सोनभद्र नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को आज दोपहर मिर्जापुर जिला प्रशासन ने हिरासत में ले लिया. रोके जाने के विरोध में प्रियंका गांधी और कांग्रेसी नेता मौके पर ही धरने पर बैठ गए. हालांकि पुलिस ने उनके काफिले को सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते नारायणपुर के पास रोका है. वजह रही कि इलाके में धारा 144 लागू है जिससे वे उस क्षेत्र में नहीं जा सकती लेकिन प्रियंका गांधी ने इस बात का तोड़ निकाला है. उन्होंने कहा कि मैं तीन लोगों के साथ परिजनों से मिलने वहां जाऊंगी जिससे धारा 144 का उल्लंघन न हो सके.
प्रियंका गांधी का असली ड्रामा तो इसके बाद शुरू हुआ. अपने काफिले को रोके जाने और सोनभद्र जाने की जिद पर प्रियंका अपने साथ मौजूद कांग्रेस नेताओं के साथ वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गई. धरना शुरु करने की सूचना के बाद प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया और आला अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई. पहले पुलिस प्रशासन ने प्रियंका संग कांग्रेसियों को निषेधाज्ञा लागू होने की जानकारी देकर धरना खत्म कराने के लिए मनुहार की. बाद में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए एसडीएम चुनार की गाड़ी में हिरासत पर लेकर प्रियंका गांधी को धरना स्थल से हटाया गया. हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को मीरजापुर जिला प्रशासन ने चुनार किला स्थित डाक बंगले में भेज दिया.
हिरासत में लिए जाने के बाद चुनार गेस्ट हाउस पहुंची प्रियंका वाड्रा ने सबसे पहले एसडीएम से वारंट मांगते हुए पूछा कि बिना वारंट के मुझे कैसे यहां लाए हैं. अधिकारियों ने उनको निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहते हुए समझाने की कोशिश की. इस पर प्रियंका ने भड़कते हुए सीओ को कायदे कानून समझाते हुए कहा कि बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं होती. यह तो किडनैपिंग है. सीओ हितेंद्र कृष्ण उनसे भी दो कदम आगे निकले. उन्होंने कहा कि मैम, बगैर वारंट के भी गिरफ्तारी हो सकती है. गेस्ट हाउस में किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. इससे पहले उन्होंने खुद को रोके जाने का लिखित आदेश दिखाने की भी जिद की.
जिलाधिकारी अनुराग पटेल, पुलिस अधीक्षक अवधेश पांडेय, एसडीएम सत्य प्रकाश सिंह उन्हें सोनभद्र न जाने के लिए मनाने में जुटे रहे. वहीं डाक बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा भी शुरु हो गया. इस पर प्रशासन ने मौके पर भारी भीड़ को देखते हुए गेस्ट हाउस के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया. गेट पर ही कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे. प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को लेकर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया, उन्हें केवल रोका गया है.
चुनार किले में गेस्ट हाउस के गेट के बाहर भी प्रियंका ने चिल्ला चिल्ला कर कांग्रेसियों को कहा कि मेरी गिरफ्तारी का कोई भी कागज प्रशासन नहीं दिखा रहा है. राज्य में कानून व्सवस्था की स्थिति ठीक नहीं है?. सोनभद्र में हुई जमीनी विवाद में हत्या में मारे गए लोगों के परिजनों से मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा है. मुझे गिरफ्तार कर चुनार किला लाया गया है. यहां से चाहे मुझे कहीं भी ले जाया जाय परन्तु मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी.’ खबर लिखे जाने तक गेस्ट हॉउस के बाहर हंगामा जारी है.
इस मामले पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘यूपी के सोनभद्र में प्रियंका की अवैध गिरफ्तारी परेशान कर रही है. सत्ता की यह मनमानी, 10 आदिवासी किसानों के परिवारों को अपनी जमीन खाली करने से इनकार करने पर क्रूरता से गोली चलाने जैसे घटनाक्रम यूपी में बीजेपी सरकार की बढ़ती असुरक्षा का खुलासा करती हैं.’
The illegal arrest of Priyanka in Sonbhadra, UP, is disturbing. This arbitrary application of power, to prevent her from meeting families of the 10 Adivasi farmers brutally gunned down for refusing to vacate their own land, reveals the BJP Govt’s increasing insecurity in UP. pic.twitter.com/D1rty8KJVq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2019
रॉबर्ट वाड्रा ने भी प्रियंका की गिरफ्तारी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में विरोध दर्ज कराया है. वाड्रा ने लिखा है कि जिस तरह से मेरी पत्नी व कांग्रेस नेता प्रियंका को गिरफ्तार किया गया है, वो पूरी तरह अंसवैधानिक है. उनकी गिरफ्तारी बिना किसी कारण है.
बता दें, यूपी के सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर नरसंहार हुआ जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और करीब 28 से अधिक घायल हुए. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का विश्वास दिलाया है. मामले में 24 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. नरसंहार मुख्य आरोपी प्रधान अभी फरार है.