सोलंकी का नागर पर पलटवार- मंत्री बनने की लालसा में किसके इशारे पर बोल रहे हैं जनता सब जानती है

कौनसा कारगिल का युद्ध जीतकर आए थे जो टिकट मिलता, महिला के चीरहरण के कारण सलाखों के पीछे जेल में थे, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी ने बाबूलाल नागर का टिकट काटा था- वेदप्रकाश सोलंकी

नागर पर सोलंकीवार
नागर पर सोलंकीवार

Politalks.News/Rajasthan. पिछले कुछ दिनों से शांत पड़ी राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया है. गहलोत-पायलट गुट के बीच थम चुका बयानबाजी का दौर एक बार फिर तेज हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाने वाले दूदू से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर द्वारा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर किए गए वार पर पायलट के कट्टर समर्थक चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने जबरदस्त पलटवार किया है. सोलंकी ने कहा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने में सचिन पायलट का सबसे अहम और बड़ा योगदान है. वेदप्रकाश सोलंकी ने बाबूलाल नागर से ही जबाव मांगा कि वे खुद ही बताएं कि 2018 में उनका टिकट किसने और क्यों कांटा था. सोलंकी ने कहा कौनसा कारगिल का युद्ध जीतकर आए थे जो टिकट मिलता, महिला के चीरहरण के कारण सलाखों के पीछे जेल में थे, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी ने बाबूलाल नागर का टिकट काटा था. उसके बाद भी उनके भाई को टिकट दिया पार्टी ने.

विधायक सोलंकी ने कहा टिकट तो हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान ले लिया था तब काटना पड़ा था हाईकमान को. लेकिन बाबूलाल नागर खुद कांग्रेस को मां कहते हैं तो फिर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के सामने बागी चुनाव क्यों लड़ा? नागर जमानत जब्त करने वालों को टिकट देने की बात कह रहे हैं, तो दूदू में कांग्रेस का उम्मीदवार इसलिए हारा क्योंकि नागर बागी खड़े हो गए. नागर बागी खड़े नहीं होते तो कांग्रेस का उम्मीदवार जीतता. माफी तो बाबूलाल नागर को मांगनी चाहिए जिन्होंने कांग्रेस से बगावत की.

चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस के 19 निष्ठावान विधायकों को हथकंडे अपनाने वाले कहने वाले बाबूलाल नागर अपने गिरेबान में झांककर देखें. बगावती तो वो हैं, जिन्होंने पार्टी से विद्रोह कर चुनाव लड़ा. हर गलती कीमत मांगती है कहने वाले नागर स्वयं ही बता दे कि वे अपनी इन गलतियों के लिए अपने लिए कौनसी सजा तय करेंगे. मंत्री बनने की लालसा में नागर किसके इशारे पर ये सब बोल रहे हैं यह प्रदेश की जनता अच्छी तरह से जानती हैं.

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पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का अधिकार नहीं बाबूलाल नागर को
वेदप्रकाश सोलंकी ने बाबूलाल बनागर की ओर से सचिन पायलट खेमे पर लगाए आरोपों का जबाव देते हुए पत्रकारों से कहा कि पहली बात तो निर्दलीय विधायक के नाते नागर को कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का अधिकार किसने दिया. आप अगर कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही अपने आपको मानते हैं तो कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के सामने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव ही नहीं लड़ना चाहिए था. सोलंकी ने आगे कहा कि यह तो आलाकमान की दरियादिली समझिए कि आपके जेल में होने के बावजूद आलाकमान ने आपके भाई को टिकट दिया था. कांग्रेस की बात करने वाले हाथ के निशान पर जीत कर आते तब ये बातें करते.

सचिन पायलट के फोटो व बैनर क्यों लगाते हैं अपने कार्यक्रमों में
पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने बाबूलाल नागर से पूछा कि पायलट पर आरोप लगाने वाले दूदू के प्रत्येक कार्यक्रम में पायलट के फोटो व बैनर क्यों लगाते हैं. दो दिन पहले दूदू कार्यक्रम में जिसमे डोटासरा भी गए थे. उस कार्यक्रम में नागर ने मंच पर सचिन पायलट का फोटो लगा रखा था. सचिन पायलट अगर लोकप्रिय नहीं है और जनता में पकड़ नहीं है तो नागर ने उनका फोटो क्यों लगा रखा था?

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नागर पर पलटवार करते हुए सोलंकी ने कहा कि बजरी में एसओजी में मुकदमा चला गया, पानी की जांच की आंच आई तब वे क्यों बोल रहे हैं. दो तरफा बात नहीं चलेगी. सोलंकी ने कहा कि नागर ने जांच की आंच पहुंचने से पहले ही सचिन पायलट के खिलाफ बयान दिया है. नागर की कोई नस दबी हुई है इसीलिए पायलट के खिलाफ बयान दिया है. मैं गर्व से कहता हूं कि पायलट के कारण जीता हूं. मुझे टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के साथ खड़ा था. अपमान करने वाले को माफी मांगनी चाहिए. सोलंकी ने कहा कि सचिन पायलट के योगदान को चुन्नीदा लोग भूला नहीं सकते. उन्हें तो पूरी जनता से माफी मांगनी चाहिए. ढाई साल तक नहीं बोलने वाले अब क्यों बोले.

माफी वो मांगें जिनकी वजह से पार्टी 2013 में 21 सीटों पर सिमट गई थी
वेदप्रकाश सोलंकी ने बाबूलाल नागर से पूछा कि आपने किस नेता के प्रवक्ता बनकर 2018 के चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सवाल उठाए. 2018 के लिए माफी मांगने की बात कहने वाले नागर 2013 में पार्टी की करारी हार के लिए किससे माफी मंजवाएंगे. नागर यह साफ तो करें कि कौनसे सन की जांच करवाना चाहते हैं. असल मे माफी तो 2013 में पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई उसके लिए जो भी दोषी है उनको सबसे पहले माफी मांगनी चाहिए.

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वेदप्रकाश सोलंकी में कहा कि 2018 चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में लाने में सचिन पायलट के योगदान को यूं ही भुलाया नहीं जा सकता. पायलट ने सड़कों पर संघर्ष किया है और लाठियां खाई है. कार्यकर्ताओं के संघर्ष को दरकिनार करने वाले नेताओं को माफी मांगने की जरूरत है. मैं नहीं कहता कि अन्य नेताओं का योगदान नहीं था पर पायलट का सबसे अधिक योगदान रहा. सोलंकी ने कहा, आदरणीय पायलट साहब के साथ खड़े हम सब विधायक तो पहले भी कांग्रेस की जाजम पर ही बैठे थे और आने वाले कल में भी हम कांग्रेस की जाजम पर बैठे मिलेंगे. कांग्रेस छोड़ बागी बने बाबूलाल नागर जी ही बताए कि वे कौनसी जाजम की बात कर रहे हैं? कांग्रेस की जाजम तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की है वो ही बैठेंगे.

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