लोकसभा स्पीकर और आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन ने बीेजेपी के एक पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया। उनके अनुसार, बीजेपी उनके टिकट को लेकर असमंजस में है और उन्हें निर्णय लेने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया है कि अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि अब असमंजता की स्थिति समाप्त हो गई है और पार्टी को इंदौर सीट पर जल्द नाम तय करना चाहिए.
अपने पत्र की शुरूआत करते हु सुमित्रा महाजन ने लिखा है, ‘भारतीय जनता पार्टी ने आज दिनांक तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. संभव है कि पार्टी को निर्णय लेने में संकोच हो रहा है. हालांकि मैंने पार्टी में वरिष्ठों से इस संदर्भ में बहुत पहले ही चर्चा थी और निर्णय उन्हीं पर छोड़ा था. लगता है उनके मन में अब भी कुछ असमंजसता है. इसलिए मैं घोषणा करती हूं कि मुझे अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना है. अत: पार्टी अपना निर्णय मुक्त मन से करें, नि:संकोच होकर करे.
बता दें, 75 वर्षीय सुमित्रा इंदौर से 1989 से लगातार जीत रही हैं. वह यहां से 8 बार सांसद रह चुकी हैं और ताई के नाम से पॉपुलर हैं. इंदौर में बीजेपी 30 साल से अजेय रही है. अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस सिर्फ चार बार जीत सकी है. इंदौर लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने 4-4 सीटें जीती थीं।
महाजन के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद टिकट पाने वाले दावेदारों में भाजपा के बंगाल प्रभारी व पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तीन बार से विधायक मालिनी गौड़ का नाम सबसे आगे है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी लोकसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. उमा भारती के इनकार करने के बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य का हवाला देकर चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है.