Politalks.News/WestBengalElection. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायकों और अन्य नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर जश्न मनाने वाली भारतीय जनता पार्टी को अब अपनी ही पार्टी में विरोध और बगावत का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी द्वारा चुनाव में पार्टी में अभी अभी आए टीएमसी व अन्य दलों के या बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने से बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं में अंतर्कलह बढ़ गई है. मंगलवार को पार्टी के कोलकाता स्थित दफ्तर पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता जुटे और विरोध दर्ज कराया. यही नहीं मिली जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे बीजेपी के कार्यकर्ताओं का एक वर्ग इस दौरान हिंसक हो गया और पत्थरबाजी शुरू कर दी. उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ीं.
बंगाल पुलिस के मुताबिक बीजेपी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा. पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन बीजेपी नेता और प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य को निशाना बनाने के लिए बढ़ रहे थे. हालांकि पुलिस के दावों को खुद समिक ने ही खारिज किया है. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की लीडरशिप में मंगलवार को बंगाल में निकल रही बीजेपी की आंबेडकर यात्रा पर भी हमले की खबर है. हालांकि बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने कहा कि हमने कोतुलपुर और काकद्वीप में दो आंबेडकर यात्राएं शुरू की थीं. मैंने कोतुलपुर में यात्रा की शुरुआत की, लेकिन काकद्वीप में टीएमसी के गुंडों ने तोड़फोड़ की और यात्रा को रोकने का प्रयास किया.
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शीर्ष नेताओं को किया गया दिल्ली तलब
इधर बंगाल बीजेपी में टिकट बंटवारे पर मची रार को देखते हुए पार्टी ने तुरंत बंगाल के बड़े नेताओं को आज रात दिल्ली पहुंचने को कहा है. पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक बुधवार को दिल्ली में दस बजे होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी ने बंगाल बीजेपी के सभी नेताओं को आज की रात फ्लाइट के जरिए दिल्ली पहुंचने को कहा है. माना जा रहा है कि पार्टी ने ये फैसला चुनावी उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद पार्टी में मची अंदरूनी रार को देखते हुए लिया है.
आपको बता दें, बीजेपी ने बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बंगाल में आक्रामक अभियान छेड़ रखा है. बीजेपी के जिन नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है, उनमें मुकुल रॉय और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष जैसे नेता भी शामिल हैं. इन्हें तुरंत दिल्ली पहुंचने को कहा गया है. दरअसल चर्चाओं का बाजार गर्म है कि दोनों नेताओं को पार्टी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार सकती है.
पुराने और नए नेताओं के बीच खुलकर सामने आई तकरार, चट्टोपाध्याय व बंदोपाध्याय ने छोड़ी पार्टी
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल भाजपा में पुराने नेताओं और पार्टी का हाल ही में दामन थामने वाले लोगों के बीच तकरार रविवार को खुलकर सामने आई. राज्य विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कई लोगों ने भगवा पार्टी के प्रति नाराजगी जताई और इस्तीफा दे दिया. साथ ही, राज्यभर में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी किये गये. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सोवन चटर्जी और उनके साथ बैसाखी बनर्जी ने भी टिकट नहीं मिलने पर भगवा पार्टी छोड़ दी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को भेजे इस्तीफे में चट्टोपाध्याय ने भाजपा पर अपमानित करने का आरोप लगाया. चट्टोपाध्याय कई दशकों से बेहाला पूर्व सीट का प्रतिधित्व करते आ रहे हैं, हालांकि यहां से पायल सरकार को टिकट दे दिया गया, जो हाल में पार्टी में शामिल हुई हैं.
बाबुल सुप्रियो को टॉलीगंज से तो लॉकेट चटर्जी को चुंचुड़ा से टिकट
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तीसरे और चौथे चरण के तहत 75 सीटों पर होने वाले मतदान के मद्देनजर रविवार को 63 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. राज्य में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं. उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए भाजपा महासचिव अरूण सिंह ने बताया कि बाबुल सुप्रियो टॉलीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जबकि बंगाली अभिनेत्री और हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी को पार्टी ने उनके ही संसदीय क्षेत्र की चुंचुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
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अशोक लाहिड़ी कौन हैं और उन्हें उम्मीदवार क्यों बनाया गया? बिशाल लामा का भी विरोध
भाजपा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होते ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध शुरू हो गए और कई नेताओं ने हाल में पार्टी में शामिल हुए अन्य दलों के नेताओं को पुराने नेताओं से अधिक महत्व दिए जाने पर असंतोष जाहिर किया. वहीं कुछ मामलों में नए नेताओं ने अपनी सीट को लेकर नाखुशी जाहिर की. सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को अलीपुरदुआर सीट से उम्मीदवार बनाने और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में आए बिशाल लामा को कालचिनी से उतारने का उत्तर बंगाल में विरोध शुरू हो गया और स्थानीय नेता सड़कों पर उतर आए.
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘अशोक लाहिड़ी कौन हैं और उन्हें उम्मीदवार क्यों बनाया गया, हमें नहीं पता. अलीपुरदुआर से वह लड़ेंगे, तो वे पुराने लोग जिन्होंने पार्टी के लिए बरसों तक लड़ाई लड़ी, वे क्या करेंगे. स्थानीय भाजपा नेता इस अन्याय को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए हुगली जिले के सिंगुर क्षेत्र से वर्तमान विधायक रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. तृणमूल से टिकट नहीं मिलने पर भट्टाचार्य भाजपा में शामिल हुए हैं. एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पार्टी को अपना फैसला बदलना होगा.’’ राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए.
श्यामपुर से भी तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिया गया है जो हाल में भाजपा में आई हैं. वहीं, हावड़ा जिले के पंचला सीट से मोहितलाल घाटी को टिकट मिलने पर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की. कई जिला स्तरीय नेताओं ने भी टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया.