Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की गहलोत सरकार पिछले दो साल से आंतरिक कलह से झूझ रही है. पिछले साल सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों द्वारा की गई बगावत से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो. लेकिन अब गहलोत समर्थक विधायक ही आपस में भीड़ जाएंगे ये तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी नही सोचा होगा, हालांकि दोनों अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक हैं, इसलिए यहां बगावत जैसी कोई बात नहीं है. दरअसल, हर बुधवार को बुलाई जाने वाली कैबिनेट बैठक की तरह कल भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस के दो दिग्गज आपस में ही उलझ गए. सूत्रों की मानें तो भिड़ंत भी इतनी जोरदार थी कि दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी भी दे डाली. यही नहीं दोनों वरिष्ठ दिग्गज बैठक के बाद भी भिडते हुए नजर आए.
बुधवार देर रात तक चली गहलोत मंत्रीपरिषद की बैठक में गहलोत सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और शिक्षा मंत्री के साथ हाल पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा में जबर्दस्त भिड़ंत हो गई. दरअसल, बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच फ्री वेक्सिनेशन को लेकर तीखी नोकझोक हुई. कैबिनेट बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने फ्री वेक्सिनेशन को लेकर कहा कि काग्रेस ने फ्री वैक्सीनेशन की मांग करते हुए सोशल मीडिया कैंपेन चलाया, अब हर जिला स्तर पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देना चाहिए, हमें इस अभियान को ग्राउंड लेवल पर भी उतारने की जरूरत है. गोविंद सिंह डोटासरा के इस बयान पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने डोटासरा की बात काटते हुए कहा कि इसकी क्या जरूरत है, मंत्रियों का काम ज्ञापन देने का नहीं है.
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शांति धारीवाल के बीच में बोलने पर डोटासरा ने आपत्ति जताई तो धारीवाल भी अड़ गए और कहा कि मैं अपनी बात रखूंगा. बस इसके बाद दोनों नेताओं में बहुत बहस हुई जिसके बाद बात तू-तू मैं-मैं के साथ एक-दूसरे को देख लेने तक पहुंच गई. इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने काफी बीच-बचाव किया, लेकिन वे दोनों नहीं माने.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयान के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने शिकायती लहजे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा कि आपके सामने सब कुछ हुआ है. पार्टी संगठन के मुद्दे पर बात हुई तो अध्यक्ष को बोलने तक नहीं दिया, इस तरह के बर्ताव पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा बैठक से जाने को तैयार हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें शांत करवाते हुए अपनी बात पूरी करने को कहा. यही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल के बाद भी शांति धारीवाल ने डोटासरा को चेतावनी देते हुए कहा कि जो बिगाड़ना है वह बिगाड़ लेना, मैंने बहुत से अध्यक्ष देखे हैं.
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सूत्रों की मानें तो मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान तो जैसे-तैसे मामले को शांत करा दिया गया, लेकिन बैठक के ख़त्म होने के बाद सीएम आवास से बाहर निकलते समय दोनों नेता एक बार फिर आमने सामने हो गए और बताया जा रहा है कि बैठक से भी ज्यादा तीखी नोंकझोक बाहर हुई. बैठक समाप्ति के बाद शांति धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि मैं आपके आदेश मानने को किसी भी तरह से बाध्य नहीं हूं. इस पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं आदेश तो मानने ही पड़ेंगे. अभी तक पार्टी में जैसा मैं आदेश दूंगा वह सबको मानना ही पड़ेगा, आपमें कौन से सुरखाब के पर लगे हैं.
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने तेज आवाज में शांति बधारीवाल से कहा- इतनी देर से डींगें हांक रहे हो, आपने जयपुर के प्रभारी रहते ढाई साल में आज तक एक मीटिंग तक नहीं ली, आप काहे के प्रभारी हो आप? मैं आपको बता दूँ कि आपका यह एटीट्यूड पार्टी के लिए ठीक नहीं है, इसकी रिपोर्ट मैं सोनिया गांधी को दूंगा, मैं आपकी उम्र का लिहाज कर रहा हूं. डोटासरा के इस बयान पर शांति धारीवाल फिर बिफर गए और पलटवार करते हुए कहा कि मैं सब देख लूंगा, मुझे ज्ञान देने की जरूरत नहीं है, मुझे धमकाएंगे क्या आप? दोनों मंत्रियों की झड़प को भांपते हुए साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग किया.
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मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में कई मंत्री सीएम आवास पर पहुंचे और कुछ ने वर्चुअली बैठक में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आवास में मौजूद होने के बावजूद वर्चुअली बैठक में मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बहस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना कैमरा कुछ समय के लिए बंद कर लिया था. इससे पहले भी डोटासरा और धारीवाल एक दूसरे के सामने हो चुके हैं.