Politalks.News/Bihar/MevalalChoudhary. बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद भी हलचल खत्म नहीं हुई है. गुरुवार को बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल को पदभार ग्रहण करने के कुछ देर बाद ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा दिया. मेवालाल पर भ्रष्टचार के कई आरोप लगे हैं जिसे लेकर राजद सहित अन्य महागठबंधन के नेता विरोध कर रहे हैं. बीते दिनों लालू यादव ने भी मेवालाल को दिए मंत्रीपद को लेकर चुटकी ली थी. मेवालाल के इस्तीफा देने के बाद तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्हें असली गुनाहगार और एक थका हुआ नेता बताया.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है. जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया. असली गुनाहगार तो आप है. आपने मंत्री क्यों बनाया?? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?’.
एक अन्य ट्वीट पर तेजस्वी ने लिखा, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें. महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी. अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे. जय बिहार, जय हिन्द.’
मा. मुख्यमंत्री जी,
जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2020
जाहिर तौर पर तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी नवी नेवेली सरकार को विधानसभा में रोजगार सहित अन्य स्थानीय मुद्दों पर घेरने की चेतावनी देते हुए तैयार रहने को कहा है. इससे पहले बुधवार को राजद प्रमुख लालू यादव ने भी मेवालाल को मंत्री पद देने को लेकर नीतीश कुमार को घेरा था. नियुक्ति घोटाले में आरोपी मेवालाल को शिक्षा मंत्री पद दिये जाने पर लालू ने नीतीश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए लालू यादव ने लिखा, ‘विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे, आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं.’
लालू यहीं नहीं रूके, ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘तेजस्वी जहां पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्ध थे. वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बनाकर अपनी प्राथमिकता को बता दिया है.’ इससे पहले राजद ने भी मेवालाल चौधरी पर तंज कसा था.
जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को @SushilModi खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह @NitishKumar ने मंत्री पद से नवाज़ा।
यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र। यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी निम्नतम स्तर तक गिर सकता है। pic.twitter.com/HpMb2JfLOr
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 17, 2020
दरअसल वर्तमान सरकार में सबौर कृषि यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी रहे मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था. उनके ऊपर 2012-2013 में लगभग 160 सहायक प्राध्यापक व कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप लगे हुए हैं. जांच में ये आरोप साबित भी हो चुके हैं. कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था. चुनाव जीतने के बाद डॉ. चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए.
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इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत भी ले ली. जैसे ही मुंगेर के तारापुर विधानसभा सीट से जीतकर आए जदयू नेता मेवालाल को शिक्षा मंत्री बनाया, तभी से राजद सहित महागठबंधन और तमाम विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए विरोध जताना शुरु कर दिया. आखिरकार मेवालाल ने इस्तीफा दे दिया जिसे स्वीकृति मिल गई.
मेवालाल चौधरी पर उनकी पत्नी की हत्या का भी आरोप है. मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं. वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं. 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं. वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी. एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है. इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा है.