शिक्षक सम्मान या शिक्षा मंत्री का विदाई समारोह! CM गहलोत ने दिए संकेत, सियासी चर्चाओं का दौर शुरू

शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बताई शिक्षकों की परेशानियां, कहा- ये हैं टीचर्स की समस्याएं, इनका समाधान हुआ तो 2023 में फिर बनेगी कांग्रेस सरकार, तो सीएम बोले- मैं देख रहा था ऐसे बोल रहे थे जैसे हो रही हो इनकी विदाई, वैसे आलाकमान को ये बता चुके हैं अपने मन की बात, एक व्यक्ति एक पद फॉर्मूले पर कांग्रेस में जारी है मंथन, जा सकता है डोटासरा का मंत्री पद

मंत्री बने रहेंगे या हट जाएंगे मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
मंत्री बने रहेंगे या हट जाएंगे मुख्यमंत्री ने दिए संकेत

Poliatalks.News/Rajasthan. राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन आज जयपुर के बिड़ला सभागार में किया गया. इसमें शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने शिक्षकों की समस्याएं रखी और कहा कि, ‘इनका समाधान हो जाए तो 2023 में कांग्रेस की सरकार वापस बनने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि शिक्षक भगवान से कम नहीं है‘. तो डोटासरा के बाद संबोधन के दौरान सीएम गहलोत ने चुटकी ली कि डोटासरा जी ने ऐसे बातें रखी जैसे ये आपसे विदाई ले रहे हों. सीएम की चुटकी पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा.

डोटासरा ने गिनाईं शिक्षकों की समस्याएं, बोले- शिक्षक हमारे भगवान से कम नहीं
दरअसल, राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सीएम गहलोत के सामने शिक्षकों की समस्याएं रखीं और कहा कि, ‘इनका समाधान हो जाए तो 2023 में कांग्रेस की सरकार वापस बनने से कोई नहीं रोक सकता. क्योंकि शिक्षक भगवान से कम नहीं है’. डोटासरा ने कहा कि, ‘दो साल के बाद यह सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है. कठिन समय में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना योद्धा बनकर काम किया शिक्षकों ने. कोरोना के बेहतर मैनेजमेंट में शिक्षकों का भी बेहतर योगदान रहा. गांव-ढाणी और गलियों में लोगों की जान बचाने में जुटे रहे’.

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शिक्षा मंत्री ऐसे बोल रहे थे जैसे ले रहे हों आप से विदाई- गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने संबोधन की शुरुआत में ही जमकर लोगों को गुदगुदाया और तालियां बटोरीं. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आपकी मांगे जिस तरह से शिक्षामंत्री ने रखी जैसे ये आप लोगों से विदाई ले रहे हों’. इस पर सभागार ठहाकों और तालियों से गूंज गया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘लंबे अरसे से ये आलाकमान को कह रहे हैं कि मुझे एक पद पर रखो. आपने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है प्रदेश कांग्रेस चलाने की. वो जिम्मेदारी किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री से बड़ी होती है, तो फिर मैं दो काम कैसे करूं. ये बार-बार मुझसे भी यही आग्रह करते हैं. आज मुझे लगा इनकी स्पीच और हावभाव से आपकी भावनाओं को बताना मुख्यमंत्री के सामने, लगता है कि इन्होने कोई संकल्प दिल्ली में दोहराया दिखता है’. सीएम गहलोत ने कहा कि, अभी मंत्री सुभाष गर्ग जी कह रहे थे. ऐसा शिक्षा मंत्री न कभी आया है ना कभी होगा, शिक्षक का बेटा होने का भी इनको लाभ मिला. इन्होने बचपन से अपने पिता को जीवन भर देखा है तो इनका अनुभव काम आया’. साथ ही सीएम ने कहा कि जो भी घोषणा के लिए शिक्षा मंत्री मुझे कहेंगे वो मुझे मंजूर होगी’.

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एक व्यक्ति एक पद फॉर्मूले की चर्चाएं हैं तेज
दरअसल, गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री के साथ पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं. मंत्रिमंडल पुनर्गठन की सुगबुगाहट के बीच एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत डोटासरा को या तो मंत्री बनाए रखा जाएगा या पीसीसी चीफ. अब सीएम गहलोत के विदाई वाली बात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि डोटासरा जी का मंत्री पद जाना तय है! हालांकि ये सब तो भविष्य के गर्भ में छिपा है. लेकिन आज के समारोह से कई सियासी संदेश जरूर चले गए.

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