Politalks.news/Uttarakhand. आगामी 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही सत्ता में हुए परिवर्तन ने कांग्रेस की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए है. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के चयन की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ी गई. आलाकमान ने ‘दलित’ मास्टरस्ट्रोक चलते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस द्वारा चला गया ये मास्टरस्ट्रोक उन्हें यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी लाभकारी होगा और इसकी पुष्टि पॉलिटॉक्स पहले ही कर चुका है. और इस खबर पर मुहर लगाने का काम किया उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने. हरीश रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘मैं ये चाहता हूं की उत्तराखंड में भी कोई दलित मुख्यमंत्री बने’.
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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिलहाल मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. पंजाब में कांग्रेस द्वारा चले गए दलित कार्ड का असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलेगा. इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘वह उत्तराखंड में किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं’. उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि, ‘उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद पर कोई दलित नेता पहुंच सके, इस मकसद के लिए हमारी पार्टी पूरी शिद्दत से काम करेगी. पंजाब में पहला दलित सीएम बनने के बाद अब उत्तराखंड को भी दलित सीएम मिलना चाहिए’. हरीश रावत ने बयान हरिद्वार ज़िले के लाकसर में एक आम सभा को संबोधित करते हुए दिया.
पंजाब में चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के कांग्रेस के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए हरीश रावत ने कहा कि, ‘पंजाब में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाया गया है’. रावत ने आगे कहा कि, ‘कांग्रेस ने सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में इतिहास रच दिया, जब पार्टी ने उस बेटे को सीएम बनाया, जिसकी मां ज़िंदगी भर गोबर के कंडे बनाती रही. इस बेटे ने जब शपथ लेने के बाद अपने संघर्ष के बारे में बताया तो वहां सबकी आंखें नम थीं’.
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आम सभा को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि ‘मैं ईश्वर से और गंगा मैया से प्रार्थना करता हूं कि अपने जीवन में उत्तराखंड में किसी दलित को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में देख सकूं और मैं और मेरी पार्टी इस लक्ष्य के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी’. हरीश रावत के इस बयान ने अन्य राजनीतिक दल बीजेपी और आम आदमी पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति पर पुनः विचार करने पर मजबूर कर दिया है. आम आदमी पार्टी पहले ही अपने मुख्यमंत्री का एलान कर चुकी है तो वहीं बीजेपी फिलहाल असमंजस में है.