Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में मंगलवार को कोरोना का फिर नया रिकॉर्ड बना है. राजस्थान में पिछले 24 घंटे के अंदर कोरोना के 12,201 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 64 लोगों की मौत हो गई है. जयपुर, जोधपुर कोटा में लगातार एक हजार से ऊपर नए मामले सामने आ रहे हैं. आम और खास कोरोना के कहर से कोई नहीं बच पा रहा है. गहलोत सरकार में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, विधायक कृष्णा पूनियां, अमीन कागजी, दीपेन्द्र सिंह शेखवात सहित कई नेता और अधिकारी कोरोना की जद में हैं. प्रदेश के हालातों से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जन अनुशासन पखवाड़ा के साथ अब नो मास्क नो मूवमेंट अभियान चलाने का फैसला किया है, जिसके तहत बिना मास्क घर से निकलने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही कोरोना के मामलों अप्रत्याशित बढ़ोतरी को देखते हुए गहलोत सरकार ने जयपुर में नया कोविड केयर सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि अस्पतालों में भर्ती हल्के लक्षण वाले मरीजों को वहां शिफ्ट किया जा सके.
कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच अब सख्ती बरतना शुरु कर दिया है. राजस्थान की गहलोत सरकार अब प्रदेश भर में सख्ती के साथ नो मास्क नो मूवमेंट अभियान चलाएगी. इस अभियान के तहत अब बिना मास्क पहने किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा. बिना मास्क घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी और भारी जुर्माना वसूला जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को वीसी के माध्यम से हुई शहरी निकायों के प्रमुखों, नगरीय निकायों के अफसरों के साथ वर्चुअल बैठक में इस अभियान की घोषणा की.
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नो मास्क-नो एंट्री से ज्यादा सख्त होगा नो मास्क-नो मूवमेंट अभियान
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, कोरोना की दूसरी घातक लहर पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ‘नो मास्क-नो एन्ट्री’ से एक कदम आगे बढ़कर पूरी सख्ती के साथ प्रदेश में ‘नो मास्क-नो मूवमेन्ट’ अभियान चलाएगी. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी हो गया है कि बिना मास्क के कोई भी घर से बाहर न निकले. कई देशों में मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग तथा कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना के कारण ही वहां संक्रमण रोकने में सफलता मिली. कई अध्ययन भी यह बताते हैं कि संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाय मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीन ही हैं. ऐसे में, लोग राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों की पालना में पूरा सहयोग करें.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बिना अनुशासन हम संक्रमण की चेन नहीं तोड़ सकते, इसी को ध्यान में रखकर जन अनुशासन पखवाड़े जैसा कदम सरकार ने पूरी गंभीरता के साथ उठाया है. इससे कुछ समय के लिए लोगों को असुविधा हो सकती है, लेकिन जीवन बचाने के लिए हम सभी को स्व अनुशासन में रहकर जीवन रक्षा का फर्ज निभाना होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि हेल्थ प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर जुर्माना वसूलना सरकार का उद्देश्य नहीं है. इसके पीछे की भावना लोगों को सख्ती से अनुशासन की पालना के लिए प्रेरित करना है.
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इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि जिस घातक गति से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, देशभर में लोगों की मौत हो रही हैं, कई राज्यों में स्थिति बेहद चिंताजनक है. ऑक्सीजन, बैड, वेन्टीलेटर एवं जरूरी दवाओं सहित संसाधन कम पड़ने लगे हैं. सीएम गहलोत ने कहा ऐसे में, कोविड प्रोटोकॉल की पालना किए बिना हम इस लड़ाई को नहीं जीत सकते, क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ अस्पतालों में नहीं, घर और समाज को साथ लेकर लड़नी होगी.
राधास्वामी सत्संग भवन में बनेगा प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर
वहीं दूसरी तरफ पूरे प्रदेश के कोरोना हालातों पर नजर डालें तो राजधानी जयपुर में अभी सबसे ज्यादा तेजी से केस मिल रहे हैं, वहीं अस्पतालों पर इलाज करवाने वालाें का लोड भी बढ़ता जा रहा है. ऐसी स्थिति को देखते हुए गहलोत सरकार अब प्रदेश का सबसे बड़ा अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाने की तैयारी में जुट गई. इस सेंटर के लिए मंगलवार को कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, कोविड मैनेजमेंट के लिए लगाए गए नोडल ऑफिसर गौरव गोयल ने शहर में दो स्थानों पर दौरा किया. सीतापुरा स्थित जेईसीसी सेंटर और टोंक रोड बीलवा स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन, इसमें सत्संग भवन की जगह ज्यादा ठीक लगी. लगभग 7 लाख वर्गफुट एरिया में फैले इस सेंटर पर 5 हजार बेड लगाकर अस्थाई कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में 500 बेड लगाकर इसकी शुरुआत की योजना है.
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आपको बता दें, टोंक रोड़ पर बीलवा स्थित राधास्वामी सत्संग व्यास भवन का यह सेंटर पर खास बात ये है कि यहां पर्याप्त मात्रा में पीने के लिए पानी, शौच आदि के लिए सैकड़ों टॉयलेट की व्यवस्था पहले से है. इसके अलावा यहां एक मेगा किचन भी है, जहां मरीजों के लिए सुबह, दोपहर और शाम के लिए शुद्ध-ताजा भोजन बनाकर उन्हें खिलाया जा सकता है. इसके अलावा यहां पर्याप्त मात्रा में पंखे व अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं. मौके का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों ने बताया कि परिसर में ऐसे कोरोना संक्रमितों को रखा जाएगा, जो बिना लक्षण या कम लक्षण वाले हैं और जिनके यहां होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं या सुविधाएं नहीं हैं. इसके अलावा उन मरीजों को भी यहां रखा जाएगा, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होगी. हालांकि इस सेंटर पर वैकल्पिक तौर पर ऑक्सीजन वाले बेड की व्यवस्था भी रखी जाएगी. बेड कैसे तैयार किए जाएं, इसके लिए दिल्ली और इंदौर में बने कोविड सेंटर जानकारी जुटाई जाएगी.