गुरुवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने जयपुर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कई गम्भीर मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. देश से भागते पूंजीपतियों पर थरूर ने कहा, “विदेशी निवेशक इस देश से अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं, वे जान गए हैं कि यहां लोगों की भीड़ द्वारा हत्या सिर्फ गाय और सामाजिक सौहार्द के नाम पर की जा रही है, तब वे ऐसे देश में पैसे नहीं लगाना चाहते हैं. थरूर ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाए. साथ ही ये भी कहा कि हर चीज पर पीएम मोदी की निंदा नहीं की जानी चाहिए, विपक्ष को यह भी देखना होगा कि आखिर कांग्रेस में कहां कमी है और क्या चीज मोदी के समर्थन में काम कर रही है.

जयपुर में आयोजित ‘इंडिया इन क्राइसिस’ कार्यक्रम में शिरकत करने आये कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं गिरती अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार बताया. थरुर ने कहा कि, “विदेशी निवेशक इस देश से अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं, यह साफ है कि वे मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर रहे हैं. वे जब ये जान रहे हैं कि लोगों की भीड़ द्वारा हत्या सिर्फ गाय और सामाजिक सौहार्द के नाम पर की जा रही हैं, तब वे ऐसे देश में पैसे नहीं लगाना चाहते हैं. बकौल थरूर, “कोई भी देश ऐसी जगह पर पैसे नहीं निवेश करेगा, जहां पर जंग की स्थिति हो या उससे मिलते-जुलते हालात हों.”

इस मुद्दे पर थरूर ने आगे कहा कि गाय के नाम पर हो रही उन्मादी हिंसा (मॉब लिंचिंग) से दुनिया में देश शर्मशार हो रहा है. विदेश में लोग पूछते हैं कि गाय के नाम पर लोगों से मारपीट और हत्या क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोग पूछते हैं कि आपके देश में गाय के नाम पर लोगों की हत्याएं क्यों हो रही हैं. सरकार कुछ करती क्यों नहीं है. ऐसी घटनाओं के कारण दुनिया में देश का माहौल इस कदर खराब हो रहा है कि निवेशक यहां आने से कतरा रहे हैं.

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लोकसभा सांसद थरुर ने एक बार फिर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं. थरुर ने कहा कि स्ट्राइक में कोई आतंकी नहीं मारा गया, सिर्फ पड़ोसी देश के पहाड़ पर कुछ पेड़ गिराकर भारतीय विमान वापस आ गए थे. गौरतलब है कि थरूर इससे पहले भी स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं. वहीं जम्मू-कश्मीर के हालात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि घाटी में इंटरनेट और टेलीफोन सेवा बंद करने, नेताओं को नजरबंद करने से वहां की जनता काफी आहत हुई है. यह कदम ठीक नहीं कहा जा सकता है. केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर के नाम पर लोगों से वोट लिए गए, लेकिन 90 फीसद सिलेंडर दुबारा भरवाए ही नहीं गए.

प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और विपक्ष का केन्द्र सरकार के प्रति रवैये पर थरूर ने कहा कि हर चीज पर प्रधानमंत्री मोदी की निंदा नहीं की जानी चाहिए. विपक्ष को यह भी देखना चाहिए कि आखिर कांग्रेस में कहां कमी है और क्या चीज मोदी के समर्थन में काम कर रही है. हमें सोचना होगा कि आखिर मोदी सत्ता में लौट कर कैसे आए. उनका वोट फीसदी 31 से बढ़कर 37 फीसदी हुआ है, जबकि हमारे में वोट फीसदी में कमी आई है. केन्द्र सरकार की कुछ नीतियां मसलन स्वच्छ भारत योजना और उज्ज्वला योजना ने लोकसभा चुनाव में उनके लिए बढ़िया काम किया है. हालांकि, यह भी सच है कि 65 फीसदी इन टॉयलेट्स में पानी ही नहीं है.

वहीं शशि थरुर ने एक बार फिर अपनी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “हमारी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए था. मैं कार्यकर्ताओं को और विकल्प देते देखना चाहता था, पर यह अकादमिक रुचि है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुना।”

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