Bihar Politics: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की भव्य तैयारियां चल रही है. इस धार्मिक कार्यक्रम को लेकर कई तरह के राजनीतिक विवाद भी चल रहे हैं. इसी बीच बिहार में राजद ने एक विवादित पोस्टर लगाकर बवाल मचा दिया है. पोस्टर पटना में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के आवास के सामने लगाया गया है. इस पोस्टर में मंदिर को गुलामी का रास्ता बताया है. ये पोस्टर पार्टी समर्थकों ने भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फूले की जयंती समारोह के अवसर पर लगाए हैं. इस पोस्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. राजद के इस पोस्टर विवाद के बाद राजनीति गर्माती हुई नजर आ रही है.
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दरअसल, सावित्रीबाई फूले की जयंती 3 जनवरी को है. जयंती की तैयारी को अंतिम रूप देते हुए सत्ता में भागीदार राजद पार्टी के समर्थकों ने इस तरह के पोस्टर लगाए हैं. लालू-राबड़ी आवास के बाहर लगाए गए इन पोस्टर में सनातन और हिंदू देवी देवताओं पर विवादित बयान देने वाले आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की फोटो के साथ-साथ राजद अध्यक्ष लालू यादव, राबड़ी देवी ओर बिहार के वर्तमान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की फोटो लगी हुई है.
इस पोस्टर में लिखा है, ‘मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का र्मा. जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किस तरफ जाना है: सावित्री बाई फूले.’
अब एक ओर जहां राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में घर-घर में अक्षत निमंत्रण भेजे जाने की शुरूआत हो चुकी है. वहीं बिहार में पोस्टर के जरिए मंदिर को ‘मानसिक गुलामी’ करार दिया है. हालांकि इस बयान को सावित्री बाई फूले के बयान से कोट किया गया है लेकिन राजद अब इस पोस्टर विवाद में फंसती नजर आ रही है. हालांकि राजद या बीजेपी की ओर से इस बारे में अभी तक कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है लेकिन जल्दी ही ऐसा होगा, इस बात में संयश तो नजर नहीं आ रहा है.