Politalks.News/NationalCongress. हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद आये परिणामों ने कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया है. बंगाल और असम में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर निष्पक्षता के साथ समीक्षा करने की बात कही है. शुक्रवार को हुई कांग्रेस पार्लियमेन्ट्री की ऑनलाइन बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि जल्द ही विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जायेगी. इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार पर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए कई निशाने साधे.
हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्लियामेंट्री कमिटी की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हार पर चर्चा लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी. यह हार हमारे लिए ‘अप्रत्याशित‘ है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) जल्द ही मिलेगी और इस नतीजों की समीक्षा करेगी. सोनिया गांधी ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से इसे स्वीकार करना चाहिए और इस झटके को विनम्रता की भावना से स्वीकार कर सबक लेना चाहिए. इस दौरान सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी और एमके स्टालिन को उनकी जीत पर बधाई भी दी.
इसके साथ ही बैठक में सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार पर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने का आरोप भी लगाया. सोनिया गांधी ने कहा कि, कोरोना महामारी ‘सरकार बनाम हम‘ की लड़ाई नहीं है, ‘बल्कि हम बनाम कोरोना‘ है. हम सब को एक राष्ट्र के तौर पर इस लड़ाई को लड़ना होगा. इसके साथ ही सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को कोविड के हालात को लेकर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात भी कही.
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कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक के दौरान सभी सांसदों से सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘आज हमारा देश एक अप्रत्याशित स्थिति का सामना कर रहा है. हजारों लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह देखना बेहद दुखद है कि लोग अस्पतालों में और केन्द्र सरकार क्या कर रही है? लोगों की पीड़ा और दर्द को कम करने की बजाय उसने जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लिया है.’
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि स्वास्थ्य संबंधी संसद की स्थायी समिति और विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की तैयारियों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की थी. इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने इस साल अंहकार के साथ ऐलान कर दिया कि उन्होंने कोरोना महामारी पर जीत हासिल कर ली है तथा उनकी पार्टी ने इस तथाकथित सफलता के लिए उन्हें सम्मानित भी किया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने विशेषज्ञ की सलाह की उपेक्षा करते हुए ऑक्सीजन, दवाओं और वेंटिलेंटर की आपूर्ति को मजबूत नहीं किया. देश के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार टीकों का समय पर ऑर्डर देने में विफल रही. इसके साथ ही, वह उन परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये आवंटित करती रही जिसका जनता के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं हैं. यहां सोनिया गांधी का इशारा मोदी सरकार के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा की और था.
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कांग्रेस सांसदों की वर्चुअल बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘आपको पता है कि संसद ने कोरोना के मुफ्त टीकाकरण के लिए 35000 रुपये का प्रावधान किया, लेकिन मोदी सरकार इसका बोझ भी राज्य सरकारों पर पर डाल रही है. मोदी सरकार ने टीकों की अलग अलग कीमत को मंजूर दी है और अब तक टीकों का निर्माण बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस भी नहीं दिए.’
सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भारत की कई क्षमताओं और संसाधनों का उपयोग करने में अक्षम रही है. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि आज भारत को उस राजनीतिक नेतृत्व ने निर्बल बना दिया है जिसे जनता के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. मोदी सरकार ने हमारे देश के लोगों को निराश किया है.
कांग्रेस पार्लियामेंट्री बोर्ड की इस बैठक में सोनिया गांधी ने संकट की घडी में लोगों की सहायता करने के लिए पार्टी और युवा संगठन की तारीफ़ भी की. इस दौरान सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और स्वयं की ओर से पीएम मोदी को लिखे पत्रों का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर विपक्ष की बातों को अनसुना करने का आरोप भी लगाया.