नगर निगम आयुक्त की पिटाई के आरोपों को मेयर ने बताया सस्ती लोकप्रियता, हड़ताल पर सफाई कर्मचारी

नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने 3 पार्षदाें के खिलाफ मारपीट की दर्ज करवाई एफआईआर, तो वहीं मेयर सौम्या गुर्जर ने इस आयुक्त पर बीवीजी कंपनी के साथ सांठ-गांठ के लगाए गंभीर आरोप, गुस्साए नगर निगम के सफाई कर्मचारियों और ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों ने मेयर और पार्षदों के खिलाफ की जमकर नारेबाजी और मेयर के चेंबर का घेराव करते हुए बैठ गए धरने पर तो वहीं आयुक्त के समर्थन में उतरे सफाई कर्मचारियों की यूनियन ने की 5 जून को यानी आज एक दिन की हड़ताल पर जाने की घोषणा

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Politalks.News/Rajasthan. जयपुर नगर निगम ग्रेटर में शुक्रवार को वो हो गया हो जो शायद पहले कभी नहीं हुआ होगा. आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह और ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाली कंपनी के एक मामले में आपस में इस कदर एक दूसरे पर भड़के की उनकी तीखी बहस से मीटिंग में बैठे बीजेपी के पार्षद ऐसे भड़के कि सारी हदें ही पाए कर गए. पार्षदों ने बैठक छोड़कर बाहर जा रहे आयुक्त (आईएएस) का हाथ पकड़कर पहले धक्का-मुक्की की और फिर उनकी अच्छे से पिटाई कर दी. इस मामले में आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव की शिकायत पर 3 पार्षदाें के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, तो वहीं मेयर सौम्या गुर्जर ने इस आरोप को सस्ती लोकप्रियता बताते हुए आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उधर, अपने मुखिया पर हुए हमले से गुस्साए नगर निगम के सफाई कर्मचारियों और ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों ने मेयर और पार्षदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मेयर के चेंबर का घेराव करते हुए धरने पर बैठ गए. तो वहीं आयुक्त के समर्थन में उतरे सफाई कर्मचारियों की यूनियन ने 5 जून को यानी आज एक दिन की हड़ताल पर जाने की घोषणा की है.

दरअसल, विवाद का मुख्य कारण डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली फर्म को लेकर हुआ. शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर रही बीवीजी कंपनी ने दो दिन से काम बंद कर रखा है. इसे लेकर महापौर ने उपायुक्तों की बैठक बुलाई थी. इससे पहले महापौर समिति चेयरमैन रामकिशोर प्रजापत, अजय चौहान, पारस जैन, प्रवीण यादव, मीनाक्षी शर्मा, अरुण वर्मा और जितेंद्र श्रीमाली से अपने कक्ष में बातचीत कर रही थी. ताकि सफाई को लेकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके. इस दौरान आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव को भी बीवीजी कंपनी के भुगतान की पत्रावली लेकर महापौर ने चर्चा के लिए बुलाया. महापौर के बुलावे पर आयुक्त उनके कक्ष में पहुंचे.

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आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने संसाधनों की कमी बताई और बीवीजी कंपनी को 50 प्रतिशत भुगतान का सुझाव दिया. इसके लिए आयुक्त ने नोटशीट में उच्च न्यायालय के आदेशों का भी हवाला दिया. इसे लेकर महापौर और आयुक्त के बीच गर्मागर्मी हो गई और महापौर ने साफ कहा कि बिना सत्यापन किए वो भुगतान की मंजूरी नहीं देंगी. गर्मागर्मी के बीच महापौर ने उपायुक्त गैराज अतुल शर्मा से मोबाइल का स्पीकर आॅन करके संसाधनों की जानकारी मांगी. इस पर शर्मा ने निगम के पास पर्याप्त संसाधन होने और अपने स्तर पर सफाई की बात करने की हामी भरी. इस दौरान मामला बिगड़ गया. आयुक्त मीटिंग हॉल से उठकर जाने लगे तभी सारा घटनाक्रम हुआ.

मेयर ने किया असभ्य भाषा का प्रयोग जबकि तीन पार्षदों ने की मेरे साथ मारपीट
इस पूरे मामले पर आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने कहा कि, ‘दोपहर तीन बजे महापौर ने बीवीजी कंपनी के भुगतान की पत्रावली लेकर वार्ता के लिए मुझे बुलाया. मीटिंग हॉल में 10 पार्षद बैठे थे. उन्होंने दबाव बनाया कि पत्रावली पर वैकल्पिक व्यवस्था के आदेश आज की तारीख में जारी करें. हाईकोर्ट के आदेश की वजह से मैंने ऐसा करने से मना कर दिया और महापौर को बैठक बुलाकर सम्यक निर्णय करने का सुझाव दिया. इस पर महापौर सौम्या गुर्जर ने मेरे साथ असभ्य भाषा का प्रयोग किया. चूंकि मुझे कलेक्ट्रेट में कोरोना की वीसी में जाना था, तो जब मैं बैठक में से चैम्बर में आने लगा तो एक पार्षद ने गेट पर पैर लगाकर रास्ता बंद कर दिया और कुल तीन पार्षदों ने मेरे साथ मारपीट की. मैं भी मारपीट कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया. ये सोची-समझी गुंडागर्दी है.’ यज्ञमित्र सिंह देव ने कहा कि महापौर कक्ष के बाहर होमगार्ड ने मेरे स्टाफ को अंदर आने से रोक दिया, इसलिए मैंने तीनों होमगार्ड को हटा दिया है. पेमेंट को लेकर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है, उनके निर्णय के अनुसार कार्रवाई होगी.

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सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं आयुक्त
वहीं इस मामले को लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि मारपीट के आरोप गलत हैं और आयुक्त सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं. आयुक्त स्पष्ट करें कि उनके बीवीजी कंपनी के साथ उनका क्या गठजोड़ है. वो बार-बार कंपनी को भुगतान का दबाव बना रहे हैं. अगर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो हम पार्षद मिलकर शहर की सफाई करेंगे. मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि मैंने शाम 5 बजे सफाई व्यवस्था को सुधारने और वैकल्पिक व्यवस्था पर चर्चा के लिए सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. आयुक्त से हम चर्चा कर ही रहे थे, इतने में वो चेंबर से बाहर गए. बाहर क्या विवाद हुआ, मुझे जानकारी नहीं है. मेयर ने कहा कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली कंपनी पिछले कई दिनों से हड़ताल पर है और शहर की स्थिति खराब है. हम चाहते हैं कि इस कंपनी की जगह कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. आयुक्त खुद कोई दूसरी व्यवस्था कर नहीं पा रहे और हम जब प्रयास कर रहे हैं तो वह ये होने नहीं दे रहे.

आपको बता दें, बैठक से बाहर आने के बाद आयुक्त ने मेयर के चेंबर के बाहर तैनात सभी होमगार्ड को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. वहीं उपायुक्त सतर्कता को पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कह दिया. इधर, विवाद बढ़ता देख नगर निगम मुख्यालय छावनी में तब्दील हो गया. निगम के सफाई कर्मचारियों ने मेयर और पार्षदों के खिलाफ नारेबाजी की. यही नहीं मेयर सौम्या गुर्जर जब कार्यालय से बाहर निकलने लगीं तो कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी को भी रोक लिया. बमुश्किल वहां मौजूद पुलिस ने कर्मचारियों को हटाया और मेयर को जाने दिया.

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