Politalks.News/Rajasthan/Political Appointments. प्रदेश में लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. पार्टी शेष बचे निकाय और पंचायत चुनावों के बाद यानि कि मार्च के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा देने जा रही है. लेकिन मापदंडों के फेर में फंसा एक पेंच कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. दरअसल चुनाव लड़ चुके नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखने की तैयारी की जा रही है, फिर चाहे वो चुनाव जीता हो या हारा हो. वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को मजबूत करने के लिए संगठनात्मक नियुक्तियां इस माह के आखिर तक दिए जाने की संभावना है, लेकिन मापदंड इसका भी वहीं होगा, यानि जिन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिला उन्हें कार्यकारिणी में जगह दी जाएगी.
मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि कांग्रेस के संगठन में जल्द नियुक्तियां हो जाएंगी. डोटासरा ने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी को शक्ल देने के लिए 13 दिसंबर के बाद पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा होगी और फिर दिसंबर के आखिर तक नियुंक्तियां पूरी करने की कोशिश होगी. वहीं पीसीसी चीफ डोटासरा ने यह भी कहा कि जिन कार्यकर्ताओं को चुनाव में टिकट नहीं मिला है, उन्हें संगठन में जिम्मेदारी देने की कोशिश की जाएगी. गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अब तक संगठन में नियुक्तियां पूरी करने की कोशिश चल रही थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसमें देरी हुई.
दरअसल कई कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता लंबे समय से राजीनितिक निुयक्तियों का इंतजार कर रहे हैं. सरकार बने हुये करीब दो वर्ष पूरे होने को आ रहे हैं और अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई है. इससे नेता और कार्यकर्ता कशमसा रहे हैं. राजनीतिक नियुक्तियों के नाम पर करीब दो साल उन्हें कोरा आश्वासन ही दिया जा रहा है. कभी कोई अड़ंगा आ जाता है तो कभी कोई. इससे राजनीतिक नियुक्तियों की आस पाले बैठे नेता और कार्यकर्ता आजिज आ चुके हैं. वे लगातार दो साल से अपनी सरकार की तरफ टकटकी लगाये देख रहे हैं. लेकिन अब शायद जल्द ही उनकी उम्मीदों को पंख लगने वाले हैं.
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हालांकि राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद पाले बैठे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को झटका भी लगने वाला है. दरअसल चुनाव लड़ चुके नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखने की तैयारी की जा रही है, अगर संभव हुआ तो चुनाव लड़कर हारे नेताओं के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. बता दें, राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सत्ता और संगठन में कवायद शुरू हो चुकी है.
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो राजनीतिक नियुक्तियों के लिए पार्टी में नए मापदंड तैयार किए जा रहे हैं, पार्टी के विश्वस्त नेताओं ने भी इसके संकेत दे दिए हैं. बताया जाता है कि नए मापदंडों के मुताबिक विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी का टिकट पा चुके नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं किया जाएगा, चाहें फिर वो चुनाव जीते हों या फिर चुनाव हार गए हों. सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नए मापदंड बनाना पार्टी की अहम रणनीति है, ये मापदंड लागू करने के पीछे वजह यही है कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं की छंटनी करना है. राजनीतिक नियुक्तियों में लगातार की जा रही देरी भी इसी रणनीति का हिस्सा है.
इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनावों में टिकट पा चुके नेताओं और कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड इन दिनों प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में तैयार किया जा रहा है. रिकॉर्ड तैयार होने के बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा जाएगा.
बताया जा रहा है कि जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं जबकि पार्टी के पास लाखों कार्यकर्ताओं की फौज हैं, ऐसे में किसे एडजस्ट किया जाए किसे नहीं, यही चिंता सत्ता लेकर संगठन को खाये जा रही थी, जिसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की छंटनी करने के लिए पार्टी में नए मापदंड तैयार किए गए हैं.
सूत्रों की मानें तो अजमेर नगर निगम सहित कई निकायों और पंचायतों के चुनाव अभी शेष हैं, पार्टी की रणनीति है कि शेष निकायों और पंचायत चुनावों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को खपाने के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियां की जाए, ऐसे में माना जा रहा है कि नए साल में मार्च के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो सकता है. राजनीतिक नियुक्तियों में उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी हैं जिन्होंने पार्टी के लिए खूब मेहनत की है लेकिन उन्हें किसी भी चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया है.