देता है.
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वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी इस मामले पर पलटवार करते हुए कहा कि BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोरोना न संभाल पाने से जो जानें गई हैं उसका गुस्सा सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निकाला है. जनता पूछ रही है कि कितने साल आप कांग्रेस को गाली देकर सत्ता में रहेंगे. केंद्र अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा है. पटोले ने आगे कहा कि केंद्र ने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर मुफ्त वैक्सीनेशन कर रहे हैं. यही झूठ उसने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा है. केंद्र सरकार का जिस तरह झूठा एफिडेविट देकर और उसमें सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है कहना संवैधानिक व्यवस्था की आत्मा को खत्म करने का काम है.
आपको बता दें कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की सोमवार को हुई बैठक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर चर्चा की गई. CWC की बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में, कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर को मोदी सरकार की उदासीनता, असंवेदनशीलता और अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम बताया. बैठक में कहा गया कि पीएम को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए और इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह समर्पित होना चाहिए. CWC की बैठक के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया तथा टीकाकरण और दूसरे कदमों का पूरा उत्तरदायित्व राज्यों पर छोड़ दिया.