Politalks.News/Uttrakhand. उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की आशंका है. इसके चलते अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर हैं. पानी के तेज बहाव में कई घरों के बहने की आशंका है, जिसके चलते आस-पास के इलाके खाली कराए जा रहे हैं. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों में सात-आठ फरवरी को प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है. इसी बीच तपोवन में एक टनल से आईटीबीपी ने 16 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. इसके अलावा लोगों से सुरक्षित इलाकों में पहुंचने की अपील की जा रही है. बता दें, इस आपदा में कम से कम 150 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है. पीएम मोदी भी पल-पल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं. मौके पर रेसक्यू टीम भी पहुंच चुकी हैं और प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के लिए सीएम ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है.
प्राकृतिक आपदा के साथ पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं उत्तराखंड में हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं. पूरा भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और वहां सभी की सुरक्षा के लिए राष्ट्र प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों पर अपडेट प्राप्त कर रहा हूं.’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय असम और बंगाल के दौरे पर हैं.
रावत ने दी राहत की खबर और की अपील
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ की खबरों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने थोड़ी राहत की खबर दी है. रावत ने कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है, जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. सीएम रावत ने बताया कि अलकनंदा का जलस्तर सामान्य से 1 मीटर ऊपर है, लेकिन प्रवाह धीरे-धीरे कम हो रहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया, ”राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी और मेरी पूरी टीम आपदा कंट्रोल रूम से स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.” मुख्यमंत्री रावत ने लोगों से पुराने वीडियो शेयर न करके और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उत्तराखंड के चमोली में राहत कार्यों को लेकर कैबिनेट सचिवालय में एक बैठक बुलाई गई है। बैठक में महानिदेशक और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
हम प्रशासन के साथ मिलकर पूरी मदद करेंगे- राकेश टिकैत
इसी बीच कृषि कानूनों के दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा है, रिपोर्ट के मुताबिक वहां 50-60 लोग मारे जा चुके हैं. पानी बहुत तबाही मचाते हुए आ रहा है, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में सब जगह अलर्ट कर दिया गया है. हम प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव मदद करेंगे. बता दें, राकेश टिकैत ने आज हरियाणा के चरखी दादरी में किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए यह बयान दिया है.
आपको बता दें, उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने की वजह से बड़ा हादसा हो गया है. इस प्राकृतिक आपदा में 100-150 लोगों के मौत की आशंका है. अभी एनडीआरएफ, आईटीबीपी, थल सेना और वायु सेना का राहत एवं बचाव कार्य जारी है. इस हादसे में सबसे अधिक नुकसान ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को हुआ है और यहां काम करने वाले कई मजदूर लापता हैं.
क्या है ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट?
उत्तराखंड के चमोली जिले में बिजली उत्पादन की एक परियोजना चल रही है, जिसका नाम ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट है. यह करीब 10 साल से अधिक से काम कर रही है. यह सरकारी नहीं बल्कि निजी क्षेत्र की परियोजना है. बता दें कि पहले भी इस प्रोजेक्ट का काफी विरोध हुआ और पर्यावरण के लिए काम करने वाले लोगों ने इसे बंद कराने के लिए न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था, हालांकि यह प्रोजेक्ट बंद नहीं हुआ.
ऋषि गंगा नदी पर चल रहा प्रोजेक्ट
यह भी आपको बता दें, ऋषि गंगा नदी पर यह प्रोजेक्ट चल रहा है. ऋषि गंगा नदी धौली गंगा में मिलती है. ग्लेशियर टूटने की वजह से इन दोनों नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है और बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के जरिए 63520 एमडब्ल्यूएच बिजली बनाने का लक्ष्य है. हालांकि अभी कितना उत्पादन हो रहा है, इसकी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.