Wrestlers Protest
Wrestlers Protest

Brij Bhushan on Wrestler: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों के साथ जो हुआ, वो पूरे देश ने देखा. एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संसद के नए आलीशान भवन का उद्घाटन कार्यक्रम चलता रहा, वहीं दूसरी तरफ पहलवानों पर पुलिस ने घसीटा और हिरासत तक में ले लिया. उसके बाद जबरन जंतर मंतर से उनके तंबू उखाड़ फेंके. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जनता के आंदोलन को दबा दिया गया. देखा जाए तो एक तरफ आरोपों के कटघरे में खड़े बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के सफेद कपड़ों पर एक दाग तक नहीं लग रहा, वहीं बाहर सड़कों पर पहलवानों के साथ तिरंगे तक का अपमान होने की खबर तक संसद में बैठे राजनेताओं तक नहीं पहुंची. ऐसा इसलिए क्योंकि जब पहलवानों को सड़क पर घसीटा जा रहा था, तब उनके हाथों में तिरंगे की तस्वीरे सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं.

अब पहलवानों की ओर से किसान नेता नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार को 5 दिन का अलटीमेटम दिया है, वहीं इस आवाज को दबाने के लिए हिंदूत्व का सहारा लिया जा रहा है. यौन शोषण के आरोपों से घिरे बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है. इसमें संत भाग लेंगे. बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः ‘…गहलोत-पायलट के बीच नहीं हुई सुलह’, बीजेपी सांसद ने कांग्रेस के दावे पर दिया ये बड़ा बयान

इधर, रेसलर साक्षी मलिक (Sakshee Malikkh) ने सोशल मीडिया के जरिए शासन तंत्र पर करारा प्रहार किया है और केंद्र सरकार को ‘सफेदी वाला तंत्र’ कहकर संबोधित किया है. साक्षी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मेडल्स गंगा में प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे. हमने पवित्रता से इन मेडल को हासिल किया था. इन मेडल को पहनाकर तेज सफेदी वाला तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है. फिर हमारा शोषण करता है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली.

https://twitter.com/SakshiMalik/status/1663440317696155648?s=20

इससे पहले पहलवानों ने जंतर मंतर से भगाने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करने की धमकी दी थी. साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित अन्य पहलवानों को हिरासत से छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ दिनों में इंडिया गेट पर आमरण अनशन और सभी मैडल को गंगा में बहाने का ऐलान किया था. बीते दिन पहलवान मेडल बहाने के लिए हरिद्वार पहुंच गए लेकिन मेडल बहाने के फैसले पर गंगा समिति पहलवानों के खिलाफ खड़ी हो गई. उनका कहना था कि ये हर की पौड़ी पूजा-पाठ की जगह है, राजनीति की नहीं. वहीं साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट करीब एक घंटे तक हर की पौड़ी में बैठकर मेडल पकड़े रोते रहे.

खबर लगते ही भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत वहां पहुंचे और किसान नेता नरेश टिकैत ने खिलाड़ियों से मेडल ना बहाने की अपील की. एक्शन के लिए 5 दिन का समय मांगा. पहलवानों से बात कर उन्होंने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है. टिकैत ने पहलवानों से मेडल्स और मोमेंटो वाली पोटली भी ले ली है. उन्होंने कहा कि अब गंगा में विसर्जित नहीं किया जाएगा बल्कि इन्हें राष्ट्रपति को देंगे. इसके बाद सभी पहलवान हरिद्वार से घर के लिए रवाना हो गए. बता दें, ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे. रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद ये जंतर-मंतर से लौट आए थे.

Leave a Reply