नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की मौत, एजुकेशन माफिया और सरकार पर बरसे सांसद बेनीवाल

080d8c00 97ee 4ecd a7e7 12b08582f658
080d8c00 97ee 4ecd a7e7 12b08582f658

जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल स्कूल में छत से गिरने से छात्रा की हुई मौत, नीरजा मोदी स्कूल के छठी कक्षा की है छात्रा, फिलहाल, घटना के कारणों की जांच जारी है, वही इस दुखद मामले को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने दी प्रतिक्रिया, सांसद बेनीवाल ने कहा- अभिभावकों की बड़ी जेब काटने वाले शिक्षा माफिया जिन्हें रियायती दरों पर सरकारें जमीन मुहैया करवाती हैं वो अपने ऊंचे रसूखात के दम पर बड़ी -बड़ी इमारतें खड़ी कर लेते है, लेकिन उनमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं होती और ऐसी अनदेखी के कारण ही आज जयपुर के मानसरोसर स्थित नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा -6 की एक छात्रा की स्कूल बिल्डिंग से गिरने के कारण दर्दनाक मृत्यु हो गई और जिस हादसे की जांच आवश्यक है मगर स्कूल प्रबंधन ने जांच से पहले सबूत ही मिटा दिए और जांच से पहले ही जब खाकी के बयान साक्ष्य मिटाने को जायज ठहरा रहे है तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता.

आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा- मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कहना चाहता हूं कि स्कूल की छत से गिरने के कारण इस हादसे ने उस बालिका के परिवार को ही नहीं तोड़ा बल्कि एक संवेदनशील सवाल को भी सामने लाकर खड़ा किया कि ऊंचे रसूख वाले शिक्षा माफियाओं के शिक्षण संस्थान जो लाखों रुपए फीस वसूलते है, उनके संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी पुख्ता है ? मैं राजस्थान के शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर को भी पूछना चाहता हूं कि क्या ड्रेस कोड बदलने, हर रोज मीडिया के सामने स्कूलों के लिए नए नियम लाने ,नई शिक्षा नीति का केवल बखान करने से ऐसी स्कूलों में सुधार संभव है ?

सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि स्कूलों के लिए भी नियम -कायदे बने हुए है मगर वो नियम कायदे ऐसी स्कूलों पर इसलिए लागू नहीं होते है क्योंकि स्कूल संचालकों के सत्ता में ऊंचे रसूख है, मेरी राजस्थान पुलिस के DGP से अपील है कि इस मामले में जयपुर पुलिस कमिश्नर को निर्देशित करके स्कूल प्रबंधन से जुड़े प्रमुख लोगों के खिलाफ गैर -इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, चूंकि किसी भी घटना की निष्पक्ष जांच के लिए साक्ष्यों का होना जरूरी है मगर मीडिया के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने साक्ष्य साफ करवा दिए और कानूनी रूप से साक्ष्यों का विघटन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है ऐसे में साक्ष्य मिटाने से जुड़ा एक मुकदमा पृथक से दर्ज होना चाहिए और इस पूरे मामले की जांच पुलिस मुख्यालय की मॉनिटरिंग में SIT बनाकर करनी चाहिए क्योंकि घटना   के बाद साक्ष्य मिटाने से जुड़े सवाल पर जो बयान पुलिस के आए उससे यह स्पष्ट है कि संबंधित जॉन की पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं करेगी , मैं राजस्थान पुलिस के मुखिया को यह भी कहना चाहता हूं कि FIR दर्ज होकर जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होने से ही ऐसी लापरवाही की पुनरावृति नहीं होगी और स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया जाएगा.

सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि मेरी संवेदनाएं दिवंगत बालिका अमायरा के परिजनों के साथ है, ईश्वर उस मासूम बालिका की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें

Google search engine