Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश भाजपा हमेशा कांग्रेस को आंतरिक गुटबाजी के आरोपों के साथ घेरती रही है. जबकि खुद बीजेपी में यह गुटबाजी अपने चरम पर है और बीजेपी की गुटबाजी का यह खेल अब खुलकर सामने आने लगा है. प्रदेश भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को छोड़कर सभी प्रमुख नेताओं को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया गया. इन नेताओं की बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच की कार्यकारिणी की सूचियां सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि गुटबाजी की ख़बर केंद्रीय नेतृत्व को भी है.
आपको बता दें, जयपुर के रहने वाले एडवोकेट विजय भारद्वाज वसुंधरा राजे समर्थंक राजस्थान मंच के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल की उपलब्धियों को प्रदेश के हर हिस्से तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं. भारद्वाज का कहना है की इस काम के लिए उन्होंने प्रदेश के 25 जिलों में अपनी टीम का गठन कर दिया है. टीम का लक्ष्य साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को चुनाव जीताना बताया जा रहा है. प्रदेश बीजेपी नेताओं के जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इस तरह की लिस्ट सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल पैदा कर दी है.
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राजस्थान बीजेपी में सबकुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा है, इस बात का अंदाजा तभी लग गया था जब पूर्व सीएम और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को छोड़कर वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को दिल्ली बुलाया गया. सतीश पूनियां के साथ नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित सभी प्रमुख नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले से वसुंधरा राजे समर्थकों में रोष है और इसीलिए मुलाकात के तुरुंत बाद राजे समर्थक मंच की सूचियां सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं.
इस मामले में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का कहना है कि पार्टी में ऐसी कोई परंपरा नहीं रही है कि समर्थक अपनी टीम घोषित कर दें. पूनियां ने कहा, ‘वसुंधरा समर्थकों ने अपनी टीम बना ली है और इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व को खबर है. अब केंद्रीय नेतृत्व से हमें जैसा आदेश मिलेगा, वैसा ही किया जाएगा.’
वहीं सतीश पूनियां ने यह भी कहा कि, ‘वसुंधरा राजे समर्थकों की तरफ से जारी सूची में संगठन के लोग नहीं हैं, इसमें वे लोग हैं जिन्हें कोई पहचानता भी नहीं है. हालांकि कुछ पूर्व विधायक भी इस लिस्ट में शामिल हैं.’ पूनियां ने आगे कहा कि इन सूचियों से संगठन को कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच का दावा है कि इन सूचियों को जारी करने से बीजेपी को ही फायदा होने जा रहा है. मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय भारद्वाज ने कहा कि इसके जरिए वह वसुंधरा सरकार के कामकाज को जनता के बीच पहुंचा रहे हैं.
वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच के गठन के पीछे की मंशा के सवाल पर विजय भारद्वाज कहते हैं कि मुख्यमंत्री रहते वसुंधरा राजे ने अपने दो कार्यकाल में जो विकास कार्य प्रदेश में कराए उनको प्रदेश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए इस मंच का गठन किया गया है. भारद्वाज कहते हैं कि वसुंधरा राजे राजस्थान को पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर विकसित राज्य की कतार में लेकर आई और इससे प्रभावित होकर वह लगातार उनकी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रहे हैं. हालांकि भारद्वाज कहते हैं कि लंबे समय से उनकी वसुंधरा राजे से मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन वसुंधरा समर्थक मंच की टीम की लिस्ट आने के बाद बीजेपी में हलचल मच गई है.