Politalks.News/UttarPradesh. अगले साल होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के रण में आखिर केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के दिग्गज अमित शाह की एंट्री हो ही गई. भारतीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह आज एक दिन के सियासी दौरे पर लखनऊ पहुंचे. विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह का यह दौरा बहुत ही अहम माना जा रहा है. प्रदेश भाजपा के गलियारों से ये खबर निकलकर सामने आ रही है कि अमित शाह के इस दौरे से भाजपा कार्यकर्ताओं में एक नई जान आ गई है, तो वहीं हाल ही में लखीमपुर खीरी में हुई घटना में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी के पिता एवं केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी भी अमित शाह के साथ मंच साझा करते नजर आये. ऐसे टेनी के अमित शाह के साथ मंच साझा किये जाने वाले दृश्य ने सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए और साथ ही विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने का एक मौका और दे दिया. वहीं चुनाव से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते अमित शाह ने सपा व बसपा पर जमकर निशाना साधा.
आपको बता दें, शॉर्ट विजिट पर लखनऊ पहुंचे अमित शाह ने डिफेंस एक्सपो ग्राउंड से 1.50 करोड़ नए सदस्य जोड़ने के लक्ष्य वाले बीजेपी के सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया. इस दौरान अमित शाह के साथ मंच पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ साथ केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी भी मौजूद रहे है. अजय मिश्रा टेनी की मौजूदगी ने अमित शाह के दौरे की वाहवाही पर अल्पविराम लगा दिया. 9 लोगों की मौत के जिम्मेदार लखीमपुर खीरी कांड में अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है. वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है. ऐसे में टेनी के साथ मंच साझा कर अमित शाह अब विरोधी दलों के निशाने पर आ गए हैं.
यह भी पढ़े: प्रियंका की सक्रियता ने सभी को चौंकाया! महिलाओं को टिकट तो अब छात्राओं को स्मार्ट फोन का वादा
अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा करने पर कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने अमित शाह पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘यहाँ पूरे बुंदेलखंड में किसान खाद के लिए लाइन में खड़े जान दे रहे हैं. वहाँ लखीमपुर में एक मंत्रीपुत्र कई किसानों को जीप से कुचल देता है और उसका पिता गृहमंत्री के साथ लखनऊ के मंच पर खड़ा है. देश का किसान आपके घमंड को देख रहा है.’ तो वहीं यूपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अमित शाह और अजय मिश्रा टेनी के मंच साझा करते हुए एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘टेनी के साथ अमित शाह, कैसे होगा किसानों के साथ न्याय?’
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब लखीमपुर खीरी वाले मंत्री ‘टेनी’ गृहमंत्री अमित शाह के साथ हैं, तो फिर प्रदेश की जनता को क्या न्याय मिलेगा, अरे प्रदेश की जनता यह सब देख रही है. अखिलेश ने कहा कि अब चाहे बीजेपी जितनी भी रणनीति बना ले, लेकिन जनता ने अब भाजपा को हराने का मन बना लिया है.
गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भैया मुख्य आरोपी है. दावा है कि आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचलकर किसानों की मौत हुई थी. इस हादसे के बाद लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा भड़क गई थी. लखीमपुर हिंसा के बाद से ही विरोधी दल अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. अब आकोषित लोगों का कहना है कि जिससे तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए था और जिसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, उसी को शाह ने अपने साथ मंच पर बैठाया. आखिर ऐसा करके क्या जताना चाहते हैं अमित शाह?
वहीं इससे पहले बीजेपी के सदस्यता अभियान को संबोधित करते हुए अमित शाह ने भी विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा. अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार बनने से पहले यहां 2017 में सपा-बसपा का खेल चलता था, जिसने पुरे उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर दिया. कैराना में लोग पलायन को मजबूर थे लेकिन आज किसी की हिम्मत नहीं है, क्योंकि पलायन कराने वाले पलायन कर गए. पहले प्रदेश में बाहुबली ही बाहुबली दिखाई देते थे, लेकिन आज दूरबीन से भी देखने पर नजर नहीं आते. अमित शाह ने आगे कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी होती हैं जो हमेशा के लिए समाज सेवा का कार्य करती हैं और कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी होती हैं जैसे बारिश में मेंढक बाहर आ जाता है, ऐसे चुनावी मेंढक भी चुनाव के समय ही बाहर आते हैं.
यह भी पढ़े: भतीजा नहीं माना तो भड़के चाचा- ‘गठबंधन तो होगा सपा से नहीं तो नेशनल पार्टी से सही, नेताजी हैं ना…’
इसके साथ ही अमित शाह ने प्रमुख विपक्षी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश बाबू जरा ये तो बताओ कि पिछले 5 साल में विदेश में कितने दिन रहे? कोरोना और बाढ़ के समय आप कहां थे? अमित शाह ने आगे कहा कि अखिलेश ने सपा सरकार के समय शासन खुद के लिए, परिवार के लिए और अपनी जाति के लिए किया है. शाह ने कहा कि अखिलेश एंड कंपनी 2014, 2017 में हमें ताने मारती थी कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तिथि नहीं बताएंगे. लेकिन मैं उनसे ये कहना चहुंगा कि अखिलेश बाबू हमने तो नींव भी बना दी, आप तो 5 हजार रुपए का चंदा देने से भी चूक गए.